पंजाब की एक सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना समाप्त हो गई है। कुल 13 चरणों में हुई मतगणना के बाद आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मोहिंदर भगत ने जालंधर वेस्ट सीट पर जीत दर्ज कर ली है। वहीं दूसरे स्थान पर भाजपा प्रत्याशी शीतल अंगुराल रहे।
बिहार की एक सीट पर हुए उपचुनाव का परिणाम आ चुका है। रुपौली विधानसभा सीट पर जदयू भारी वोटों के अंतर से चुनाव हार गई है। आरजेडी प्रत्याशी की भी इस सीट पर हार हुई है। निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत दर्ज की है।
पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना पूरी हो गई है। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी टीएमसी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। राज्य में एक बार फिर ममता बनर्जी का जादू चला है।
Coffee Par Kurukshetra: हिंदू बूथ पर मुस्लिम मजबूत?... हिंदू वोट का 'परिवर्तन' !
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में डोनॉल्ड ट्रंप से हारने के बाद भी चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। पार्टी के तमाम शुभचिंतकों और विरोधियों की ओर से उम्मीदवारी वापस लेने के दबाव को खारिज करते हुए बाइडेन ने कहा कि वह इस पद के लिए सबसे योग्य हैं और फिर ट्रंप को हराएंगे।
महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। सुबह 9 बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 4 बजे तक चलेगा। वहीं शाम को ही मतों की गणना भी कर ली जाएगी। बता दें कि महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में हैं।
पूर्णिया के एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने कहा कि भवानीपुर प्रखंड के एक मतदान केंद्र पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। जब ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें हटने के लिए कहा, तो उन पर पत्थरों व लाठियों से हमला किया गया। एसडीपीओ ने बताया कि झड़प में एक अवर निरीक्षक और एक सिपाही घायल हो गए।
10 जुलाई की तारीख को एक बार फिर लोगों को NDA vs INDIA की लड़ाई देखने को मिलेगी। 7 राज्यों की कुल 13 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव का आयोजन किया जा रहा है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। जो बाइडेन की लोकप्रियता रेटिंग में गिरावट आई है। ऐसे में डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद ही जो बाइडेन को चुनाव से बाहर हो जाने की सलाह दे रहे हैं।
फ्रांस के संसदीय चुनाव में जिस तरह के नतीजे आए हैं उसने सभी को हैरान कर दिया है। चुनाव में वामपंथी दलों के गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं। फ्रांस में हुए चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है।
फ्रांस के संसदीय चुनाव में चौंकाने वाले नतीजे आए हैं। किसी को इन नतीजों की उम्मीद नहीं थी। चुनाव में वामपंथी दलों के गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं। नतीजों के बाद फ्रांस में कई जगहों पर हिंसा भी देखने को मिली है।
ब्रिटेन और ईरान में नई सरकार चुनी जाने के बाद अब फ्रांस में भी संसदीय चुनाव जारी हैं। विभिन्न सर्वे में फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की हालत खस्ता बताई जा रही है। सर्वे के अनुसार मैक्रों की पार्टी चुनाव हार सकती है। ब्रिटेन और ईरान में भी मौजूदा सरकार चुनाव हार चुकी है। जनता ने नई पार्टियों को मौका दिया।
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव 2024 में इस बार नया इतिहास लिखा गया है। पहली बार सुधारवादी नेता पेजेशकियन की राष्ट्रपति चुनाव में भारी जीत हुई है। वह परमाणु वार्ताकार भी रहे हैं, जिन्होंने कट्टरपंथी सईद जलीली को 28 लाख मतों के भारी अंतर से चुनाव हरा दिया है।
ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव को लेकर मतदान शुरू हो गया है। ईरान में इस पद के लिए दोबारा मतदान कराए जा रहे हैं। देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने भी मतदान किया है।
ब्रिटेन में आम चुनाव को लेकर मतदान शुरू हो गया है। चुनाव में चार करीब करोड़ 65 लाख मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव कर सकेंगे। मुख्य मुकाबला ऋषि सुनक और कीर स्टार्मर के बीच है।
ब्रिटेन में हो रहे आम चुनाव में जनता नेताओं की किस्मत का फैसला करेगी। इस बार चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर पहचान पत्र ले जाना अनिवार्य कर दिया गया है। चुनाव में ऋषि सुनक की टक्कर कीर स्टार्मर से है।
राज्यसभा में 'पंचायत' वेब सीरीज के फुलेरा ग्राम प्रधान का जिक्र आया है। ये जिक्र राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने किया है। मनोज ने इलेक्शन कमीशन पर तंज कसते हुए फुलेरा ग्राम प्रधान का जिक्र किया है।
फ्रांस के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की हार और उनकी विदाई अब तय मानी जा रही है। पहले दौर के मतदान के बाद नेशनल रैली की नेता धुर-दक्षिणपंथी ले पेन की पार्टी को धमाकेदार जीत हासिल हुई है। ऐसे में नाजी युग के बाद पहली बार धुर-दक्षिणपंथियों के हाथ में सत्ता जाती हुई दिख रही है।
फ्रांस में 577 सीटों के लिए होने वाले संसदीय चुनाव के पहले चरण में हुए बड़े पैमाने पर मतदान ने पहली बार धुर-दक्षिणपंथियों के हाथ में फ्रांस की सत्ता जाने का संकेत दिया है। नाजी युग के पतन के बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है। फ्रांस के लोग राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से काफी नाराज बताए जा रहे हैं।
भारत के बाद अब अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन में भी राष्ट्रीय चुनावों का दौर आरंभ हो चुका है। ये तीनों ही देश भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं। विभिन्न सर्वे में अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और फ्रांस तक में मौजूदा राष्ट्राध्यक्षों की वापसी की संभावना न के बराबर दिख रही है। हालांकि यहां सत्ता बदली तो भी संबंध स्थिर रहेंगे।
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