भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है और अक्टूबर में इस सेक्टर में सालाना 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बताते चलें कि पिछले महीने ही, एथर एनर्जी ने सेबी के पास 4500 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए आवेदन किया था।
किआ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ ग्वांगू ली ने कहा कि कंपनी अगले साल व्यापक भारतीय बाजार के लिए एक इलेक्ट्रिक मॉडल पेश करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही किआ की एसयूवी सेगमेंट में भी अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना है।
सौरव कुमार ने कहा, “थ्री-व्हीलर्स में हम उन शहरों में 20 प्रतिशत मार्केट शेयर हासिल करने में सक्षम हैं जहां हम काम करते हैं। हम छोटे कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में भी इसी तरह की हिस्सेदारी हासिल करना चाहते हैं।”
भारत में तेजी से बढ़ रही इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड के बीच ओबेन इलेक्ट्रिक भी इस बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है। कंपनी का लक्ष्य इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट के 70% हिस्से को अपने प्रोडक्ट्स से कवर करना है।
एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि ई-रिक्शा खरीदार पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत पहले साल में 25,000 रुपये और दूसरे साल में 12,500 रुपये की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
वर्ष 2030 तक, इलेक्ट्रिक बसों, वाणिज्यिक वाहनों और निजी कारों की तैनाती में पर्याप्त वृद्धि के साथ वार्षिक ईवी बिक्री 10 मिलियन यूनिट को पार करने का अनुमान है। फिलहाल, भारतीय ईवी बाजार दोपहिया और तिपहिया ईवी सेगमेंट पर केंद्रित है, जो इसके वाहन बाजार का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा है।
मैपिंग कंपनी हीयर टेक्नोलॉजी और एसबीडी ऑटोमोटिव (परामर्श) की तरफ से किए एक स्टडी में काफी रोचक तथ्य सामने आए हैं। इसमें कहा गया है कि दिल्ली ने अपने ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में काफी प्रगति की है।
सभी इलेक्ट्रिक गाड़ियों, जिन्हें बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल भी कहा जाता है, में आंतरिक दहन इंजन के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर होती है। कार मे मौजूद इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देने के लिए एक बड़े ट्रैक्शन बैटरी पैक का इस्तेमाल होता है
नितिन गडकरी ने कहा, ''उपभोक्ता अब अपनी पसंद से ईवी और सीएनजी वाहनों को खरीदने लगे हैं। मुझे नहीं लगता है कि हमें अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अधिक सब्सिडी देने की जरूरत रह गई है।''
मिंडा कॉर्पोरेशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आकाश मिंडा ने चीनी कंपनी के साथ हुई इस साझेदारी पर कहा, ''नई जनरेशन के ईवी सॉल्यूशन्स पेश करके, हम सफल लोकलाइजेशन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता के साथ व्हीकल सेगमेंट में ओवरऑल किट प्राइस को बढ़ाएंगे।''
मंत्री ने कहा-हमें उन सभी चीजों को अपनाना होगा, जो भी सबसे अच्छा, सकारात्मक तरीका है, हमें उन फैसलों को लेना होगा। फेम 3 अस्थायी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 की जगह लेगा, जो सितंबर में खत्म होने वाली है।
फॉक्सकॉन का बैटरी स्टोरेज बिजनेस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर ज्यादा फोकस है। बीईएसएस सोलर, विंड जैसे रीन्यूएबल सोर्स से उत्पादित ऊर्जा के भंडारण को सक्षम बनाती है। कंपनी ने भारत में ईवी प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
जेंटारी ग्रीन मोबिलिटी ईवी फ्लीट के बेहतर संचालन और रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए डिलीवरी सर्विस पार्टनर्स (डीएसपी) को फ्लीट मैनेजमेंट सर्विसेज प्रदान करेगा। अमेजन इंडिया ने कहा कि इस पार्टनरशिप से डिलीवरी सेवा प्रदाताओं (डीएसपी) को अमेजन डिलीवरी के लिए ज्यादा इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर गाड़ियों तक पहुंच प्राप्त होगी।
जुलाई में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेल्स में 55.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस महीने 1,79,038 यूनिट इलेक्ट्रिक व्हीकल बिके।
EMPS योजना के तहत पात्र ईवी श्रेणियों में पंजीकृत ई-रिक्शा एवं ई-कार्ट सहित इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन शामिल हैं। ईएमपीएस योजना को भारी उद्योग मंत्रालय के द्वारा शुरू किया गया है।
लेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजना के तीसरे संस्करण के अनावरण को लेकर उम्मीदें बहुत अधिक हैं। नई सब्सिडी व्यवस्था कम से कम दो से तीन साल तक चलने की है मांग।
ईवी टू व्हीलर की बिक्री साल-दर-साल आधार पर 29 प्रतिशत बढ़कर 10,09,356 यूनिट हो गई। कुल ईवी बिक्री में इस कैटेगरी का योगदान 57.60 प्रतिशत रहा।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में और तेजी लाने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय ने 500 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक परिवहन संवर्धन योजना 2024 (ईएमपीएस 2024) शुरू की है।
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के कार्यकारी अधिकारी (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा कि हम वित्त वर्ष 2024-25 में 550 किमी रेंज के साथ ईवी के रूप में नए सिरे से डिज़ाइन हाई-स्पेक इलेक्ट्रिक वाहन का उत्पादन शुरू करेंगे।
पेट्रोल-डीजल-गैस से चलने वाली गाड़ियां बच्चों के लिए खतरनाक हो गया है। अमेरिकन लंग एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक गाड़ियों में स्विच करने से लाखों बच्चों को सांस संबंधित गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। हालांकि, इतना बड़ा ट्रांसफोर्मेशन आसान नहीं होने वाला है।
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