रिजर्व बैंक आर्थिक वृद्धि के नीचे जाने के जोखिम की आशंका के मद्देनजर अगले सप्ताह अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25% की कटौती कर सकता है।
IMF ने कहा कि तंगी से जूझ रही पाकिस्तानी इकोनॉमी को चीन के बढ़ते निवेश से कुछ मदद मिलेगी,लेकिन आने वाले रिपेमेंट ऑब्लिगेशन के परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक टॉप पांच भारतीय शहरों की अर्थव्यवस्था (अलग-अलग) वर्तमान में मिडल-इनकम इकोनॉमी वाले देशों के बराबर हो जाएगी।
भारत इस महीने आर्थिक उदारीकरण का 25वां साल मना रहा है, लेकिन इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (आईएमएफ) दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित है।
अरविंद सुब्रमणियन ने कहा, अगर वैश्विक आर्थिक माहौल का समर्थन मिले तो भारतीय अर्थव्यवस्था अगले दस साल तक 8 फीसदी से अधिक वृद्धि दर हासिल कर सकती है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, भारत में अब आर्थिक वृद्धि बेहतर तरीके से हो रही है और वृद्धि चक्र की तेजी के लिए रोजगार वृद्धी की जरुरत है।
अरुण जेटली ने कहा, भारत कठिन वैश्विक स्थितियों के बावजूद लगातार अपनी उच्च आर्थिक वृद्धि बरकरार रखे हुए है और बुनियादी ढांचा सृजित करने पर कायम है।
ICD का कहना है कि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने के साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी बने रहने की उम्मीद है।
आईएमएफ ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं में सुधार के लिए जीएसटी लागू करने के साथ साथ जमीन और श्रम क्षेत्र में सुधार जरूरी है।
उद्योग मंडल सीआईआई ने जीडीपी आंकलन के तरीके को अधूरा फार्मूला बताया है। वहीं, देश की आर्थिक ग्रोथ दर चालू वित्त वर्ष में 8.0 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
फरवरी के दौरान सर्विस सेक्टर की गतिविधि नए आर्डर में कमी के कारण तीन महीने के न्यूनतम स्तर पर रही। उम्मीद है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में कटौती करेगा।
बजट पेश करने जा रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वो देश के लिए आर्थिक विकास चुनें या राजकोषीय सख्ती।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा है कि भारत के लिए आगे रास्ता बहुत कठिन है। अगले वित्त वर्ष में 7-7.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान है।
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