त्योहारों के दौरान अपेक्षित अच्छी डिमांड के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ बनी रहने की उम्मीद है जिससे अगले छह महीनों के दौरान क्षेत्र को गति मिलने की उम्मीद है।
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया के मुताबिक, भारत के साल 2030 तक 7.3 ट्रिलियन इकोनॉमी के साथ दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनने की संभावना है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 वित्त वर्ष में भी लगातार मजबूत ग्रोथ दिखाना जारी रखा।
भारत की इकोनॉमी लगातार अपने उछाल से दुनिया को चौंका रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल्द ही दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने का दावा भी कर दिया है। इस पर पूरी दुनिया की नजर है। इस बीच जापान की भारत के साथ सेमीकंडक्टर से लेकर रक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम इसी का संकेत है।
चीन में बेरोजगारी बढ़ रही है। चीन के एक प्रोफेसर की रिपोर्ट में हुए इस खुलासे से कोहराम मच गया है। प्रोफेसर की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन में युवा बेरोजगारी दर 50 फीसदी के करीब पहुंच गई है।
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि निगाता (जापान के समुद्र तट पर एक बंदरगाह शहर) में उनकी शीर्ष प्राथमिकता दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय ऋण पर गतिरोध को लेकर भरोसा बहाल करने पर होगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने जनवरी में वैश्विक वृद्धि के जो अनुमान जताए थे वे पुराने हो चुके हैं और अब देशों को यह देखना होगा कि बीते हफ्ते अमेरिका में जो घटनाक्रम हुए उनका भरोसे पर, बैंकों की कर्ज वृद्धि आदि पर क्या प्रभाव होगा।
इस मुल्क में राजनीतिक भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के कारण 2019 में मंदी आई थी और तभी से इस मुल्क के लोगों की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी लोगों और कारोबारियों को यह विश्वास करना चाहिए कि जब उन्हें उनकी जमा पूंजी की आवश्यकता होगी तो वे उसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार इस सेक्टर में मांग-आपूर्ति को लेकर ऐसा अंतर है जो इस क्षेत्र के विकास को प्रभावशाली तौर पर आगे बढ़ाएगा, भले ही शहरी क्षेत्रों में आवास की मौजूदा कमी 10 मिलियन यूनिट होने का अनुमान है।
पाकिस्तान के एक मंत्री ने इस बात के लिए चेताया है कि यदि पाकिस्तान कंगाली की हालत में कर्ज के लिए आईएमएफ के भरोसे रहा तो दिक्कत में आ जाएगा। मंत्री ने चेताया है कि आईएमएफ के बेलआउट प्रोग्राम को माना तो पाकिस्तान की सड़कों पर दंगे हो जाएंगे।
कपड़ा उद्योग के लिए दुनिया में मशहूर पाकिस्तान में कपड़ा निर्यात में आई गिरावट के कारण करीब 70 लाख श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया गया है, जिससे वहां का कपड़ा उद्योग पतन के कगार पर पहुंच गया है। जो मिलें बंद हुईं, इनमें बनने वाली चादरों, तौलियों और अन्य डेनिम कपड़ों को यूरोप और अमेरिका में निर्यात किया जाता था।
चीन कोरोना और कारोबारी संकट की दोहरी मार से बुरी तरह परेशान है। उसके सामने यह मुश्किल है कि वह कोरोना से मुसीबत में फंसे आम लोगों की जान बचाए या इस वजह से उसकी इकोनॉमी पर जो बुरा असर पड़ रहा है, उस पर ध्यान दे। रिपोर्ट्स कह रही हैं कि अगले साल 10 लाख मौतें हो सकती हैं।
Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां...वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है।
इस विकट परिस्थिति के बावजूद भी भारत बेहतर काम कर रहा है। एक तरफ जहां दुनिया मंदी से परेशान है तो वहीं दूसरी तरफ भारत नई विकास योजनाओं को गति देने का काम कर रहा है।
यूरोपीय महाशक्ति ब्रिटेन इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में महंगाई 40 साल के चरम स्तर पर है। इस बीच वहां के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 30 साल की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी कर दी है।
अप्रैल-अक्टूबर, 2022 के दौरान उसने माल ढुलाई से कुल 92,345 करोड़ रुपये अर्जित किए जो एक साल पहले के 78,921 करोड़ रुपये की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है। एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले रेलवे की माल ढुलाई भी करीब नौ प्रतिशत बढ़ गई।
चीन में कोरोना के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं। इसके चलते चीन को कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बार-बार लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है। इससे आर्थिक वृद्धि की रफ्तार प्रभावित हो रही है।
Shahbaz Sharif Imran Khan: बढ़ती मुद्रास्फीति, आसमान छूते विदेशी कर्ज और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा पाकिस्तान वर्तमान में एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच में है। पाकिस्तान अभूतपूर्व बाढ़ की भी चपेट में है।
विदेशी ब्रोकरेज क्रेडिट सुइस ने एक रिपोर्ट में कहा है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में कमजोर बाहरी मांग और डॉलर की मजबूती से विकास पर असर पड़ेगा।
Economy: आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 8-8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।
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