रक्षाबंधन में महिलाओं को दो दिन मुफ्त में यात्रा का ऐलान करते हुए उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर ने बताया कि कुंभ मेला में डीजल-पेट्रोल गाड़ी नहीं चलेंगी। मेले को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सात हजार नई बस और पांच सौ इलेक्ट्रिक बस खरीदी जा रही हैं।
ईवी के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन के रूप में कम कस्टम ड्यूटी पर कारों के सीमित आयात की अनुमति दी जाएगी।
वर्तमान में दिल्ली की सड़कों पर कुल 7,379 बसें दौड़ रही हैं, जो अब तक की सबसे अधिक बसों की संख्या है। इलेक्ट्रिक बसों की संख्या कुल 1,650 हो गई है। सरकार का कहना है कि जल्द ही दिल्ली के पास 2,280 इलेक्ट्रिक बसें हो जाएंगी।
रिपोर्ट में कहा गया कि कम परिचालन लागत और कम शुरुआती अधिग्रहण लागत के चलते ई-बसों के प्रति रुझान बढ़ रहा है। एजेंसी के एक निदेशक सुशांत सरोदे ने कहा कि ई-बसों में वृद्धि इसलिए भी हो रही है क्योंकि 15 वर्षों के अनुमानित जीवन काल में पेट्रोल/डीजल या सीएनजी बसों की तुलना में इनकी स्वामित्व लागत 15-20 प्रतिशत कम है।
अपर मुख्य सचिव ने जानकारी दी है कि परिवहन विभाग के तहत बिहार के कई जिलों में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन किया जाएगा। इसके साथ ही युवाओं के लिए कई नए सरकारी पदों का भी सृजन किया गया है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा का कहना है कि इलेक्ट्रि्क बसों की डिमांड लगातार बनी रहेंगी। उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक बसें भारत के इलेक्ट्रिफिकेशन अभियान में सबसे आगे रहेंगी।
दिल्ली में आज से 400 नई इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ेंगी। एलजी और सीएम केजरीवाल ने हरी झंडी दिखाकर बसों की फ्लीट को रवाना भी किया है।
केंद्रीय कैबिनेट ने PM ई-बस सेवा के तहत 100 शहरों को 10 हजार बसें देने का फैसला किया है। इस पर 57,613 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस दौरान विश्वकर्मा योजना को भी मंजूरी मिली है।
यूपी में अब धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के आवागमन की सुविधाएं बढ़ाने और प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों को चलाने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब राज्य में ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। रोडवेज की बसों में किराया भी पहले की अपेक्षा कम होगी।
यूपीएसआरटीसी ने बड़ी खुशखबरी दी है। निगम ने लखनऊ के लिए 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला किया है तो वहीं महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व सुविधा देने की भी बात कही है।
मुंबई की सड़कों पर अगले सप्ताह से इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें दौड़ती नजर आएंगी। इन बसों का किराया भी आम एसी बसों के जितना ही होगा और सुरक्षा का इसमें खास ख्याल रखा गया है। जानिए खासियत-
दिल्ली की सड़क पर अब इलेक्ट्रिक बस दौड़ने वाली है। टाटा मोटर्स को ये प्रोजेक्ट मिला है जिसमें 1500 ई-बसेस का ऑर्डर अप्रूव किया गया है। कार्बन और पॉल्यूशन को कम करने के लिए ये फैसला लिया गया है।
गडकरी ने लोगों को सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
देश में बढ़ते प्रदुषण (Pollution) के चलते स्थिति भयावह होती जा रही है। केंद्र से लेकर राज्य की सरकारें कई तरह की नीतियां बना रही हैं ताकि प्रदुषण पर काबू पाया जा सके। गाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी इसका एक बड़ा कारण हैं।
Nitin Gadkari on Electric Buses: गडकरी ने सोमवार को इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि देशभर के राज्यों के सड़क परिवहन निगम कभी फायदे में नहीं आ सकते, क्योंकि इनकी बसें महंगे डीजल से चलती हैं।
गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार पूरे देश में 50,000 बिजली चालित बसें चलाने की योजना पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, हमें देश के परिवहन तंत्र को दूरदर्शी सोच के साथ बदलने की जरूरत है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को 150 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। वहीं, दिल्ली सरकार ने आज DTC और परिवहन विभाग के ग्रुप ‘ए’ और ‘बी’ के सभी अधिकारियों को सप्ताह में कम से कम एक बार अनिवार्य रूप से बस में यात्रा करने और उसकी स्थिति और कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद ये बसें दिल्ली के प्रमुख रूटों- रिंग रोड पर तीवर मुद्रिका, रूट नं. 502 मोरी गेट और महरौली टर्मिनल के बीच, रूट नंबर ई-44 आईपी डिपो, कनॉट प्लेस, सफदरजंग, साउथ एक्सटेंशन, आश्रम, जंगपुरा, इंडिया गेट रूट पर चलेंगी।
मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय के पास काफी बजट है और बाजार भी इसे समर्थन देने के लिए तैयार है।
संपादक की पसंद