भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शनिवार को कहा कि देश सही आर्थिक नीतियां नहीं अपना रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ बहुत अच्छे कार्यक्रम जैसे कि 'मेक इन इंडिया' शुरू किए हैं लेकिन देश वृहद आर्थिक नीतियों के मोर्चे पर पिछड़ रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सुस्ती बढ़ने की चर्चा के बीच गुरुवार को कहा कि स्थिति सुधर रही है, चीजें आगे बढ़ रही हैं। त्योहारी मौसम में खपत बढ़ने के साथ दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने की उम्मीद है।
केन्द्र सरकार कार्पोरेट टैक्स में आज की गयी कटौती को ऐतिहासिक बता रही है जिससे देश की आर्थिक मंदी व तंगी दूर होगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य 2030 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है और इस दिशा में योगदान देने वाला रक्षा क्षेत्र एक अहम क्षेत्र है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि आईआईएम-लखनऊ की मदद से उन्होंने राज्य के लिए 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है।
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती के दौर के बीच शनिवार को कहा कि उद्योगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि मुश्किल समय गुजर जायेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि छोटे करदाताओं के डिफॉल्ट पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। साथ ही घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी, इसमें एक्सपर्ट लोग काम करेंगे।
महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान में दूध जैसी रोजमर्रा की चीजों की कीमत पहले से ही बढ़ी हुई थी और अब मुहर्रम के अवसर पर यह कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच गईं हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था चौपट कर के मौन बैठी हुई है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार देश की विकट स्थिति को छिपाने की कोशिश कर रही है।
देश में आर्थिक सुस्ती गहराने को लेकर बढ़ती चर्चा के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार सभी क्षेत्र की चुनौतियों पर गौर कर रही है और इनको लेकर आगे कदम उठायेगी।
उद्योग मंडल फिक्की ने शनिवार को कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर के लुढ़ककर छह साल से अधिक समय के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आ जाना निवेश एवं उपभोक्ता मांग में 'उल्लेखनीय कमी' को दिखाता है।
प्रियंका ने आरोप लगाया कि भोंपू बजाने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अर्थव्यवस्था को हालत पंचर कर दी।
देश की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती का असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में दिखने लगा है। विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में आई सुस्ती से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर कम होकर 5 प्रतिशत रह गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर है। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका और चीन जैसे देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था कहीं ज्यादा बेहतर है।
केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी, जिससे वे 5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज मुहैया करा पाएंगे। इससे कॉर्पोरेट्स, खुदरा कर्जदारों, और छोटे व्यापारियों समेत अन्य को फायदा होगा। इस कदम से क्रेडिट की वृद्धि दर को बढ़ावा मिलेगा, जो करीब 12 फीसदी तक होगी। साथ ही कंज्यूमर सेंटीमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2022 में जब देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। सरकार उसी वर्ष अमीरों (सुपर रिच) पर कर-अधिभार की समीक्षा करेगी।
सेवा क्षेत्र में सुस्ती , कम निवेश और खपत में गिरावट के बीच देश की आर्थिक वृद्धि इस साल जून तिमाही में 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने अपनी रपट में यह कहा है।
मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को भेजे गए पत्र में शाखा स्तर से लेकर राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर तक के अधिकारियों को इस प्रक्रिया में शामिल करने को कहा गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों की प्रधानमंत्री कार्यालय के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है। जैसे ही यह बातचीत पूरी होती है सरकार इस बाबत निर्णय करेगी कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिये क्या कदम उठाये जाने चाहिए और फिर उनकी घोषणा कर दी जायेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। दोनों के बीच यह समीक्षा बैठक ऐसे समय हुई है जबकि सरकार को अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से फैल रही नरमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे निवेशकों की सम्पत्ति का क्षरण हो रहा है और बेरोजगारी का संकट बढ़ रहा है।
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