अब कार्तिक शुक्ल एकादशी के बाद से ही मांगलिक कार्य शुरू होंगे। पुरानों के मुताबिक जब भगवान विष्णु ने राजा बलि का पाताललोक का राजा बना दिया और वर मांगने को बोला तो बलि ने उनसे पाताल लोक में निवास करने का आग्रह किया। तब से चार महीने के लिए देवता पाताललोक में चले जाते हैं। इस दौरान किसी भी तरह का मांगलिक कार्य निषेध है।
भरणी और कृतिका नक्षत्र होने के कारण शूल और गण्ड नामक शुभ योग बन रहे है। जिसके कारण हर राशि के जातकों को लाभ मिलेगा। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कैसा रहेगा आपका दिन।
आज एकादशी के दिन श्री विष्णु जी की पूजा करने और कुछ विशेष उपाय करने से विभिन्न राशि वालों को अलग- अलग फल प्राप्त होंगे, तो किस राशि वाले को आज के दिन कौन-से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
योगिना एकादशी को शयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इस एकादशी के बाद देवशयनी एकादशी पड़ता है। जिसके बाद भगवान विष्णु शयन के लिए चले जाते है। इस बार सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। जानिए पूजा विधि, व्रत कथा के बारें में।
कहते हैं जो व्यक्ति साल की सभी एकादशियों पर व्रत नहीं कर सकता, वो इस एकादशी के दिन व्रत करके बाकी एकादशियों का लाभ भी उठा सकता है। एकादशी के दिन कई ऐसे काम है जो नहीं करना चाहिए। जानिए एकादशी के दिन कौन-कौन से काम नहीं करना चाहिए।
आज ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही स्वाती नक्षत्र और शिव योग है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कैसा रहेगा आज का पंचांग।
इस एकादशी के दिन व्रत करके बाकी एकादशियों का लाभ भी उठा सकता है। इसके साथ ही स्वाती नक्षत्र और शिव योग है। जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और कथा के बारें में।
आज स्वाती नक्षत्र और शिव योग में निर्जला एकादशी के दिन श्री विष्णु की पूजा करने और कुछ विशेष उपाय करने से विभिन्न राशि वालों को कौन-से विशेष फल प्राप्त होंगे। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से क्या करें राशिनुसार उपाय..
पुरुषोत्तम मास में की जाने वाली इस एकादशी के प्रभाव से व्यक्ति समस्त पापकर्मों के बोध से छूट जाता है और अपार सुख-समृद्धि तथा धन-धान्य की प्राप्ति करता है। जानिए राशिनुसार क्या उपा. करना होगा शुभ...
रविवार को पड़ने के कारण इस एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ गया है। पुरुषोत्तम मास में की जाने वाली इस एकादशी के प्रभाव से व्यक्ति समस्त पापकर्मों के बोध से छूट जाता है और अपार सुख-समृद्धि तथा धन-धान्य की प्राप्ति करता है।
पद्मिनी एकादशी: 3 वर्ष बाद आए अधिकमास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी में बहुत ही अद्भुत संयोग है। इसमें अधिकमास, एकादशी के और शुक्रवार का शुभ संयोग है जो मां लक्ष्मी का दिन है। जानिए आज के दिन कौन से काम करें और कौन से न करें।
पद्मिनी एकादशी में बहुत ही खास संयोग है। ऐसा संयोग 3 साल बाद पड़ा है। यह पूरी तरह से भगवान विष्णु में समर्पित है। जो भी इस दिन व्रत रखते है उन्हें अपार लाभ प्राप्त होता है। धन और स्वास्थ्य का आर्शीवाद मिलता है और शत्रुओं का नाश होता है। भगवान विष्णु ने पद्मिनी को पुत्र का वरदान दिया था। इसके साथ संतान की भी प्राप्ति होती है।
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के लिए रखा जाता है। जो भी इस व्रत को पूरी विधि-विधान के साथ करता है उसका पुण्य कई हजार गुना बढ जाता है। एकादशी के दिन कई ऐसे काम है जो नहीं करना चाहिए। जानिए एकादशी के दिन कौन-कौन से काम नहीं करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार जो इंसान विधि-विधान से एकादशी का व्रत और रात्रि जागरण करता है उसे वर्षों तक तपस्या करने का पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए इस व्रत को जरुर करना चाहिए। इस व्रत से कई पीढियों द्वारा किए गए पाप भी दूर हो जाते है। जानिए व्रत कथा और पूर्ण पूजा विधि...
राशिफल 11 मई 2018: शुक्रवार होने के साथ पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र है। जिसके कारण वैधृति योग बन रहा है। ये योग कुछ राशियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। बिजनेस में अचानक धन की प्राप्ति होगी। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से कैसा रहेगा आपका दिन।
आज मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने के साथ ही कुछ खास उपाय करने से आप किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं, अपनी किसी विशेष इच्छा की पूर्ति कर सकते हैं। जानिए इंदु प्रकाश से कौन से उपाय करना होगा शुभ...
वैशाख शुक्ल एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। वहीं व्रत-उपवास रखकर मोह-माया के बंधन से मुक्त होने के लिए यह एकादशी बहुत लाभदायी है।
आज मोहिनी एकादशी है और इस पूजा को लेकर अक्सर एक बात कही जाती है कि इसे करने से आपके सारे पाप धुल जाएंगे।
Varuthini ekadashi 2018: 12 अप्रैल, गुरुवार वैशाख कृष्ण पक्ष की वरूथिनी एकादशी है। हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने और उनकी पूजा करने का विधान है, लेकिन गृहस्थ को केवल शुक्ल पक्ष की एकादशी में व्रत करना चाहिए जबकि जो ग्रहस्थ नहीं है, उनके लिए कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की एकादशी नित्य है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा...
वरूथिनी एकादशी 2018: गुरुवार के दिन एकादशी के दिन श्री विष्णु की पूजा करने और कुछ विशेष उपाय करने से विभिन्न राशि वालों को अलग-अलग फल प्राप्त होंगे, आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा। आपके दाम्पत्य जीवन में लंबे समय से चली आ रही परेशानियां दूर होंगी। अगर आपका प्रेम-विवाह अटका हुआ है, तो जल्दी ही आपके काम बनेंगे। नौकरी में प्रमोशन मिलेगा। जानिए राशिनुसार कौन से उपाय करना होगा शुभ..
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