Paush Putrada Ekadashi 2023: हिंदू पंचाग के अनुसार एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि संतान सुख और पुत्र प्राप्ति की कामना पूर्ण करने के लिए यह व्रत रखा जाता है। पुत्रदा एकादशी करने से संतान की प्राप्ति भी होती है।
कल पौष कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि और सोमवार का दिन है। आचार्य इंदु प्रकाश बता रहे हैं कि सफला एकादशी के दिन किन उपायों को करने से आपको तरक्की मिलेगी।
Safala Ekadashi 2022: 19 दिसंबर 2022 को सफला एकादशी है और 3 शुभ योगों का बेजोड़ संयोग भी बन रहा है, जिससे इन 4 राशियों के जातकों को बहुत फायदा होगा।
जो लोग सफला एकादशी का व्रत रखते हैं, उन्हें सफलता, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
Mokshada ekadashi 2022: एकादशी का व्रत करने वालों को इन ख़ास बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना पड़ता है। अगर आपने इन नियमों का पालन नहींकिया तो आपको और आपके परिवार को बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
Geeta Jayanti Upay: आचार्य इंदु प्रकाश बता रहे हैं कि गीता जयंती के दिन किन उपायों को कर आप अपना जीवन बेहतर बना सकते हैं।
Mokshada Ekadashi 2022: मोक्षदा एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल एकादशी को रखा जाता है। इस दिन किए व्रत और पूजा से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 03 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा।
Utpanna Ekadashi 2022: उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने वाली महिलाओं और पुरुषों को रात भर जागकर भजन-कीर्तन करना चाहिए। इस व्रत में भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए तभी मन की सभी मुराद पूरी होती है। इतना ही नहीं एकादशी के दिन किसी के लिए भी बुरे शब्द नहीं निकालने चाहिए।
Utpanna Ekadashi Upay: जो लोग साल भर तक एकादशी व्रत का अनुष्ठान करना चाहते हे, उन्हें मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी से ही व्रत शुरू करना चाहिए। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए उत्पन्ना एकादशी के दिन कौन से उपाय करने चाहिए।
Saphala Ekadashi 2022: साल 2022 की आखिरी एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार ये त्यौहार कब है चलिए आपको बताते हैं।
Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष एकादशी को 20 नंवबर 2022 के दिन रखा जाएगा। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा होती है। इसमें व्रत के पहले से लेकर पारण तक कुछ विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है, तभी व्रत और पूजा संपन्न होती है।
उत्पन्ना एकादशी इस साल 20 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की अराधना से विशेष फल मिलता है। इसके साथ ही एकादशी के दिन खास उपाय करने से जीवन की कई परेशानियां भी दूर हो जाती है। सुख-समृद्धि, सुखी वैवाहिक जीवन आदि के लिए उत्पन्ना एकादशी के दिन कौन से उपाय करना होगा शुभ जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
Dev Uthani Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। हिंदू धर्म के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु चार मास के योग निद्रा से जागते हैं। ऐसे में इस दिन भगवान नारायण की पूजा कर के पुण्य कमाया जा सकता है।
Dev Uthani Ekadashi 2022: हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन भक्तगण व्रत रखते हैं और विधि विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद से ही सभी शुभ मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं।
Dev Uthani Ekadashi 2022: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। ऐसा कहते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं और तब पृथ्वी लोक पर शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। इस साल देवउठनी एकादशी का व्रत 04 नवंबर को रखा जाएगा। आइए इसका मुहूर्त, पूजा और पारण विधि
Rama Ekadashi 2022: हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन श्री विष्णु जी की पूजा का विधान है। आइए जानते हैं रमा एकादशी की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
Rama Ekadashi 2022 Upay: इस साल रमा एकादशी का व्रत 21 अक्टूबर को रखा जा रहा है। इस दिन अच्छे मन से लक्ष्मी मां के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से धन की कभी कमी नहीं होती। साथ ही सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
Rama Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी का व्रत है। चलिए आपको बताते हैं यह व्रत कैसे किया जाता है।
Papankusha Ekadashi 2022: आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं पापांकुशा एकादशी के दौरान कौन सा उपाय करना आपके लिए लाभदायक होगा।
Papankusha Ekadashi 2022: हर एकादशी अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होती है। आश्विन शुक्ल पक्ष की ये एकादशी सबका कल्याण करने वाली बताई गई है। आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और महत्व
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