पिछले महीने ही वित्त मंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिये 1.5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज गारंटी सुविधा की घोषणा की थी। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं और टूरिज्म के लिये भी पैकेज का ऐलान किया गया है।
वित्त मंत्रालय की समीक्षा के अनुसार मई की दूसरे पखवाड़े से आर्थिक रिकवरी के स्पष्ट संकेत हैं, दूसरी लहर के बाद म्यूचुअल फंड, कॉरपोरेट बांड और बीमा बाजारों में रिकवरी देखने को मिली है।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी पश्चिम बंगाल के वैश्विक सलाहकार बोर्ड (जीएबी) के प्रमुख हैं।
महामारी के दौरान बेरोजगारी बढ़ने के साथ एक चौंकाने वाली सच्चाई यह भी है, कि कोरोनाकाल में जब अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7.3 फीसदी नकारात्मक रही थी तब भी देश के दौलतमंदों की दौलत 35 फीसदी बढ़ गयी।
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी कोरोनावायरस डाटा के मुताबिक चीन में 104,157 कोरोना मामले आए हैं और यहां महामारी से 4848 लोगों की मौत हुई है।
सर्वे में शामिल करीब 60 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि उनकी कंपनी की बिक्री में सुधार महामारी की पहली लहर की तुलना में अधिक तेजी से होगा।
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में खाद्य महंगाई में कमी का अनुमान है। वहीं टीकाकरण और कोविड की सुरक्षा के उपाय संभावित तीसरी लहर से बचाने में कारगर साबित होंगे
सीजीए के आंकड़े के मुताबिक केंद्र को मई, 2021 में कुल 3,54,787 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ जो 2021-22 के बजट अनुमानों का 17.95 प्रतिशत है।
प्रधान आर्थिक सलाहकार के मुताबिक महामारी से आगे और कोई बड़ा नुकसान न हो और इसी रफ्तार से टीकाकरण जारी रहे, तो अगले तीन-चार महीनों में अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साफ रुझान देखने को मिलेंगे
नई घोषित योजना के तहत अधिकतम ऋण राशि 100 करोड़ रुपये होगी और गारंटी की अवधि तीन साल तक होगी। हेल्थ सेक्टर के लिए लोन पर 7.95 प्रतिशत सालाना से अधिक ब्याज नहीं होगा।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी 9.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो पहले के 10.1 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
सरकार कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के अनुमान के आधार पर घोषणा करने के बजाय इसके छह सप्ताह के संक्रमण आंकड़ों की करीब से निगरानी करने के बाद ही आर्थिक स्तर पर कोई कदम उठाना चाहेगी।
देश के आर्थिक पुनरुद्धार को समर्थन तथा व्यापार और उद्योग पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए सोच-विचार कर सावधानी के साथ उपाय करने की जरूरत है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार को आगे बढ़ाने के लिये सभी पक्षों- राजकोषीय, मौद्रिक और विभिन्न क्षेत्रों- से नीतिगत समर्थन की जरूरत पर जोर दिया है।
सीआईआई ने मनरेगा आवंटन बढ़ाने, अल्पकालिक तौर पर कुछ खास क्षेत्रों में जीएसटी कटौती, घर खरीदारों के लिए समयबद्ध कर राहत, ब्याज माफी या स्टांप शुल्क में छूट जैसे सुझाव दिये हैं
रिपोर्ट के मुताबिक टीकाकरण में गति आने के साथ उपभोक्ता तथा व्यापार भरोसा बढ़ने की संभावना है। इससे आर्थिक पुनरूद्धार में दूसरी छमाही से गति आने की उम्मीद है।
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण पिछले दो महीने तक पूरी तरह सुस्त रहने के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।
रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि के अनुमान को एक प्रतिशत अंक कम करके 9.5 प्रतिशत कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र का योगदान वर्तमान 30 प्रतिशत से बढ़ा कर 40 प्रतिशत तक पहुंचाने का प्रयत्न किया जाना चाहिए।
बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही है। पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई है
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