आज ED ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन इससे सियासत गरमा गई है। साथ ही अब अखिलेश भी कह रहे हैं कि बीजेपी डरी हुई साथ ही अब विपक्ष भी ये कह रहा है कि ये बदले की कार्रवाई है। देखिए मुक़ाबला का यह एपिसोड।
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे की सरकार में नवाब मलिक के पास अल्पसंख्यक, उद्यम और कौशल विकास का कैबिनेट मंत्रालय है। साथ ही वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं और पार्टी के मुंबई शहर के अध्यक्ष भी हैं।
महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद नवाब मलिक ने कहा कि वह झुकेंगे नहीं।
नवाब मलिक को दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में ईडी के दफ्तर में सुबह आठ बजे से करीब पांच घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद हिरासत में ले लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि उनका बयान धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किया गया।
CBI के कथित तौर पर देश के सबसे बड़े बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह कदम उठाया गया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने पंजाब में कथित अवैध बालू खनन से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में हनी को तीन फरवरी को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने 18 जनवरी को हनी और अन्य के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की थी।
पंजाब सीएम चन्नी ने छापेमारी के मामले में उन्हें फंसाने का प्रयास करार दिया और दावा किया कि यह बदला लेने के लिए किया जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस महीने की शुरुआत में फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित किए बिना लौटना पड़ा था।
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की बड़ी कार्रवाई की है। ईडी पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ईडी ने रेत माफिया भूपिंदर सिंह हनी से जुड़े परिसरों की तलाशी ली है। मंगलवार सुबह भुपिंदर सिंह हनी के घर समेत राज्य के 10 अलग-अलग ठिकानों की तलाशी ली गई।
ईडी ने दावा किया है कि बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे द्वारा कथित रूप से एकत्र किए गए रिश्वत के पैसे की लॉन्ड्रिंग के मुख्य लाभार्थी देशमुख थे, जो इसी मामले में एक आरोपी भी हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने बाहुबली विधायक विजय मिश्रा से पूछताछ की है। आगरा सेंट्रल जेल में विधायक विजय मिश्रा से ED ने पूछताछ की है, जल्द ED बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की सम्पत्ति अटैच कर सकती है।
अमेजन ने 816 पेज की याचिका में आरोप लगाया है कि 2019 में फ्यूचर समूह के साथ हुए 20 करोड़ डॉलर के करार को लेकर उसे बेवजह परेशान किया जा रहा। इसे लेकर ईडी की ओर से जारी समन में जो जानकारियां मांगी गई हैं, वह फ्यूचर समूह की डील से अलग हैं।
तस्सदुक हुसैन मुफ्ती पर आरोप है कि मुख्यमंत्री के तौर पर महबूबा के कार्यकाल के दौरान उनके अकाउंट में कई कश्मीरी बिल्डर्स से फंड ट्रांसफर हुआ।
केंद्र के 2020 के इस आदेश को उच्चतम न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी जिसने विस्तार आदेश को बरकरार रखा लेकिन शीर्ष अदालत ने कहा था कि मिश्रा को आगे कोई विस्तार नहीं दिया जा सकता है।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुखों के कार्यकाल को 5 साल तक बढ़ाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार एक अध्यादेश लाई है। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
हाल ही में, दिल्ली पुलिस ने ऐसे 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया था जोकि ED के नाम से लोगों से उगाही की मंशा से उन्हें फर्जी नोटिस भेज रहे थे। हैरानी की बात ये थी कि ये फर्जी नोटिस ED के असली नोटिस से हु-बा-हु मेल खाते थे, जिससे लोग आसानी से गच्चा खा जाते थे।
ये रेड इसलिए अहम है क्योंकि वक्फ बोर्ड की जमीन अल्पसंख्यक मंत्रालय में आती है और नवाब मलिक महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री हैं। ड्रग्स केस में नवाब मलिक के बीजेपी नेताओं पर ताबड़तोड़ आरोपों के बाद ये बड़ी रेड चल रही है।
मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि उसने एक सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमाया और उसे सात साल के लिए 1.7 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से एक निजी कंपनी को किराए पर दे दिया। ED इस रकम और कब्जा जमाने के मामले में अपनी पूछताछ कर रही है।
इस केस की शुरुआत 200 करोड़ की एक रंगदारी से हुई थी जो जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने एक बिजनेसमैन की पत्नी से वसूली थी। इस केस में सुकेश की पत्नी लीना पॉल के मिली भगत की भी जानकारी सामने आई थी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फिर समन कर पूछताछ के लिए बुलाया है। अग्रसेन गहलोत सोमवार को दिल्ली ED हेडक्वार्टर में फिर पूछताछ में दूसरी बार शामिल होंगे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि बिहार में जहरीली शराब मामले में दोषी पाये गये एक व्यक्ति की 12 से अधिक अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है। बिहार में 2012 में जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई थी।
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