मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में पेश और पारित किए गए आरक्षण विधेयक का स्वागत किया, लेकिन तर्क दिया कि जो आरक्षण प्रस्तावित किया गया है वह समुदाय की मांग के अनुसार नहीं है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेंद्र फड़नवीस ने शिवनेरी किले में शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती के समारोह में भाग लिया।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि इस रिपोर्ट को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान पेश किया जाएगा, ताकि मराठा समुदाय को आरक्षण देने की दिशा में आगे का खाका तैयार किया जा सकें।
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मनोज जरांगे पाटिल एक बार फिर से अनशन पर बैठ गए हैं। ये एक साल से भी कम समय में चौथी बार है जब जरांगे मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए अनशन पर हैं। इस बीच महाराष्ट्र सरकार 20 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलायेगी।
मनोज जरांगे मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह में शामिल करने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं।
बता दें कि संतोष बांगर अपने बयानों के कारण पहली बार विवाद में नहीं आए हैं। पिछले महीने उन्होंने कसम खाई थी कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के चुनावों में दोबारा नहीं चुने गए तो वह सार्वजनिक रूप से फांसी लगा लेंगे। अगस्त 2021 में बांगर ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के घर में घुसकर उन पर हमला करने की धमकी दी थी।
उल्हासनगर फायरिंग मामले के मुख्य आरोपी बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ ने कहा है कि एकनाथ शिंदे ने मुझे अपराधी बना दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि शिंदे भाजपा को भी धोखा देंगे।
सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल को जूस पिलाकर उनका अनशन तोड़ा। जरांगे ने कल ही इस बात की जानकारी दी थी कि उनकी मांगे मान ली गई हैं।
मराठा आरक्षण को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा था। आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है और इसके साथ ही हमारा विरोध भी समाप्त हो गया है। जरांगे आज सीएम की मौजूदगी में आंदोलन समाप्त करेंगे।
महाराष्ट्र की लगभग 60000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सेविकाएं राज्य सरकार से ग्रेच्युटी और उन्हें सरकारी कर्मचारियों की सूची में शामिल करने की मांग कर रही हैं। इस मांग को लेकर उन्होंने आज नागपुर में जेल भरो आंदोलन किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर विचार करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके खेमे के 38 अन्य विधायकों को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है।
22 जनवरी के कार्यक्रम में कई लोग निमंत्रण के बावजूद हिस्सा नहीं लेंगे। इसमें बीजेपी के प्रमुख जेपी नड्डा, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का भी नाम शामिल है।
स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले के बाद अब एकनाथ शिंदे गुट बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा है। उन्होंने याचिका दाखिल करते हुए मांग की है कि ठाकरे गुट के विधायकों अपात्र घोषित किया जाए।
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मानने के बाद ही उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। ठाकरे ने कहा था कि स्पीकर ने कोर्ट के फैसले का अपमान किया है।
मणिपुर के थौबल से कांग्रेस की न्याय यात्रा शुरू, कांग्रेस चीफ़ खरगे और राहुल ने दिखाई हरी झंडी
महाराष्ट्र की राजनीति में आज काफी हलचल रही। कांग्रेस का पुराना साथ छोड़कर मिलिंद देवड़ा रविवार को शिवसेना में शामिल हो गए। उनके शामिल होने के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का पुराना दर्द याद आया और उन्होंने बड़ी बात कह दी। जानें क्या कहा-
शिवसेना में शामिल होने के बाद मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर वे लोग योग्यता को अवसर देते तो आज यह दिन नहीं आता। देवड़ा ने कहा कि अब मैं एकनाथ शिंदे और नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत करने के लिए काम करूंगा।
कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए मिलिंद ने कहा था कि आज मेरी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ। मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है, जिससे मेरे परिवार की 55 साल पुरानी सदस्यता समाप्त हो गई है।
कांग्रेस पार्टी ने 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता ठुकरा दिया है। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता अयोध्या नहीं जाएंगे।
कांग्रेस ने अयोध्या के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण ठुकराया तो महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने निशाना साधा है। शिंदे ने कांग्रेस ही नहीं बल्कि MVA गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे पर भी हमला बोला।
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