प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पैकेज में लोगों में सुरक्षा और आशा की भावना जगाने के लिए पर्याप्त धन का प्रावधान किया गया है।’’
इक्रा और यूबीएस ने अनुमान बढ़ाने के लिये केंद्र और राज्य सरकार द्वारा खर्च में वृद्धि, उम्मीद से तेज रिकवरी, कृषि क्षेत्र से बेहतर संकेतों को वजह बताया है।
वित्त मंत्री ने सीआईआई वैश्विक आर्थिक नीति सम्मेलन 2021 को संबोधित करते हुए कहा कि आयात पर निर्भरता कम करने के लिए उद्योगों को आगे आना चाहिए
देबरॉय ने कहा कि क्षमता उपयोग में सुधार के साथ अगले छह माह में निवेश में और वृद्धि होने की संभावना है।
गर्वनर के मुताबिक बैंकों के बही खातों की स्थिति सुधरी है और सितंबर तिमाही में एनपीए पहली तिमाही के मुकाबले बेहतर हुआ है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अक्टूबर में पिछले साल के मुकाबले रोजगार बढ़ा है और विनिर्माण पीएमआई बढ़कर 55.9 हो गया, जबकि सेवा पीएमआई एक दशक के उच्चस्तर 58.4 पर पहुंच गया।
इसी हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों में ऋण प्रवाह में नरमी को दूर करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी।
ब्रिटेन के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र सीओपी-26 के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री मोदी 2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य दिया था
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने 2021 में 9.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। वहीं रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है
समीक्षा में कहा गया कि टीकाकरण में तेजी और कोविड-19 संक्रमण में गिरावट के साथ आर्थिक गतिविधियां लगातार सामान्य हो रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सेवा क्षेत्र में सुधार की रफ्तार सबसे धीमी है।
कारखाना उत्पादन, खुदरा बिक्री, निर्माण और अन्य गतिविधियों में निवेश कमजोर पड़ा है। इसके साथ ही बिजली संकट की वजह से भी ग्रोथ पर असर है।
तेल की कीमतें वृद्धि के साथ 83 डॉलर प्रति बैरल हो गयी है और कोयले की कीमत भी उछाल के साथ 200 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गयी है।
वित्त मंत्री जी 20 के वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय गवर्नरों की बैठक में शामिल हुईं। बैठक इटली की अध्यक्षता में हुई थी
वित्त मंत्री के मुताबिक अगले एक दशक में अर्थव्यवस्था के इसी रफ्तार से आगे बढ़ने का अनुमान है और इसमे गिरावट का कोई कारण नहीं दिख रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक निर्यात ने वित्त वर्ष 2021-22 में लगातार छठे महीने 30 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है और भारत में निवेश की मांग भी बढ़ रही है। विदेशी ऋण एवं जीडीपी अनुपात सहज बना हुआ है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि और विदेशी वित्तीय बाजार में संभावित उतार-चढ़ाव और कोविड संक्रमण में बढ़ोतरी वृद्धि के लिये जोखिम साबित हो सकते हैं
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर से रिकवरी पर जो असर पड़ा था वो छोटी अवधि का था, और पिछले साल के मुकाबले काफी सीमित भी था।
RBI के पूर्व गवर्नर के अनुसार 2,700 अरब डॉलर से 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचने के लिए अर्थव्यवस्था को लगातार पांच साल तक नौ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के बयान के अनुसार कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में से रिफंड जारी किये जाने के बाद चालू वित्त वर्ष में एक अपैल से 22 सितंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 74.4 प्रतिशत बढ़कर 5,70,568 करोड़ रुपये रहा है।
रिजर्व बैंक गवर्नर के मुताबिक महंगाई दर ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं है, वहीं एनपीए ऐसे स्तरों पर आ गये हैं जहां उन्हें संभाला जा सकता है।
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