अधिसूचना जारी होने से लेकर मतगणना के दिन तक चुनाव आयोग के लिए कठिन परीक्षा साबित होने जा रहा है। इसलिए मतदाताओं और मतदान केंद्रों के लिए एक विस्तृत प्रोटोकॉल तैयार किया गया है। चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों- यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत 10 फरवरी से लेकर सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा, वहीं उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में वोट डाले जाएंगे। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा।
पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है। पंजाब में किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 59 सीटों का आंकड़ा हासिल करना होगा।
लोकसभा चुनावों के लिए संशोधित खर्च सीमा अब बड़े राज्यों के लिए 90 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 75 लाख रुपये है।
देशभर में कोरोना के बढ़ते मामले आने वाले विधानसभा चुनावों में मुश्किल बनते जा रहे हैं। इस दौरान सुरक्षित तौर पर चुनाव संपन्न हो इसे लेकर मंथन का दौर जारी है।
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना बाकी है।
निर्वाचन आयोग अगले महीने चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। आयोग चुनाव प्रचार, मतदान के दिनों और मतगणना की तारीखों के लिए अपने कोविड-19 प्रोटोकॉल में सुधार को लेकर भूषण से सुझाव भी मांग सकता है।
आज से चुनाव आयोग की टीम तीन दिन के गोवा दौरे पर जाएगी। टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा भी शामिल होंगे। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर टीम जायजा लेगी।
एक अन्य घटना में बीजेपी नेता कल्याण चौबे की कार को सरत बोस रोड पर कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। गौरतलब है कि चौबे हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्यूलर के उम्मीदवार सतद्रु रॉय के चुनाव एजेंट के रूप में काम कर रहे थे।
बीजेपी ने आयोग को सौंपे आवेदन में आरोप लगाया कि इन पुलिस अधिकारी ने ‘टिबरेवाल के साथ छेड़खानी की एवं उनके साथ अनुपयुक्त व्यवहार किया।’
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनाव आयोग ने बुधवार को पांचों राज्यों के चुनाव आयुक्तों के साथ बुधवार को निर्वाचन सदन में बैठक की और चुनाव के लिए एडवांस योजना तैयार करने के लिए चर्चा की।
निर्वाचन आयोग प्रतिनिधि सभा भंग करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिकाओं की वजह से बने अनिश्चितता के माहौल के बावजूद नवंबर में प्रस्तावित मध्यावधि चुनाव की तैयारी कर रहा है।
कोरोना वायरस महामारी का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर भी खतरा मंडरा रहा है जिसको देखते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के अपने दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतिम 3 चरणों के मतदान को एक साथ जोड़कर कराने की मांग की थी।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बृहस्पतिवार को कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा उन पर 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने पर लगाई गई रोक संबंधी निर्णय का वह पूरी सख्ती के साथ पालन करेंगे।
आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने घोष को ‘कड़ी चेतावनी’ दी है और उन्हें आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान सार्वजनिक टिप्पणी करते समय इस तरह के बयान देने से परहेज करने की सलाह दी।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब ने 16 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलायी है। इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीईओ और राज्य में सभी जिलाधिकारियों को चुनाव के बाकी चार चरणों में प्रचार के दौरान कोविड-19 के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
निर्वाचन आयोग द्वारा सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर रोक लगाने के कुछ ही देर बाद उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि आयोग बीजेपी की शाखा की भांति बर्ताव कर रहा है और उसके फैसले से अधिनायकवाद की बू आती है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में चुनाव ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के लिए चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा है कि बनर्जी का बयान पूरी तरह गलत और भड़काऊ है।
बीजेपी ने कूच बिहार में पार्टी अध्यक्ष के ऊपर हुए कथित हमले को लेकर कोलकाता में चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन भी किया।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़