उन्होंने जोर देकर कहा कि आप दोनों को संतुष्ट कर सकते हैं- राज्यों को देखें, जो धीरे-धीरे लॉकडाउन को खोल कर रहे हैं और साथ ही कोरोना वायरस की महामारी से लोगों की रक्षा भी कर रहे हैं। अमेरिका में इस महामारी से अबतक 67 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
सेवाओं के निर्यात में 38% की और उपभोक्ता खर्च में 10.2% की गिरावट दर्ज
शिवसेना ने कोरोना वायरस रोकने के लिए लगे लॉकडाउन का देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले दीर्घकालिक असर पर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों को सांप्रदायिक राजनीति छोड़ कर अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए काम करना चाहिए।
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक बढ़ती जनसंख्या और घटते रोजगार की स्थिति आने वाले समय में गंभीर हो सकती है
पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर के मुताबिक गरीबों के खाते में सीधे वित्तीय मदद दी जानी चाहिये
फिच के मुताबिक रेटिंग का आकलन संकट के बाद के हालातों को देखकर किया जाएगा
जिंदल ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अर्थव्यवस्था मंदी में न फंसे इसके लिए हमें बहुत अधिक उपाय करने होंगे। अर्थव्यवस्था में सुस्ती भी इस देश के लिए एक चुनौती है।
रिपोर्ट के मुताबिक अगर लॉकडाउन 15 मई के बाद भी जारी रहता है तो ग्रोथ निगेटिव हो सकती है
वित्त मंत्री के मुताबिक सरकार जरूरतमंद देशों को महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति करता रहेगा
RBI के मुताबिक कृषि क्षेत्र से संकेत राहत भरे हैं, बुवाई में बढ़त दर्ज हुई है वहीं मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान है
चीन की अर्थव्यवस्था में 2019 में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के कारण यह वृद्धि दर पिछले 29 वर्षों में सबसे कम थी
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिए बुधवार को जारी दिशा-निर्देश के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए 20 अप्रैल से काम शुरू करने की अनुमति होगी।
2020-21 की अगली तीन तिमाहियों में मजबूत सुधार की उम्मीद
कोरोनावायरस को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन दूसरा चरण शुरू हो गया है। इस दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए और श्रमिकों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
संगठन के मुताबिक लॉकडाउन बढ़ने से लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग में मदद मिलेगी
तेजी से बढ़ती कोविड-19 महामारी से हर जगह के अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं, जो दुनिया के लिये एक अभूतपूर्व चुनौती है। वायरस का प्रकोप भारतीय अर्थव्यवस्था तथा वित्तीय बाजारों के लिये सबसे बड़े खतरों में से एक बन चुका है।
सरकार से बैंकिंग औऱ एनबीएफसी सेक्टर को राहत देने की अपील
अगले हफ्ते के आंकड़ों से आगे की रणनीति पर पड़ेगा असर
लॉकडाउन खत्म होने से पहले हो सकता है राहत पैकेज का ऐलान
एक न एक दिन इंसान कोरोना वायरस की महामारी पर विजय प्राप्त कर लेगा लेकिन इसके बाद जो दुनिया होगी निश्चित रूप से महामारी से पहले वाली नहीं होगी।
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