यह रिकॉर्ड गिरावट निजी क्षेत्र के कारण आई थी, जो कि कोविड-19 महामारी को रोकने के प्रयासों के तहत या तो बंद थे या प्रतिबंधित थे।
केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा लॉकडाउन के कारण कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल- जुलाई) में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है। वित्त वर्ष 2020- 21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
जुलाई में रेलवे के जरिए मालढुलाई पिछले साल के 95 फीसदी स्तर तक पहुंच गई है। वहीं अगस्त के 26 दिनों में इसमें पिछले साल के मुकाबले बढ़त दर्ज हुई है। वहीं बिजली की खपत पिछले स्तरों के करीब पहुंच गई है।
कोरोना संकट की वजह से आय घटने और खर्च बढ़ने से राजकोषीय घाटे में उछाल देखने को मिला है। 2020- 21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
भारतीय अर्थव्यवस्था में कोरोना की वजह अब तक की सबसे तेज तिमाही गिरावट देखने को मिली है। आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसी तिमाही के दौरान कारोबारी गतिविधियों पर कोरोना संकट का सबसे गहरा असर देखने को मिला था, जिसका असर आंकड़ों के रूप में अब सबके सामने है।
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर बढ़ा है और कोरोना की वजह से दुनिया के कई बड़े देशों की अर्थव्यवस्था चौपट हुई है। ऐसे देशों में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के साथ जापान, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा कि एक बात जो उभरकर आ रही है, वह यह है कि कोविड-19 के बाद की दुनिया बदल जाएगी और एक नया सामान्य जीवन सामने आएगा।
Japan reports its worst GDP on record कोरोना वायरस महामारी की वजह से उपभोग तथा व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे अर्थव्यवस्था में जोरदार गिरावट दर्ज हुई है।
2020 के दौरान अर्थव्यवस्था में 3.5 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत तक कमी आएगी। अनुमान है कि अर्थव्यवस्था 2021 में पटरी पर आ जाएगी
प्रधानमंत्री मोदी अपनी नई घोषणाओं के जरिये कोरोना वायरस से प्रभावित और सुस्त पड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था में फिर एक बार तेजी लाने की कोशिश करेंगे।
ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक की ‘बाहर खाएं, मदद पहुंचाएं’ योजना को देश में काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
कोरोना की वजह से होने वाले बदलावों से एशिया के कुछ विकासशील देशों को फायदा संभव
‘लोगों को कोरोना वायरस के साथ ही जीवन जीने के लिये तैयार होना होगा’
बेहतर बुवाई के संकेतों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूत सुधार संभव
बैंक ढांचागत क्षेत्र, कृषि, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) समेत स्थानीय विनिर्माण को वित्त सुविधा उपलब्ध कराकर आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कई सेक्टर में कारोबार कोविड से पहले के स्तर पर पहुंचने से उम्मीद बढ़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के सभी प्रमुख मुद्दों पर कड़ी नज़र रखते रहे हैं। बैक टू बैक मीटिंग भी ले रहे हैं।
उद्योग मंडल फिक्की और अन्य सहयोगी संगठन के साथ मिलकर सरकार कर रही काम
संक्रमण दर के अब तक स्थिर न होने से रिकवरी में देरी की आशंका बढ़ी
‘कोविड 19 का टीका तैयार होने पर काफी हद तक खत्म होगी अनिश्चितता’
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