बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही है। पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई है
वृद्धि दर में आया बड़ा उछाल तुलनात्मक वार्षिक आधार निम्न होने तथा प्राकृतिक गैस उत्पादन बढ़ने, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और बिजली क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन का नतीजा है।
इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले मौजूदा वित्तीय वर्ष में 11 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाया गया था।
भारत का जीडीपी जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में 1.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट, 2019-20 में चार प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी थी।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने शुक्रवार को कहा इस साल कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था को पिछले साल के मुकाबले ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते पूरे वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 7.3 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।
श्रमिक की भागीदारी दर भी पिछले सप्ताह के 40.5 प्रतिशत से और कम होकर 39.4 प्रतिशत रह गई। बेरोजगारी दर भी इस अवधि में 14.4 प्रतिशत से बढ़कर 14.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
इस महीने की शुरुआत में 49 अर्थशास्त्रियों की राय के आधार पर जारी एनएबीई के निष्कर्षों में मार्च के अपने पिछले सर्वेक्षण की तुलना में अर्थव्यवस्था की एक बहुत ही उज्ज्वल तस्वीर पेश की गई।
लगातार चार दिन कोरोना वायरस संक्रमण के चार लाख से अधिक नए मामले सामने आने के बाद भारत में सोमवार को एक दिन में कोविड-19 के ताजा मामलों में कमी देखने को मिली है और वो 3.66 लाख के स्तर पर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी संग्रह में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले छह महीनों से जीएसटी का मासिक संगह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह सुधार का संकेत है।
नोमुरा ने 2021 के लिये वृद्धि दर के अनुमान को 11.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हालांकि मौजूदा कोविड लहर से अप्रैल जून तिमाही पर असर की संभावना दी है।
सरकार के लक्ष्य के मुताबिक साल 2030 तक भारत की ऊर्जा की कुल जरूरत में 40 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से पूरा होगा।
नीति आयोग उपाध्यक्ष ने उम्मीद जताई कि 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए नोवेल कोरोनावायरस के वेरिएंट्स को एक बड़े खतरे के तौर पर देखा जा रहा है।
पिछले कुछ दिन के दौरान देश के महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्रों में लॉकडाउन और आवाजाही पर अंकुश तथा रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है। इससे अर्थव्यवस्था को एक सप्ताह में 1.25 अरब डॉलर का नुकसान होगा।
कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा झटका लगा है, वहीं कोरोना की नई लहर से रिकवरी की रफ्तार पर भी असर पड़ने की आशंका बन गई है।
भारत की 2021 में वृद्धि दर 12.5 प्रतिशत और 2022 में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो काफी बेहतर है। वहीं चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.6 प्रतिशत तथा 2022 में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
गिग अर्थव्यवस्था यानी कुछ समय के लिये नियुक्त किये जाने वाले कर्मचारियों की व्यवस्था से गैर-कृषि क्षेत्रों में 9 करोड़ रोजगार सृजन में मदद मिल सकती है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) केवी सुब्रमण्यम ने कहा है कि 2021-22 का 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य काफी हद तक हासिल होने योग्य है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार सूबे को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाएगी।
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