हर दो महीने में होने वाली रिजर्व बैंक की बैठक के बाद बैंक धड़ाधड़ ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं।आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिनसे आप बिना EMI की बढ़ोत्तरी से डरे बिना आसानी से कर्ज चुका सकते हैं
आज के दौर में होम लोन के जरिये अपना खुद का मकान बनाना और भी आसान हो गया है, लेकिन इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को हमें जान लेना चाहिये।
एक साल के भीतर रेपो रेट की दरें 2.5 फीसदी तक बढ़ गई है। जिसका असर घर और कार के कर्ज पर हुआ है। कर्ज महंगा होने से EMI का बोझ भी बढ़ता जा रहा है।
रिजर्व बैंक एक साल में करीब 2.5 प्रतिशत ब्याज दरें बढ़ा चुका है, जिसके बाद साल भर में 30 लाख के कर्ज पर औसतन 3000 से 4000 रुपये तक ईएमआई बढ़ गई हैं। लेकिन आप चाहें तो इसे कम कर सकते हैं।
लोन लेने के बाद कई ऐसे भी लोग हैं जो नियमित रूप से समय पर ईएमआई पेमेंट नहीं कर पाते हैं। क्या आप भी लेने जा रहे हैं लोन तो इन बातों का रखें ध्यान। ईएमआई देने के बाद भी नहीं बिगड़ेगा घर का बजट। हर महीने समय पर लोन अमाउंट को एक करने के लिए फॉलो करें ये टिप्स।
अलफांसो आम के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए पुणे के एक कारोबारी ने फलों के राजा को खरीदने के लिए ग्राहकों को आसान मासिक किस्तों की अनूठी सुविधा पेश की है।
दास ने कहा, ‘‘यदि मुझे एक लाइन में आज की मौद्रिक समीक्षा के बारे में बोलना हो, तो मैं यही कहूंगा कि रेपो दर में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन यह कदम स्थायी नहीं है।’’
RBI Repo Rate: आज कार से लेकर होम लोन लेने वालों के लिए एक बुरी खबर आने वाले है। आरबीआई रेपो रेट में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। आइए जानते हैं कि इससे किसे फायदा तो किन लोगों को नुकसान होने वाला है।
अगर आप कार खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो यह महत्वपूर्ण खबर आपके लिए है। बता दें कि रियल ड्राइविंग एमिशन के नए एमिशन नॉर्म्स 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो रहे हैं, जिसके बाद कुछ कारें बंद हो जायेगी।
बैंक से पर्सनल होम या फिर कार लोन लेने के बाद लोग इसे हर महीने ईएमआई के रूप में चुकाना शुरू कर देते हैं। नौकरी जाने या फिर सैलरी कम होने के बाद हर महीने इसे दे पाना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में ईएमआई की रकम को कम करवाने के अलावा सेटलमेंट भी कर सकते हैं।
आपके पास क्रेडिट कार्ड के EMI ऑफर्स स्वीकार करने का विकल्प होगा। इसके अलावा आप एक निश्चित रकम भी चुका सकते हैं और बकाया बचे हुए बिल की अगले महीने के लिए किश्तें बनवा सकते हैं। हालांकि, ये दोनों ही विकल्प अच्छे नहीं हैं।
आपको भी सोशल मीडिया पर लोन का टेन्योर बढ़ाने की सलाह दी जा रही है। इससे आपके लोन की ईएमआई स्थिर रहती है। क्या ये तरीका आपके लिए फायदेमंद है या फिर नुकसानदेह, आईए कुछ बिंदुओं में समझते हैं इसका पूरा गणित
नया घर बनाना हम सब का सपना होता है, वहीं इसके लिये हम बेहतर जमा पूंजी इकठ्ठा करते हैं। वहीं आज के दौर में होम लोन के जरिये अपना खुद का मकान बनाना और भी आसान हो गया है, लेकिन इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को हमें जान लेना चाहिये।
आज हम आपको 50:20:4 का एक फॉर्मूला बता रहे हैं। अगर आप इसको फॉलो करेंगे तो कार खरीदने के बाद न ही आपका सेविंग का ब्रेक फेल होगा और न ही बाद में ईएमआई चुकाने में टेंशन आएगी।
यदि किसी व्यक्ति ने 20 साल के लिए 30 लाख का लोन लिया है तो अब ताजा बढ़ोत्तरी के बाद उसकी होम लोन की ब्याज दर क्रेडिट स्कोर के अनुसार 9 से 9.30 फीसदी हो जाएगी।
अगर, आप समझदारी से काम करें तो तुरंत जरूरत के समय में भी आप सस्ते ब्याज पर आसानी से लोन लें सकते है। आइए, जानते हैं कि आप किस तरह आसानी से सस्ता लोन प्राप्त कर सकते हैं।
Credit Card EMI आपके वित्तीय बोझ को कम कर देती है, क्योंकि पूरी राशि का अग्रिम भुगतान करने के बजाय, आप कुछ महीनों के किश्तों में बकाया चुका सकते हैं।
Interest Rate: त्योहारी सीजन में RBI एक बार फिर झटका दे सकता है। अर्थशास्त्रियों का मनना है कि महंगाई को काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सितंबर की मौद्रिक पॉलिसी में एक बार फिर से रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है। अगर RBI ऐसा करता है तो उसका सीधा असर होम लोन और ईएमआई पर पड़ेगा।
पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन के बीच तुलना की जाए तो दोनों में ही निश्चित प्रक्रिया का पालन किया जाता है। लेकिन फिर भी क्रेडिट कार्ड का लोन आसानी से और जल्दी प्राप्त हो जाता है।
पहली तिमाही के दौरान एक साल पहले की तुलना में भारत की जीडीपी में 13.5 फीसदी की वृद्धि हुई, जो आरबीआई के 16.2% के अनुमान से कम है।
संपादक की पसंद