अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस समय दुनिया भर में नरमी के हालात हैं। भारत में सुस्ती बाहरी प्रभाव से है या आंतरिक इसको समझना होगा। सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए तमाम प्रयास कर रही है।
एक सर्वेक्षण में अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने आंशका जताई है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अगले दो साल में मंदी की चपेट में आ सकती है
अमेरिका में पिछले सप्ताह जारी साप्ताहिक आर्थिक आंकड़ों में भी कुछ मिली-जुली तस्वीर उभर रही है। ट्रम्प ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था कि मैं हर बात के लिए तैयार हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। दोनों के बीच यह समीक्षा बैठक ऐसे समय हुई है जबकि सरकार को अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से फैल रही नरमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे निवेशकों की सम्पत्ति का क्षरण हो रहा है और बेरोजगारी का संकट बढ़ रहा है।
हालांकि, भारत में मंदी का खतरा आसन्न नहीं है, लेकिन सरकार और नीति निर्माता इसकी अनदेखी नहीं कर सकते और उन्हें जरूरी कदम उठाने होंगे।
देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने रविवार को आगाह किया कि कृषि एवं वित्तीय व्यवस्था के दबाव में होने से भारतीय अर्थव्यवस्था कुछ समय के लिए नरमी के दौर में फंस सकती ह
रघुराम राजन की दावेदारी मजबूत है जिससे उनके जीतने की संभावना भी मजबूत है। रघुराम राजन ने 2008 की वैश्विक मंदी को मंदी आने से 3 साल पहले ही भांप लिया था
SBI ने आशंका जाहिर की है कि देश की अर्थव्यवस्था को धीमा करने और कारोबार पर विपरीत प्रभाव डालने पर नोटबंदी का असर बना रह सकता है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर अवधि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर वसूली में अच्छी वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी की हालात गंभीर और चिंताजनक है। इसके कारण विभिन्न देश अपनी प्रणालियों के लिए सुरक्षात्मक उपाय कर रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया आर्थिक संकट से गुजर रही है
क्रूड की कीमतों में गिरावट और गहराती जा रही है। बुधवार को क्रूड 2003 के बाद पहली बार 27 डॉलर के नीचे फिसल गया। इस साल कीमत 25 फीसदी से अधिक गिर चुकी है।
रघुराम राजन ने कहा सेंट्रल बैंक अकेले दुनिया को नहीं बदल सकते। सरकारों को विश्व अर्थव्यवस्था की दीर्घकालीन वृद्धि के लिए आधारभूत मसौदा तैयार करना चाहिए।
चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को इंटरेस्ट रेट में एक बार फिर कटौती करने का ऐलान किया है। नवंबर से लेकर अब तक यह छठवीं कटौती है।
तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में चीन की जीडीपी ग्रोथ घटकर 6.9 फीसदी रह गई है, जो कि 6 साल में सबसे कम है।
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