अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने 2021 में 9.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। वहीं रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है
समीक्षा में कहा गया कि टीकाकरण में तेजी और कोविड-19 संक्रमण में गिरावट के साथ आर्थिक गतिविधियां लगातार सामान्य हो रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सेवा क्षेत्र में सुधार की रफ्तार सबसे धीमी है।
कारखाना उत्पादन, खुदरा बिक्री, निर्माण और अन्य गतिविधियों में निवेश कमजोर पड़ा है। इसके साथ ही बिजली संकट की वजह से भी ग्रोथ पर असर है।
तेल की कीमतें वृद्धि के साथ 83 डॉलर प्रति बैरल हो गयी है और कोयले की कीमत भी उछाल के साथ 200 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गयी है।
वित्त मंत्री जी 20 के वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय गवर्नरों की बैठक में शामिल हुईं। बैठक इटली की अध्यक्षता में हुई थी
वित्त मंत्री के मुताबिक अगले एक दशक में अर्थव्यवस्था के इसी रफ्तार से आगे बढ़ने का अनुमान है और इसमे गिरावट का कोई कारण नहीं दिख रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक निर्यात ने वित्त वर्ष 2021-22 में लगातार छठे महीने 30 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है और भारत में निवेश की मांग भी बढ़ रही है। विदेशी ऋण एवं जीडीपी अनुपात सहज बना हुआ है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि और विदेशी वित्तीय बाजार में संभावित उतार-चढ़ाव और कोविड संक्रमण में बढ़ोतरी वृद्धि के लिये जोखिम साबित हो सकते हैं
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर से रिकवरी पर जो असर पड़ा था वो छोटी अवधि का था, और पिछले साल के मुकाबले काफी सीमित भी था।
RBI के पूर्व गवर्नर के अनुसार 2,700 अरब डॉलर से 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचने के लिए अर्थव्यवस्था को लगातार पांच साल तक नौ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के बयान के अनुसार कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में से रिफंड जारी किये जाने के बाद चालू वित्त वर्ष में एक अपैल से 22 सितंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 74.4 प्रतिशत बढ़कर 5,70,568 करोड़ रुपये रहा है।
रिजर्व बैंक गवर्नर के मुताबिक महंगाई दर ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं है, वहीं एनपीए ऐसे स्तरों पर आ गये हैं जहां उन्हें संभाला जा सकता है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि धान की रिकॉर्ड खरीद और ट्रैक्टर की बिक्री में बढ़ोतरी से आने वाले महीनों में मजबूत ग्रामीण मांग के लिए अच्छे संकेत मिलते है।
आर्थिक सलाहकार के मुताबिक प्रोत्साहन के बावजूद, महामारी प्रतिबंधों के हटने के बाद भी बैंक ऋण वृद्धि छह प्रतिशत के निम्न स्तर पर ही है। हालांकि और क्षेत्रों को खोले जाने से वृद्धि को गति मिलेगी।
सरकारी कर्मचारियों को महीनों से भुगतान नहीं किया गया है और स्थानीय मुद्रा का अवमूल्यन हो रहा है। अफगानिस्तान के अधिकांश विदेशी मुद्रा भंडार विदेशों में हैं और वर्तमान में उनके लेनदेन पर रोक है।
ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने कहा कि सितंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि में तेजी आएगी और उसने चालू वित्त वर्ष में 10.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अपना अनुमान बरकरार रखा है।
एफएसडीसी की यह बैठक जीडीपी के पहली तिमाही के आंकड़े आने के तत्काल बाद होगी। पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर करीब 20 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
पिछले वर्ष अमेरिका का बजट घाटा उसके इतिहास में सबसे अधिक 3,130 अरब डॉलर था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि के अपने अनुमान को बनाए रखा है जबकि अन्य विश्लेषकों का अनुमान 7.9 प्रतिशत या उससे ज्यादा का है।
आरबीआई के लेख में कहा गया है कि राज्यों द्वारा प्रतिबंधों को सावधानीपूर्वक हटाने के साथ अर्थव्यवस्था दूसरी लहर के झटके से बाहर निकल आई है
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