नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में मूल वेतन का 12-12 प्रतिशत योगदान देना होता है।
श्रम मंत्रालय ने अब वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देय ब्याज की रकम को 8.5 प्रतिशत की दर से एकबार में ही ईपीएफ खाते में डालने का सुझाव दिया है।
ईपीएफओ ने महामारी के दौरान 52 लाख कोविड-19 दावों का निपटान किया है और अपने सदस्यों को 13,300 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई है।
सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी कुछ दिन में मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अंशधारकों के खातों में ब्याज इसी महीने डाला जाएगा।
ईपीएफओ (EPFO) सदस्य तीन माह का बेसिक वेतन (बेसिक वेतन और महंगाई भत्ता) या अपने कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (EPF) खाते में जमा कुल राशि का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो उसे निकाल सकता है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने बुधवार को 2019-20 के लिए ईपीएफ सदस्यों को 8.5 प्रतिशत ब्याज का भुगतान दो किस्तों में करने को भी अपनी मंजूरी दी है।
अपना एकाउंट रिवाइव कराने के लिए बैंक या पोस्ट ऑफिस 50 रुपए की पेनाल्टी भी लगाते हैं। जो भी आपकी बकाया राशि है उसे भरने के साथ पेनाल्टी भी देना होगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत सरकार ने कोरोना वायरस की संकटपूर्ण स्थिति में वापस न करने वाली अग्रिम भुगतान योजना का प्रावधान किया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से वित्त वर्ष 2017-18 के लिये पांच करोड़ अंशधारकों के खातों में 8.55 प्रतिशत ब्याज डालने को कहा है। यह वित्त वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम है।
अगर आप नौकरी छोड़ चुके हैं या रिटायर होने के बाद यह उम्मीद पाले बैठें है कि आपके EPF खाते पर ब्याज मिलेगा तो यह आपकी गलतफहमी है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों को अब नौकरी बदलने पर अपना EPF ट्रांसफर करवाने के लिए अलग से फॉर्म-13 देने की जरूरत नहीं होगी।
EPFO के चार करोड़ अंशधारकों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी है। अब वे अपने ईपीएफ एकाउंट से बीमारी के इलाज के लिए बिना मेडिकल सर्टीफिकेट दिए पैसा निकाल सकते हैं।
EPFO अपने चार करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए अगले महीने एक हाउसिंग स्कीम लॉन्च करेगा। कर्मचारियों को घर खरीदने के लिए पैसा दिया जाएगा।
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