नियोक्ता/कंपनी न सिर्फ पीएफ फंड में योगदान करता है, बल्कि कर्मचारी की पेंशन के लिए भी जरूरी योगदान करता है जिसका इस्तेमाल कर्मचारी द्वारा रिटायरमेंट के बाद किया जा सकता है।
सुमिता डावरा ने बताया कि अगले साल जनवरी में आईटी 2.1 अपग्रेड लागू होने की उम्मीद है, जिसके बाद ईपीएफओ का आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर देश के बैंकिंग सिस्टम जैसा हो जाएगा। जिससे ईपीएफओ मेंबर और पेंशनर कम से कम मानवीय हस्तक्षेप के साथ अपने ईपीएफ खाते में जमा पैसों का एक्सेस मिल जाएगा।
ईपीएफओ के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अपने बंद पड़े खाते को दोबारा शुरू करा सकता है और खाते में जमा पैसों का एक्सेस प्राप्त कर सकता है। अगर आपका खाता UAN न होने की वजह से बंद हो गया है तो आपको ईपीएफओ के दफ्तर जाना होगा और यूएएन नंबर के लिए अप्लाई करना होगा।
साल 1976 में शुरू की गई ईडीएलआई योजना का मकसद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों को बीमा लाभ प्रदान करना है ताकि सदस्य की मृत्यु के मामले में हर सदस्य के परिवार को कुछ वित्तीय सहायता सुनिश्चित की जा सके।
यूएएन एक 12 अंकों का नंबर होता है, जो प्रत्येक ईपीएफओ के मेंबर्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आपको अचानक अपने ईपीएफओ खाते से जुड़ा कोई जरूरी काम आ गया है और आपको अपना यूएएन नंबर नहीं मालूम है तो आप कोई काम नहीं कर सकते हैं।
EPFO ने अपने अधीन आने वाले सभी कर्मचारियों के लिए एक अहम और बेहद जरूरी सूचना जारी की है। ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाने पर एक बड़ा पॉप-अप बॉक्स खुल रहा है। इस पॉप-अप बॉक्स में ईपीएफओ ने कर्मचारियों के लिए चेतावनी जारी की है।
अगर किसी कर्मचारी को पैसों की तत्काल जरूरत पड़ जाती है तो वह अपने ईपीएफओ खाते से पैसे भी निकाल सकता है। यहां हम जानेंगे कि अगर किसी व्यक्ति की मौजूदा सैलरी 25,000 रुपये है तो रिटायरमेंट यानी 60 साल की उम्र तक उसके ईपीएफ खाते में कितने रुपये जमा हो जाएंगे।
कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं जब व्यक्ति के पास प्रीमियम भरने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं। लेकिन अगर आप ईपीएफओ के मेंबर हैं और सक्रिय रूप से कॉन्ट्रिब्यूशन करते हैं तो आपको प्रीमियम भरने के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।
ईपीएफओ की तरह से किए गए इन बदलावों से बड़ी संख्या में पीएफ अकाउंट होल्डर्स को सुविधा होगी। बदलावों में ऑटो-सेटलमेंट, मल्टी-लोकेशन क्लेम सेटलमेंट और मृत्यु दावों में तेजी शामिल है।
आधार को ईपीएफ अकाउंट के साथ आप ईपीएफओ के पोर्टल, उमंग ऐप या ईपीएफओ के रीजनल ऑफिस में जाकर भी लिंक करा सकते हैं। यह प्रक्रिया काफी आसान है। यानी एक कर्मचारी के रूप में, आप कई तरीके से ऐसा कर सकते हैं।
How to withdraw money from your PF : अगर आपको बेरोजगार रहते 2 महीने या इससे ज्यादा समय हो गया है, तो आप अपने पीएफ खाते की सारी रकम निकाल सकते हैं।
EPF अकाउंट में सीमित संख्या में आप बदलाव कर सकते हैं। इसमें बदलाव करने के स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस के बार में हम इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।
श्रम और रोजगार मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों में कहा गया कि ईपीएफओ ने अक्टूबर में 1.53 मिलियन शुद्ध सदस्य जोड़े। ईपीएफओ के पेरोल डेटा को औपचारिक क्षेत्र के रोजगार सृजन का एक हाई फ्रीक्वेंसी संकेतक माना जाता है।
पीएफ अकाउंट होल्डर ईपीएफओ की ऑफिशियल वेबसाइट के जरिये अपना पीएफ नामांकन आसानी से ऑनलाइन जमा कर सकता है। ईपीएफओ खाताधारकों को अपने परिवार के सदस्यों की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के लिए नॉमिनेशन ऐड करने की अनुमति देता है।
UAN नंबर सभी सदस्यों के ईपीएफ अकाउंट से जुड़ा है, भले ही उन्होंने कितनी भी कंपनियों में काम किया हो। घर बैठे ऑनलाइन आप अपने मोबाइल नंबक को यूएएन से लिंक करा सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि अगर बहुत ज्यादा जरूरत न हो तो पीएफ अकाउंट (PF account) में जमा राशि को रिटायरमेंट से पहले नहीं निकालना चाहिए। वैसे जरूरत पड़ने पर कम से कम आप 7 साल की सर्विस पूरी करने के बाद पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।
EPF Higher Pension: आज हायर पेंशन वालों के लिए आखिरी मौका है। जिन लोगों ने अभी तक इसके लिए अप्लाई नहीं किया है, जल्दी से उसे निपटा लें ताकि पेंशन का लाभ उठाने में कोई दिक्कत ना हो।
EPF अकाउंट को मैनेज करना आसान नहीं होता है, लेकिन समय बदलने के साथ ही इसे आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जहां अब इससे जुड़ी सर्विसेज का फायदा घर बैठे आसानी से उठाया जा सकता है, वहीं अगर आप एक जगह से नौकरी छोड़कर दूसरी जगह नौकरी करने वाले हैं तो EPF अकाउंट से जुड़ा यह काम जरूर कर लें, क्योंकि इसके आपको आगे बहुत फायदे
EPFO ने सोशल सिक्योरिटी कोड 2020 के तहत आधार लिंक का फैसला लिया था। इस नियम के तहत सभी अकाउंट होल्डर्स का UAN भी आधार वेरिफाइड होना जरूरी है।
मंत्रालय के अनुसार सालाना आधार पर फरवरी 2021 में ईपीएफओ से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या में 19.63 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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