महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि राज्य में लाडकी बहिन योजना जारी रहेगी। शिंदे ने कहा कि महायुति सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
आदित्य ठाकरे के बयान ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी गरमाहट बढ़ा दी है। आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा और कहा कि एकनाथ शिंदे के बजाय कोई दूसरा नेतृत्व तैयार किया जा रहा है।
एकनाथ शिंदे अभी राज्य में डिप्टी सीएम के पद पर हैं। जून 2022 शिंदे ने मूल शिवसेना पार्टी को तोड़ दिया था। तब इस पार्टी की कमान उद्धव ठाकरे के हाथ में थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना को तगड़ा झटका लगा है।
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (MVA) को तगड़ा झटका लगा था। इसके बाद से एमवीए के कई नेता एकनाथ शिंदे की शिवसेना ज्वाइन करने के फिराक में हैं।
संजय राउत ने कहा कि पर्दे के पीछे की गतिविधियों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि भविष्य में राज्य में तीन उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं। उन्होंने कहा, किसी को भी एकनाथ शिंदे को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। वह आज उपमुख्यमंत्री हैं। इससे पहले वह मुख्यमंत्री थे। वह कल वहां नहीं रहेंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हाल के दिनों में विपक्षी दलों विशेषकर शिवसेना (UBT) के कई कार्यकर्ता और नेता हमारी शिवसेना में शामिल हुए हैं और यह सिलसिला जारी रहेगा। अन्य राज्यों से भी कुछ कार्यकर्ता और नेता शिवसेना में शामिल हुए हैं।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर अब महाराष्ट्र की शिवसेना पार्टी ने भी अपना पत्ता खोल दिया है। इसको लेकर पार्टी प्रमुख एकनाथ शिंदे ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है।
हाल के दिनों में आदित्य ठाकरे तीन बार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर चुके हैं। इन मुलाकातों के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
बीएमसी चुनाव में मनसे बीजेपी के साथ गठबंधन करेगी या नहीं इस पर पार्टी ने एक कमेटी बनाई है। कमेटी गठबंधन की संभावनाओं पर विचार करेगी और पार्टी चीफ राज ठाकरे को रिपोर्ट देगी।
एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) से जुड़े नेता जो उनके साथ जुड़ रहे हैं, यह दिखाता है कि उनकी पार्टी मजबूत हो रही है।
महाराष्ट्र में इस बार देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया है। एकनाथ शिंदे और अजित पवार को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है। महाराष्ट्र में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी हो गया है। वहीं, अब महाराष्ट्र में एक नया बवाल सामने आया है।
महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनने के बाद अब मंत्रिमंडल का बंटवारा हो चुका है। इस कड़ी में सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास गृह विभाग, उर्जा समेत कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी है। चलिए बताते हैं कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता अजित पवार को क्या जिम्मेदारी मिली है।
मंत्रियों के विभागों के बंटवारा नहीं होने पर विपक्ष ने चुटकी ली है। नितिन राऊत ने कहा यह इतिहास बन गया कि मंत्रियों के विभाग के बिना शीत सत्र संपन्न हो रहा है। हालांकि, मंत्रियों को उम्मीद है कि एक दो दिन में विभागों का बंटवारा हो जाएगा।
महाराष्ट्र में 2.5-2.5 साल के लिए मंत्री बनाए जा रहे हैं। अब इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार की चुटकी ली है। विपक्ष ने कहा कि हम उनको नया फॉर्मूला दे रहे हैं जिससे कोई विधायक नाराज नहीं होगा।
अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने साफ किया है कि हर मंत्री को ढाई साल दिए जाएंगे। इसके बाद उन्हीं मंत्रियों का कार्यकाल आगे बढ़ेगा, जिनका प्रदर्शन अच्छा होगा।
महाराष्ट्र में मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद कैबिनेट की पहली बैठक हुई है। इस बैठक में दोनों डिप्टी सीएम शिंदे और पवार ने विभागों के बंटवारे को लेकर बयान दिया।
सांसद श्रीकांत शिंदे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शनिवार को लोकसभा में कहा कि नेता प्रतिपक्ष ‘अंगूठा काटने की बात’ कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने तो 1984 में ‘सिखों के गले काटे’ थे।
महाराष्ट्र में सरकार के गठन होने के बाद अब आवासों और बंगलों का बंटवारा शुरू हो चुका है। इस बीच रामगिरी बंगले में देवेंद्र फडणवीस रहेंगे। बता दें कि पहले इस बंगले में बतौर सीएम एकनाथ शिंदे रहा करते थे।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने BMC चुनावों को लेकर हुई एक बैठक के बाद कहा कि महायुति ने जैसे पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा वैसे ही हम निकाय चुनाव भी लड़ेंगे और भारी बहुमत से जीतेंगे।
महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण के बाद से सबकी निगाहें मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई हैं। महाराष्ट्र में सीएम, डिप्टी सीएम ने एक हफ्ते पहले शपथ ली थी लेकिन अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हुआ हैं। वहीं, अब खबर है कि पावर शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति बन गई है।
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