शेयर बाजार खुलने के साथ सेंसेक्स में 700 से ज्यादा अंकों की बढ़त देखने को मिली थी। वहीं, निफ्टी ने डबल सेंचुरी मारी और 200 अंकों की बढ़त के साथ खुला था।
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने के बाद से पद रिक्त था, जिसके कारण 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण इस वर्ष अपने एक-खंड के प्रारूप में आ सकता है।
इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में यह जानकारी भी दी जाती है कि मनी सप्लाई का ट्रेंड क्या है, इसके अलावा कृषि, औद्योगिक उत्पादन, बुनियादी ढांचा, रोजगार, निर्यात, आयात, विदेशी मुद्रा के मुद्दे पर अर्थव्यवस्था की वर्तमान हालत क्या है।
आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान और चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी आकलन व्यक्त किया जाएगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही आज संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। किसान आंदोलन के दौरान हिंसा और बवाल के बीच संसद का बजट सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट-2021 को एक फरवरी को पेश किया जाएगा।
संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2019-20 में कुछ आंकड़े विकिपीडिया से भी लिए गए हैं। हालांकि विकिपीडिया को सूचना का विश्वसनीय स्रोत नहीं माना जाता है।
विश्व बैंक के उद्यमिता आंकड़ों के अनुसार गठित की गई नई कंपनियों की कुल संख्या के मामले में भारत तीसरे पायदान पर रहा है। वर्ष 2014 से भारत में नई कंपनियों के गठन में उल्लेखनीय तेजी देखी जा रही है।
आर्थिक समीक्षा 2019-20 में सुझाव दिया गया है कि यदि बिल्डर कुछ घाटा सहने को तैयार हों और फ्लैटों के दाम घटाएं तो वे इनको बेच सकते हैं।
भारत भ्रमण पर आने वाले विदेशियों की संख्या की वृद्धि दर जनवरी-अक्टूबर 2019 की अवधि में घट कर 2.7 प्रतिशत रही। आर्थिक समीक्षा के अनुसार यह गिरावट वैश्विक रुख के अनुरूप बतायी गयी है।
मोदी सरकार के आर्थिक सर्वे में माना गया है कि अर्थव्यवस्था संकट में है और इसे रफ्तार देने के लिए सरकार को नीतियां बदलने की जरूरत है।
सड़क को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए, यह बिविध प्रणालियों पर आधारित परिवहन का हिस्सा है, जो कि हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बंदरगाहों और अन्य लॉजिस्टिक्स केंद्रों को आपस में जोड़ती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में जितनी सुस्ती आ सकती थी, वह आ चुकी है। अब यहां से इसमें तेजी देखने को मिलेगी।
सरकार ने संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा के जरिए देश की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान के तौर तरीके और इसके आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर चल रही बहस को विराम देने का प्रयास किया है।
समीक्षा के अनुसार 2015-16 में थाली की कीमतों में बड़ा बदलाव आया। ऐसा 2015-16 में भोजन की थाली के अर्थशास्त्र में बड़े बदलाव के कारण संभव हुआ।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सर्विस सेक्टर को कई नियामकीय अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है।
आर्थिक सर्वे की माने तो 2006 से 2019 के बीच थाली की प्रभावी कीमत में गिरावट दर्ज हुई है
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि यदि विलफुल डिफॉल्टर्स द्वारा सार्वजनिक धन का गबन नहीं किया गया होता तो हम सामाजिक क्षेत्रों में लगभग दोगुना राशि खर्च कर सकते थे।
चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके 6-6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान।
आर्थिक सर्वेक्षण में प्याज के मूल्यों में वृद्ध सहित दाल का उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। इससे यह सिद्ध किया गया है आवश्यक वस्तु अधिनियम अब अपनी प्रासंगिता खो चुका है
संपादक की पसंद