जल्द ही आपको ई-मेल करने, ब्लॉग लिखने या कोई भी सामग्री डाउनलोड करने पर टैक्स देना होगा। सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसके कई परिणाम हो सकते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ संपर्क को आसान बनाने के लिए सरकार ने टैक्स पेयर्स को नोटिस का जवाब अपने रजिस्टर्ड ई-मेल के जरिये करने की अनुमति दे दी है।
अब जांच के लिए टैक्स अधिकारी से आपकी सीधे मुलाकात नहीं होगी। आयकर विभागसभी जांच के मामलों में ई-मेल के जरिये पत्राचार करने की योजना बना रहा है।
वित्त मंत्रालय ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से ई-लैटर और ई-नोटिस में अपना ई-मेल और आधिकारिक फोन नंबर का उल्लेख अनिवार्य रूप से करने के लिए कहा है।
सीबीडीटी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और टैक्स-पेयर्स के बीच ईमेल के बीच पत्र व्यवहार को मान्यता दे दी। बोर्ड ने इसके लिए अधिसूचना जारी की है।
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