सीजीए के आंकड़े के मुताबिक केंद्र को मई, 2021 में कुल 3,54,787 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ जो 2021-22 के बजट अनुमानों का 17.95 प्रतिशत है।
प्रधान आर्थिक सलाहकार के मुताबिक महामारी से आगे और कोई बड़ा नुकसान न हो और इसी रफ्तार से टीकाकरण जारी रहे, तो अगले तीन-चार महीनों में अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साफ रुझान देखने को मिलेंगे
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी 9.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो पहले के 10.1 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
सरकार कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के अनुमान के आधार पर घोषणा करने के बजाय इसके छह सप्ताह के संक्रमण आंकड़ों की करीब से निगरानी करने के बाद ही आर्थिक स्तर पर कोई कदम उठाना चाहेगी।
देश के आर्थिक पुनरुद्धार को समर्थन तथा व्यापार और उद्योग पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए सोच-विचार कर सावधानी के साथ उपाय करने की जरूरत है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार को आगे बढ़ाने के लिये सभी पक्षों- राजकोषीय, मौद्रिक और विभिन्न क्षेत्रों- से नीतिगत समर्थन की जरूरत पर जोर दिया है।
सीआईआई ने मनरेगा आवंटन बढ़ाने, अल्पकालिक तौर पर कुछ खास क्षेत्रों में जीएसटी कटौती, घर खरीदारों के लिए समयबद्ध कर राहत, ब्याज माफी या स्टांप शुल्क में छूट जैसे सुझाव दिये हैं
रिपोर्ट के मुताबिक टीकाकरण में गति आने के साथ उपभोक्ता तथा व्यापार भरोसा बढ़ने की संभावना है। इससे आर्थिक पुनरूद्धार में दूसरी छमाही से गति आने की उम्मीद है।
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण पिछले दो महीने तक पूरी तरह सुस्त रहने के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।
रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि के अनुमान को एक प्रतिशत अंक कम करके 9.5 प्रतिशत कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र का योगदान वर्तमान 30 प्रतिशत से बढ़ा कर 40 प्रतिशत तक पहुंचाने का प्रयत्न किया जाना चाहिए।
बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही है। पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई है
वृद्धि दर में आया बड़ा उछाल तुलनात्मक वार्षिक आधार निम्न होने तथा प्राकृतिक गैस उत्पादन बढ़ने, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और बिजली क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन का नतीजा है।
इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले मौजूदा वित्तीय वर्ष में 11 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाया गया था।
भारत का जीडीपी जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में 1.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट, 2019-20 में चार प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी थी।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने शुक्रवार को कहा इस साल कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था को पिछले साल के मुकाबले ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते पूरे वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 7.3 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।
श्रमिक की भागीदारी दर भी पिछले सप्ताह के 40.5 प्रतिशत से और कम होकर 39.4 प्रतिशत रह गई। बेरोजगारी दर भी इस अवधि में 14.4 प्रतिशत से बढ़कर 14.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
इस महीने की शुरुआत में 49 अर्थशास्त्रियों की राय के आधार पर जारी एनएबीई के निष्कर्षों में मार्च के अपने पिछले सर्वेक्षण की तुलना में अर्थव्यवस्था की एक बहुत ही उज्ज्वल तस्वीर पेश की गई।
लगातार चार दिन कोरोना वायरस संक्रमण के चार लाख से अधिक नए मामले सामने आने के बाद भारत में सोमवार को एक दिन में कोविड-19 के ताजा मामलों में कमी देखने को मिली है और वो 3.66 लाख के स्तर पर रहे हैं।
संपादक की पसंद