अल-हकीम मस्जिद के पुनरुद्धार का काम दाउदी बोहरा समुदाय ने अपने हाथों में लिया और 1980 में यह एक नए रूप में लोगों के सामने आई।
प्रधानमंत्री अमेरिका का राजकीय दौरा खत्म करके मिस्र की राजधानी काहिरा के लिए रवाना हो गए। वे मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर मिस्र जा रहे हैं।
मिस्त्र के तट के पास लाल सागर में जा रही एक पानी की जहाज में भयंकर आग लग गई। इस घटना का एक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि आग लगने के दौरान जहाज में धमाका हो रहा है।
मिस्र की एक टीम ने हमले के पीछे टाइगर शार्क की पहचान की है। पर्यावरण मंत्री यासमीन फौद ने कहा, शार्क को पकड़ लिया गया है और लैब में जांच के लिए भेज दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान मिस्र के साथ संबंधों को काफी गहरा कर दिया है। जबकि पहले चीन का इस देश में दबदबा रहा करता था। अब भारत की एंट्री से चीन परेशान हो उठा है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी को पीएम मोदी ने 26 जनवरी को विशेष अतिथि भी बनाया था। अब वह अमेरिका के साथ मिस्र की भी यात्रा।
अमेरिका को एक और झटका लगा है। जब दो मुस्लिम देश सऊदी अरब और मिस्र ने अब अमेरिका को दिरकिनार करते हुए चीन से घातक हथियार खरीदने की कवायदें शुरू कर दी हैं।
हैरान करने वाली बात यह है कि वो मुसलमान देश जो भारत अपना खास दोस्त मानता है, उसने भी श्रीनगर में आयोजित हो रही जी-20 की बैठक से दूरी बना ली है।
यह देश IMF का दूसरा सबसे बड़ा कर्जदार है। लेकिन दूसरी तरफ इस देश की सरकार भव्य इमारतें, भव्य मस्जिदें और नई प्रशासनिक राजधानी जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स पर अनाप शनाप खर्च कर रही हैं।
दक्षिण पश्चिम मिस्र में काहिरा जा रही बस एक राजमार्ग पर ट्रक से टकरा गई। बताया जा रहा है कि यात्री बस की धीमी गति से चल रहे एक ट्रक से टक्कर हुई। इस हादसे में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई तथा 25 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों और स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।
बुद्ध की यह प्राचीन प्रतिमा 71 सेंटीमीटर की है, जिसके चारों ओर आभामंडल है। साथ ही उसके पास में एक कमल का फूल बना हुआ दिखाई दे रहा है।
मिस्र वही देश है जिसके राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के बतौर भारत आए थे। मिस्र के राष्ट्रपतिअल सीसी ने अब सऊदी अरब का रूख किया है। यहां उन्होंने सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सुलेमान से मुलाकात की।
मिस्र की सरकार ने नवीनतम पोषण सलाह में लोगों को चिकन के पैरों को पकाकर खाने का सुझाव दिया है। इस सुझाव ने लोगों के गुस्से को भड़का दिया है। इस बीच मिस्र में 1 अंडे की कीमत 13 रुपये से भी ज्यादा हो चुकी है। मिस्र में मार्च में महंगाई दर रिकॉर्ड 30% को पार कर चुकी है।
मिस्र का पाउंड मार्च 2022 के बाद से अपने मूल्य का लगभग आधा रह गया है। आयात के लिए आवश्यक विदेशी मुद्रा, विशेष रूप से अमेरिकी डॉलर की कमी के बीच सेंट्रल बैंक ऑफ मिस्र ने अवमूल्यन के दौर का आदेश देना शुरू कर दिया है।
इस ममी की खोज मिस्र के प्रसिद्ध पुरातत्वविद् जही हवास ने की है। इसे गीजा के पिरामिडों के पास सक्कारा नेक्रोपोलिस नामक स्थान पर खोजा गया है। विश्लेषण में पता चला कि यह ममी 4300 साल से अधिक पुरानी है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार यह ममी मिस्र में आज तक पाई गई सबसे पुरानी ममी है।
संकट की घड़ी में मुस्लिम देश मिस्र के साथ खड़े भी नहीं हैं, जो उनके लिए सबसे बड़ा झटका है। अलग-थलग पड़ चुके मिस्र की मदद के लिए भारत आगे आया है। भारत से मिस्र को गेहूं की आपूर्ति की जा रही है।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सिसी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे हैं। उनकी यात्रा के दौरान कृषि, डिजिटल क्षेत्र और व्यापार सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने पर प्रमुख रूप से जोर दिया जाएगा।
गणतंत्र दिवस के अवसर हर बार विदेशी राष्ट्र अध्यक्ष को बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता है। लेकिन बीते 2 साल से देश अपना गणतंत्र दिवस कोरोना के साए में मना रहा था। इस बार धूमधाम से मनाने की तैयारी की जा रही है।
भारत और मिस्र इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, मिस्र को 2022-23 में जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया गया है।
Climate change compensation approved at COP 27:ग्लोबल वार्मिंग के चलते होने वाले जलवायु परिवर्तन पर अब प्रभावित देशों को हर्जाना दिया जाएगा। ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने के जिम्मेदार देश यह हर्जाना मिलकर देंगे।
India @ COP-27: मिस्र में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में ‘शमन कार्य कार्यक्रम’ (मिटिगेशन वर्क प्रोग्राम या एमडब्ल्यूपी) पर चर्चा के दौरान भारत विकासशील देशों के अगुवा के तौर पर अपनी भूमिका निभाई। भारत ने कार्बन उत्सर्जन के लिए विकासशील देशों को जिम्मेदार ठहराने की विकसित देशों की योजना पर पानी फेर दिया।
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