लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 27 मार्च है।
निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की 6 सीटों को संदेनशील घोषित कर दिया है। वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रामाणिक द्वारा संबोधित एक जनसभा की समाप्ति के बाद कूचबिहार टीएमसी-भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई है।
भारत के 1950 में गणतंत्र बनने से एक दिन पहले अस्तित्व में आए निर्वाचन आयोग ने 17 आम चुनाव कराए हैं। लेकिन पहले आम चुनाव कराने में उसे देश के भूगोल और जनसांख्यिकी दोनों से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसका बड़ा तबका तब अशिक्षित था।
चुनाव आयोग ने इलेक्शन की तारीखों के ऐलान के कुछ ही दिन बाद कई राज्यों के अधिकारियों को हटा दिया है। इनमें से एक पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार हैं, इन्हें ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है।
भारत निर्वाचन आयोग ने छह राज्यों गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गृह सचिव को हटाने के आदेश जारी किए हैं। सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है।
चुनावों के दौरान मतदान केंद्रों और मतदान पार्टी की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय सुरक्षा बलों और राजकीय पुलिस बल के हवाले होती है। चुनाव आयोग ने चुनावी कार्यक्रम के ऐलान के साथ-साथ सुरक्षाबलों की तैनाती का पूरा प्रोसेस बताया। समझिए पूरी प्रक्रिया-
दूसरे चरण के दौरान कुल 13 राज्यों की 89 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा। इसके साथ ही पूरे देश में मतगणना 4 जून को संपन्न होगी। इस बार मतदान में 97 करोड़ से भी ज्यादा वोटर हिस्सा लेंगे।
निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी है कि इस साल के लोकसभा चुनाव में लगभग 97 करोड़ भारतीय मतदान करने के पात्र होंगे। आयोग के मुताबिक पिछले लोकसभा चुनाव 2019 से पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस बार 97 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। बता दें कि देश में 1952 में हुए पहले आम चुनाव के दौरान कुल मतदाताओं की संख्या 17 करोड़ थी। अब वोटरों की संख्या तब से 80 करोड़ अधिक हो चुकी है।
पहले चरण के दौरान कुल 21 राज्यों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। इसके साथ ही पूरे देश में मतगणना 4 जून को संपन्न होगी। इस बार मतदान में 97 करोड़ से भी ज्यादा वोटर हिस्सा लेंगे।
लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो गई है। चुनाव आयोग ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर भाजपा और आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि कब-कब दिल्ली में वोटिंग की जाएगी।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। ऐसे में सभी पार्टियों ने आगामी चुनाव के लिए कमर कस ली है। यहां जानें मध्य प्रदेश में कब होंगे लोकसभा चुनाव...
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। ऐसे में सभी पार्टियों ने आगामी चुनाव के लिए कमर कस ली है। यहां जानें राजस्थान में कब होंगे लोकसभा चुनाव...
गुजरात लोकसभा चुनाव और रिजल्ट की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। गुजरात में कुल 26 लोकसभा सीटें हैं, जो राज्य के महत्व को बढ़ा देती हैं। पिछली बार गुजरात की सभी सीटें भाजपा के खाते में गईं थी।
इस बार के लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा और सातवें चरण का मतदान 1 जून को होगा। इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों की 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने देश भर में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग के मुताबिक अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न तारीखों पर 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। मतों की गणना 04 जून को होगी।
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने देश भर में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग के मुताबिक अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न तारीखों पर 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। मतों की गणना 04 जून को होगी।
इस बार पुरुष वोटरों की संख्या 49.7 करोड़, महिला वोटरों की संख्या 47.1 करोड़ और पहली बार के वोटर 1.8 करोड़ है। इसके साथ ही 85 से अधिक उम्र के वोटर्स 82 लाख हैं और 18 से 19 साल की महिला वोटर्स की संख्या 85.3 लाख है। 20 से 29 साल के 19.74 करोड़ वोटर्स हैं।
चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें, सभी चुनाव आचार संहिता के दायरे में आती हैं। 2024 लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी जिसका मतलब चुनाव आयोग के वो निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी को करना होता है।
अमेरिकी सीनेटर ने सोशल मीडिया कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से यह भी कहा कि उनके मंच एआई से बनी सामग्री को रोकने के साथ-साथ पारंपरिक फर्जी सामग्री को रोकने में भी नाकाम साबित हुए हैं। भारत, अमेरिका समेत कई देशों में इस वर्ष चुनाव हैं। ऐसे में झूठ के दुष्प्रचार को रोकना होगा।
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