पेरिस के शोध संस्थान आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने 2016-17 के लिए भारत की ग्रोथ दर के अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि यूनीवर्सल बेसिक इनकम योजना को मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं को वापस लेने के बाद ही लाया जा सकता है।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि देश में प्रति 100 मतदाताओं में सात करदाता हैं और इसके कारण देश लोकतांत्रिक जी-20 देशों में 18 में से 13वें स्थान पर है।
आर्थिक समीक्षा में गरीबी को कम करने के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) को विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के विकल्प के रूप में रेखांकित किया गया है।
जीएसटी को एक साहसिक नया प्रयोग बताते हुए आर्थिक समीक्षा में भूमि एवं अन्य अचल संपत्ति को इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत लाने पर जोर दिया गया है।
नोटबंदी के बाद पैदा हुए नकदी संकट से प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट आई है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि बेहिसाबी धन का निवेश अब अधिक कठिन हो गया है।
आर्थिक समीक्षा के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर रिजव बैंक के पांच प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रहने की संभावना है।
इस समय कर राजस्व की समस्या यूएलबी के अपर्याप्त कर लगाने के अधिकारों के कारण नहीं है। इनमें एक संभावनाओं वाला स्रोत प्रॉपर्टी टैक्स है।
नोटबंदी के बाद से शुरू हुई नकदी (कैश) की समस्या अप्रैल 2017 तक पूरी तरह खत्म हो जाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2016-2017 में यह बात कहीं गई है।
आर्थिक समीक्षा में सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
आर्थिक सर्वेक्षण 2016-2017 के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में देश की GDP विकास दर ग्रोथ 6.75 फीसदी से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
बजट ठीक एक दिन पहले संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। इसमें मौजूदा वित्त मंत्री देश की आर्थिक दशा की तस्वीर पेश करते हैं।
वित्तमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह का कार्यकाल काफी उठापटक वाला था। मनमोहन सिंह ने साल 1994 के अपने बजट में सर्विट टैक्स के टर्म को भारत के सामने रखा।
आंकड़ों की बात करें तो आजादी से लेकर अब तक कुछ 26 वित्त मंत्रियों ने कार्यभार संभाला है। मोरारजी देसाई द्वारा रिकार्ड 10 बार बजट प्रस्तुत किया गया।
1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली एनडीए सरकार का तीसरा पूर्ण बजट पेश करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं बजट में तमाम लेखा-जोखा कौन तैयार करता है।
2017 का बजट बेहद अलग होने जा रहा है। इस बार न सिर्फ बजट की तारीखों में बदलाव किया गया है, वहीं इस साल से रेल बजट इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
बजट सिर्फ घोषणाओं का एक दस्तावेज भर नहीं होता, बल्कि इसमें काफी कुछ शामिल होता है, जो भविष्य की योजनाओं का भी रोडमैप तैयार करता है।
बजट भाषण के दौरान देश के वित्त मंत्री ऐसे ही तमाम शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। हम आपको बताते हैं इन शब्दों का मतलब क्या होता है।
2016-17 उतारचढ़ाव वाला सफर था। उम्मीदें ज्यादा थीं। देश से भी और उसे चलाने वाले शख्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी टैक्स बड़े सुधारों की आशा थी।
भारत में 19,400 टेक्नोलॉजी-इनेबल्ड स्टार्टअप्स हैं, लेकिन इन्वेस्टर्स के लिए उनके लिए एग्जिट वैल्यूएशन अभी भी कम बनी हुई है।
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