चुनाव आयोग के अनुसार, मिजोरम, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव अवधि के दौरान 1766 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गई जो 2018 विधानसभा चुनावों की तुलना में सात गुना अधिक थी।
चुनाव आयोग ने कहा कि भाजपा ने 27 नवंबर को और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने 25 नवंबर को चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि कर्नाटक सरकार ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के विज्ञापन प्रकाशित किए हैं।
पिछले दिनों एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद बीजेपी ने इस मामले में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
मध्यप्रदेश चुनाव में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों पर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का आरोप है। कांग्रेस को ऐसी शिकायतें मिलने के बाद अब पार्टी को ओर से सभी प्रत्याशियों को एक पत्र जारी किया गया है। पार्टी ने अपने प्रत्याशियों से ऐसे कर्मचारियों की जानकारी मांगी है।
एनसीपी को लेकर शरद पवार और अजित पवार के बीच लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है। इस मामले की सुनवाई के तहत चुनाव आयोग आज दोनों की दलीलों को सुनेगा। बता दें कि इसी साल जुलाई में अजित पवार शरद पवार से अलग हो गए थे।
महादेव ऐप मामले में सीएम भूपेश बघेल की टेंशन कम होने का नाम नहीं ले रही। हाल ही में ईडी को एक ऑडियो मैसेज मिला है, जिसमें पैसों के लेन-देन का जिक्र किया गया है। वहीं कांग्रेस अब इस मामले को लेकर चुनाव आयोग के पास जा रही है।
शिवराज सरकार के 70 प्रतिशत मंत्रियों के पास कम से कम एक बंदूक है, ये वह मंत्री हैं जो आगामी विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। इसके साथ ही 45 प्रतिशत मंत्री ऐसे हैं जिनके पास एक से ज्यादा हथियार हैं। वहीं कुछ ऐसे भी मंत्री हैं जिनके पास तीन बंदूकें हैं।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग ने एक बड़ी घोषणा की है। बॉलीवुड एक्टर राज कुमार राव को नेशनल आइकॉन बनाया गया है। अब नेशनल आइकॉन बनने के बाद राजकुमार कौन सी जिम्मेदारी उठाते नजर आएंगी, इसकी पूरी जानकारी आपको इस खबर में पढ़ने को मिलेगी।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने पांच चुनावी राज्यों में चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही इन राज्यों में आदर्श आचार सहिंता भी लग गई है।
इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों के परिणाम अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों पर बड़ा असर डालेंगे। इस लिहाज से यह चुनाव सभी पार्टियों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होने वाले हैं।
मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल इस साल 17 दिसंबर को समाप्त होने वाला है। चुनाव आयोग एमपी, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान के साथ ही यहां भी चुनाव करा सकता है।
इलेक्शन कमीशन ने सचिन तेंदुलकर को 'नेशनल आइकन' की उपाधि देने की घोषणा की है। ये फैसला लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लिया गया है।
भारतीय निर्वाचन आयोग के काम से भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देश भी प्रभावित हैं। यही वजह है कि उज्बेकिस्तान ने अपने देश के संविधान में कई संशोधनों को लेकर 30 अप्रैल को होने वाले ‘ऐतिहासिक’ जनमत संग्रह को देखने के लिए भारत के निर्वाचन आयोग को आमंत्रित किया है।
आम आदमी पार्टी को सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया, वहीं शरद पवार की एनसीपी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने अपनी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया।
दूसरे चरण में आज सोमवार को 93 सीटों पर मतदान हो रहा है, जिसके लिए कुल 833 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 2.51 करोड़ मतदाता करेंगे। जिसमें से 1.29 करोड़ पुरुष मतदाता होंगे तो वहीं 1.22 करोड़ महिला मतदाता होंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त के तौर पर अरुण गोयल की नियुक्ति के लिए अपनायी गई प्रक्रिया पर गुरुवार को गंभीर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी फाइल को ‘‘जल्दबाजी’’ में मंजूरी दी गयी।
चुनाव आयोग ने देश के कई राज्यों में उपचुनाव कराने के लिए तारीखों का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, बिहार और छत्तीसगढ़ में उपचुनाव कराए जाएंगे। यूपी में मैनपुरी लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव है, जहां से मुलायम सिंह लोकसभा सांसद थे और उनके निधन के बाद वहां की संसदीय सीट रिक्त है।
चुनाव आयोग गुजरात के शहर, गांव यहां तक की जंगलों में भी पोंलिग सेंटर बनाने की तैयारी कर रहा है। आयोग अपने उदेश्य को पूरा करने में लगा है ताकि कोई भी वोट देने से वंचित नहीं रहें।
वैसे तो गुजरात की सत्ता में बीजेपी लंबे समय से काबिज है लेकिन इस बार समीकरण बदले नजर आ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली और पंजाब जीतने के बाद आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी पूरी ताकत लगा दी है।
Shiv Sena: वहीं इस एपहले सोमवार को शिंदे गुट ने त्रिशूल, गदा और उगता सूरज के तीन चिन्ह ऑप्शन के तौर पर दिये थे, जिन्हें आयोग ने खारिज कर दिया था और शिंदे गुट से चुनाव चिन्ह के लिए फिर से नये विकल्प देने को कहा था।
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