एसबीआई रिसर्च ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), एनपीएस (NPS) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के आंकड़ों की स्टडी पर आधारित यह आंकड़ा जारी किया है।
वैश्विक स्तर पर विकास की जरूरत और गरीबी के समाधान के दृष्टिकोण से एडीबी को कर्ज की मात्रा और आकार बढ़ानेे की हैैजरूरत।
जनवरी महीने में जो नए रोजगार सृजित हुए वह एक साल पहले इसी महीने की तुलना में 131 प्रतिशत अधिक है।
आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से सितंबर, 2017 से दिसंबर, 2018 के दौरान 72.32 लाख नए अंशधारक जुड़े।
रोजगार के मोर्चे पर विपक्ष के वार झेल रही मोदी सरकार के लिए ताजा आंकड़े काफी राहत दे सकते हैं। देश में जुलाई महीने में करीब 14 लाख रोजगार का सृजन हुआ।
देश के सेवा क्षेत्र में मार्च माह में गतिविधियां तेज हुई हैं। बड़ी मात्रा में नया कामकाज आने के बाद सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई। इसके परिणामस्वरूप कंपनियों में रोजगार सृजन तेजी से बढ़ा है और यह पिछले सात वर्ष के उच्चस्तर पर पहुंच गया।
बीता साल भारत में नौकरियों के लिए थोड़ा व्यवधान भरा रहा लेकिन वर्ष 2018 में नौकरियों का परिदृश्य बेहतर दिख रहा है। इस साल सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र में दो लाख से अधिक नौकरियां मिलने की उम्मीद है।
संगठित क्षेत्र में श्रमशक्ति की बढ़ती भागीदारी से नियामकीय बदलाव निर्णायक हो गए हैं। यदि कुछ मुख्य सुधार किए जाएं तो संगठित रोजगार की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है और रोजगार के एक करोड़ नए अवसर सृजित किए जा सकते हैं।
केंद्र सरकर ने चमड़ा व फुटवियर क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए 2,600 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज को आज मंजूरी दे दी है।
भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में 1,13,000 रोजगार के अवसरों का सृजन किया है और वहां करीब 18 अरब डॉलर का निवेश किया है।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि यदि हम रोजगार सृजन के कदम उठाने में असफल रहे तो ‘भावी पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।‘
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि रेलवे अगले पांच साल में 150 अरब डॉलर से अधिक के निवेश की योजना बना रही है। इससे 10 लाख अतिरिक्त रोजगार सृजित होंगे।
उच्च आर्थिक वृद्धि के बावजूद अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन नहीं हो रहा है। जेएम फाइनेंशियल की एक रिपोर्ट में श्रम विभाग के हवाले से यह बात कही गई है।
श्रम मंत्री ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ कर्मचारी ESIC और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जैसे सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में आएंगे।
सरकार ने देश में नए रोजगार के अवसर पैदा करने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स की परिभाषा में बदलाव किया है।
BRICS रोजगार कार्यसमूह ही पहली बैठक में सदस्य देशों के बीच सामाजिक सुरक्षा करार तथा रोजगार सृजन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ।
नीति आयोग रोजगार सृजन को बढावा देने के लिए शीघ्र ही खाका तैयार करेगा जिसमें विशेष आर्थिक क्षेत्रों के लिए अनुकूल नियामकीय प्रणाली विकसित करना भी शामिल है।
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