उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज दावा किया कि उनकी सरकार ने पूरे राज्य में बिजली आपूर्ति में एकरूपता लाकर वीआईपी संस्कृति खत्म कर दी है, जबकि पूर्ववर्ती सरकार में केवल पांच जिलों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाती थी और वह भी बाकी जिल
प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों के लिए कर्मशियल कोल माइनिंग की छूट से कोयला क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बिजली दरें कम होंगी। कोयला सचिव ने यह बात कही।
बिजली बचाने के लिए एलईडी बल्ब के बाद अब केंद्र सरकार एनर्जी एफिशिएंट एयरकंडीशनर (एसी) बेचेगी। इतना ही नहीं आप एयरकंडीशनर को आसान किस्त पर भी खरीद सकेंगे।
सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी बिजली उत्पादन की लागत औसत 39.5 पैसा और मौदा महाराष्ट्र परियोजना के लिए 1.65 रुपए प्रति यूनिट की कमी लाने में सफल रही है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार भारत पहली बार बिजली के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बना।
उत्तर प्रदेश की नई सरकार के सामने समक्ष बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार और गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान प्रमुख चुनौती होगी।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी बकाए के भुगतान में देरी के कारण बीएसईएस यमुना पावर लि. (बीवाईपीएल) को बिजली सप्लाई रोकने के विकल्प पर विचार कर रही है।
एक अग्रणी कंपनी का मानना है कि नोटबंदी से सौर बिजली की दरें और कम होंगी, क्योंकि नोटबंदी की वजह से बैंकों से कर्ज मिलना सस्ता हुआ है।
बुनियादी ढांचा की वृद्धि जनवरी में 3.4% रही जो पांच महीने का न्यूनतम स्तर है। रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक और सीमेंट के उत्पादन में गिरावट से वृद्धि दर घटी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में सौर बिजली क्षमता को दोगुनी करने की मंजूरी मिल गई है।
सरकार की अगले तीन साल में 4041 शहरी कस्बों में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित बिजली वितरण प्रणाली स्थापित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
बिजली मंत्रालय ने आवेदन प्राप्त होने के 15 दिन के भीतर बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराना अनिवार्य किर दिया है। प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए कदम उठाया गया है।
भारत में बिजली उत्पादन की स्थिति में तेजी से सुधार आ रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मुताबिक इस साल अब तक बिजली उत्पादन वृद्धि दर साढ़े नौ प्रतिशत रही है।
सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए यह खबर झटका देने वाली है। मई में आठ बुनियादी कोर सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 2.8 फीसदी रही है। पिछले साल यह दर 4.4 फीसदी थी।
सरकार ने राज्यों के लिए उदय योजना से जुड़ने की समय सीमा बढ़ा दी है। यह योजना कर्ज के बोझ से दबी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के पुनरोद्धार से संबंधित है।
केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने गुरूवार को एक मोबाइल एप पेश किया जिसका मकसद शहरी बिजली वितरण क्षेत्र का उपभोक्ताओं के साथ संपर्क बेहतर करना है।
दिल्ली सरकार ने बिजली कटौती के लिए अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस एडीएजी की BSES द्वारा परिचालित स्थानीय बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) पर हमला किया है।
देश ने अब बिजली की किल्लत को गुडबाय कहने की तैयारी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष में 1,178 अरब यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया है।
कोल इंडिया ने कोयले के दामों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। इस फैसले से देश भर में बिजली की दरें 8-10 फीसदी महंगी हो सकती हैं।
इतिहास में पहली बार भारत ने यह दावा किया है कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान बिजली की कोई कमी नहीं होगी।
संपादक की पसंद