डेंगू का एक जानलेवा रूप सामने आया है। दरअसल, हैदराबाद में दो लोगों में इसकी पुष्टी हुई है और इनमें से एक बेहद गंभीर स्थिति में है। खास बात ये है कि इसका long covid से भी कनेक्शन बताया जा रहा है। जानते हैं क्या है पूरा मामला।
जापानी इंसेफेलाइटिस की वजह से बिहार के मुजफफरपुर में एक बच्चे की मौत हो गई है। आइए जानते हैं मच्छरों से फैलने वाली इस बीमारी के बारे में विस्तार से।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को बताया कि इस साल 27 अगस्त तक AES के कारण 34 लोगों की मौत हुई है।
सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित बच्चों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए डॉक्टरों के खाली पदों को भरना अदालत की क्षमता के बाहर है।
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है। असम में जापानी इंसेफलाइटिस की वजह से पिछले दो दिनों में 12 और लोगों की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 94 तक पहुंच गई है।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन सदस्य स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा करते रहे।
चार सदस्यीय केन्द्रीय टीम का नेतृत्व करने वाले अतिरिक्त सचिव संजीव कुमार ने कहा, ‘‘जुलाई और अगस्त आने वाले दो महत्वपूर्ण महीने हैं । यह चुनौती होगी कि अगले दो महीनों में इसका प्रकोप कम हो।’’
आईएमए के एक दल ने कहा है कि बिहार के मुजफ्फ़रपुर में ऐन्सेफ्लाइटिस बीमारी से होने वाली मौतों में ‘‘लीची’’ को खाना मुख्य वजह नहीं है क्योंकि इससे नवजात भी प्रभावित हुये हैं।
बिहार के कुछ जिलों में चमकी बुखार यानि AES से लगातार हो रही मौतों के मामले में केंद्र और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री परेशानियों में घिरते दिखाई दे रहे हैं।
बिहार में महामारी का रूप ले रहे चमकी बुखार पर आज सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में केंद्र और यूपी एवं बिहार की सरकारों को नोटिस भी भेजा है।
बिहार इस समय चमकी बुकार से पीडि़त है। राज्य में इस भीषण बीमारी से सवा सौ से अधिक बच्चों को जान गंवानी पड़ी है। लेकिन इस गमगीन माहौल में भी नेता अपनी राजनीति चमकाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
2014 में इसी अस्पताल में 20-22 जून के अपने दौरे के बाद डॉक्टर हर्षवर्धन ने एक ब्लॉग लिखा था और कुछ वादे किये थे।
बिहार के मुजफ्फरपुर में श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) के पिछे मानव कंकाल के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया है। इस मामले के बाद अस्पताल प्रशासन एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गया है।
जिन कैमरों के जरिए अस्पताल का सच बाहर आया करता था उन कैमरों के लिए चारों तरफ अब पहरा बैठा दिया गया है। मुजफ्फरपुर में पत्रकारों से अस्पताल वालों को परहेज है और पटना में सरकार को।
बिहार के 16 जिलों में मस्तिष्क ज्वर से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं जिनमें से 136 की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार को लेकर प्रदेश में हो रही बच्चों की मौत से जुड़ा सवाल पूछने पर मीडिया पर भड़क गए।
बिहार में दिमागी बुखार से करीब 130 बच्चों की मौत का मुद्दा शुक्रवार को राज्यसभा में उठा और सदस्यों ने केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप करने और पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। उच्च सदन में शून्यकाल में सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया।
बिहार इनसेफेलाइटिस (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य के मुजफ्फरपुर और निकट के जिलों में अब तक 136 बच्चों की मौत हो चुकी है।
बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में चमकी बुखार से मरनेवालों बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां अबतक 131 बच्चों की मौत हो चुकी है।
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