कांग्रेस ने मीडिया में चुनावी बॉन्ड से जुड़ी एक खबर का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय रिजर्व बैंक की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए चुनावी बॉन्ड लाया गया ताकि कालाधन भाजपा के खजाने में पहुंच सके।
आयोग के सूत्रों ने मंगलवार को किसी प्रमुख दल की ओर से इस बारे में ब्यौरा नहीं मिलने की पुष्टि की है। उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार 30 मई तक सभी राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड से जुटाये गये चंदे का ब्यौरा चुनाव आयोग को देना था।
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा देने वाली स्कीम को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुना दिया।
राजनीतिक दलों को चंदा देने में इस्तेमाल होने वाले चुनावी बांड की छठी किस्त की बिक्री एक से 10 नवंबर के बीच होगी।
राजनीतिक दलों को नकद चंदे का एक व्यवस्थित रास्ता तय करने के लिए शुरू किए गए चुनावी बांड की बिक्री का चौथा दौर 2 जुलाई से 11 जुलाई तक चलेगा।
दूसरे चरण के चुनावी बांड की बिक्री 2 अप्रैल से शुरू होकर 10 अप्रैल तक चलेगी। इस बांड की बिक्री भारतीय स्टेट बैंक की 11 अधिकृत शाखाओं के जरिये होगी।
मंत्रालय ने कहा कि इन बांडों को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की प्राधिकृत शाखाओं से खरीदा जा सकेगा। सरकार ने इस साल दो जनवरी को चुनावी बांड योजना को अधिसूचित किया था।
सभी राजनीतिक दलों को इसका स्वागत करना चाहिए। क्योंकि जनता में यह आम धारणा बन चुकी है कि अधिकांश राजनीतिक दल चुनाव के दौरान अपने निहित स्वार्थों के लिए बड़े पैमाने पर ब्लैकमनी लेते हैं।
बांड के मुद्रण में उतनी की गोपनीयता बरती जाएगी जितनी की मुद्रा छपाई के मामले में अपनाई जाती है। वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि बांड की वैधता (मियाद) केवल 15 दिन होगी।
इस योजना के तहत, राजनीतिक दलों के लिए नकद दान के विकल्प के रूप में ये बांड भारतीय स्टेट बैंक की निर्दिष्ट शाखाओं से 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, एक लाख रुपये, 10 लाख रुपये और एक करोड़ के गुणकों में खरीदे जा सकते हैं। बांड प्राप्त करनेवाले राजनीतिक दल क
चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने और काले धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नए इलेक्टोरल बांड (चुनावी बांड) की रूपरेखा जारी की।
सरकार द्वारा प्रस्तावित चुनावी बांड की वैध अवधि को 15 दिन रखा जा सकता है। कम अवधि के लिए जारी करने से बांड के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को वित्त विधेयक 2017 लोकसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि चूंकि इसमें चुनावी बॉन्ड के प्रावधान शामिल हैं।
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