शिवसेना में फूट पड़े एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है। उद्धव ठाकरे के हाथों से पार्टी का नाम और सिंबल दोनों ही छिन चुका है। इसके बाद भी शिंदे और ठाकरे गुट के बीच समय-समय पर तनाव सामने आ ही जाता है।
महाराष्ट्र की अस्पतालों में मरीजों की हो रही मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिंदे सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। इसकी सीबीआई जांच करानी चाहिए।
कुछ दिन पहले शिवसेना शिंदे गुट के शहर प्रमुख रवि पाटिल ने दुर्गाड़ी किले का निरीक्षण किया था और बताया था कि 15 से 24 अक्टूबर तक नवरात्रि उत्सव मनाया जाएगा। एक बार फिर त्योहार के मौके पर दोनों गुट एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं, अब देखना यह है कि किसे अनुमति मिलती है।
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं महाराष्ट्र की राजनीति में फिर हलचल देखने को मिल सकती है क्योंकि इन दिनों अजित पवार और सीएम एकनाथ शिंदे के बीच दूरियां साफ दिख रही है। बता दें कि बीते दिन अजित पवार कैबिनेट मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए थे।
महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर गर्मी बढ़ गई है। एक बार फिर अजित पवार के नाम की चर्चा तेज है। वह अपने फैसलों की वजह से ही जाने जाते हैं और कहा जा रहा है कि वह नाराज हैं। वजह जानने के लिए पढ़ें ये खबर...
महाराष्ट्र के ठाणे के शाहपुर तालुका में सड़क नहीं होने के चलते एक प्रसूता को डोली में बिठाकर अस्पताल ले जाना पड़ा। हालांकि प्रसूता ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस गांव सीएम शिंदे ने गोद लिया था।
NCP चीफ शरद पवार ने कहा कि नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना झकझोर देने वाली है। उन्होंने कहा कि अभी दो महीने पहले ही ठाणे नगर निगम के कलवा अस्पताल में एक ही रात में 18 लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी।
पिछले कुछ वर्षों से मनसे के राजनीतिक रुख पर सस्पेंस था, क्योंकि राज ठाकरे को सत्तारूढ़ शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और अन्य नेताओं के साथ मेलजोल के रूप में देखा जाता था।
आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत मंत्रियों के विदेश दौरे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अवैध मुख्यमंत्री लंदन जाने वाले थे। मैंने जैसे सवाल खड़ा किया, तो सीएम ने अपना दौरा रद्द कर दिया।
मुंबई के मुलुंड इलाके में एक मराठी महिला घर किराए पर लेने गई थी। यहां उसे ये कहा गया कि सोसाइटी में मराठियों को घर नहीं दिया जाता। महिला ने लोगों पर मारपीट का भी आरोप लगाया है। अब इस मामले में सियासत गर्म है।
महिला आरक्षण बिल पर मतदान के वक्त विनायक राउत, ओमराजे निंबालकर, संजय जाधव और राजन विचारे सदन में मौजूद नहीं थे। आरोप है कि मतदान के वक्त संजय जाधव और ओमराजे निंबालकर लॉबी में घूम रहे थे लेकिन सदन में नहीं आए।
सीएम एकनाथ शिंदे के आवास पर गणपति दर्शन के लिए शाहरुख, सलमान खान सहित अन्य बड़े सितारों के आने पर ठाकरे सेना भड़क गई है। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में संकट की स्थिति है और सीएम घर पर उत्सव मना रहे हैं।
अमित शाह के साथ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पस्थित थे लेकिन ठीक उसी वक्त अजित पवार बारामती में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यस्त थे। उनके इस कार्यक्रम ना आने पर कई सवाल उठ रहे हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर आज सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सदन के केंद्रीय कक्ष में सुनवाई की। विधानसभा अध्यक्ष के सामने कुल 34 याचिकाएं लंबित हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से महाराष्ट्र में नमो 11 सूत्री कार्यक्रम शुरू किया गया हैं जिसमें कई सारी योजनाएं शामिल रहेंगी। इससे विभिन्न वर्गों को फायदा पहुंचेगा जिनमें किसान, कामगार, आदिवासी, विद्यार्थी, महिलाएं शामिल हैं।
श्रीनगर में मराठी समुदाय पहले अपने घरों में गणेशोत्सव उत्सव मनाते थे लेकिन 24 सालों से, वे लाल चौक के पंचमुखी हनुमान मंदिर में सार्वजनिक उत्सव मनाते हैं। इसमें स्थानीय मुस्लिम समुदाय भी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
शिंदे ने विपक्षी एकता पर तंज कसते हुए कहा है कि भेड़ और बकरियां शेर से नहीं लड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि मुझे विपक्ष कहीं भी मुकाबले में नजर नहीं आता। शिंदे ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को भी बिना नाम लिए घेरा।
महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (MITRA) के नए ऑफिस को लेकर सियासत तेज हो गई है। दरअसल, शिंदे सरकार मित्रा के नए ऑफिस को मुंबई के नरीमन पॉइंट इलाके में शिफ्ट कर रही है जिसका हर महीने 21 लाख किराया जाएगा। इसी को लेकर विपक्ष सवाल कर रहा है।
महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों के नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इन जिलों का नाम बदलने का फैसला एमवीए सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में लिया गया था।
महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 17 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे को आखिरकार महाराष्ट्र सरकार ने मना लिया है। उन्होंने अनशन तोड़ दिया है।
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