सऊदी अरब भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए देश में पेट्रो रसायन, बुनियादी संरचना और खनन समेत अन्य क्षेत्रों में 100 अरब डॉलर निवेश करने की संभावनाएं देख रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सुस्ती बढ़ने की चर्चा के बीच गुरुवार को कहा कि स्थिति सुधर रही है, चीजें आगे बढ़ रही हैं। त्योहारी मौसम में खपत बढ़ने के साथ दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने की उम्मीद है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि सरकार सही समय आने पर आयकर छूट सीमा बढ़ाने के बारे में निर्णय लेगी। पिछले सप्ताह सरकार ने कॉरपोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया था।
उपभोग को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य उपायों पर चर्चा चल रही है और आने वाले हफ्तों में इनकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि अवसंरचना पर व्यय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत अपनी 'राजनीतिक स्थिरता और भरोसेमंद नीतियों' के चलते आज दुनिया में निवेश का एक आकर्षक स्थल बन गया है। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबुधाबी में प्रवासी भारतीय (एनआरआई) कारोबारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था और मोदी सरकार में दोबारा भरोसा जगाने के लिए शुक्रवार को तमाम राहत घोषणएं की।
कांत ने कहा कि हालांकि, भारतीय बैंकों को झटके सहने के लिए अधिक लचीला बनाया जा रहा है।
आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
जून में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 3.3 प्रतिशत पर आ जाएगी। यह 6.3 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में बेहद कम है।
नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन मिला और आधार कार्ड से इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) किए जाने से इसमें काफी वृद्धि हुई।
रिजर्व बैंक ने घरेलू गतिविधियों में नरमी तथा वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध बढ़ने के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को गुरुवार को कम कर 7 प्रतिशत कर दिया है।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
नई वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ट्विटर हैंडल बधाई संदेशों से अटा-पड़ा रहा जिनमें उनको अगले स्तर के आर्थिक सुधार और आर्थिक विकास केंद्रित कदम उठाने की सलाह दी गई है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जीडीपी और रोजगार से जुड़े तमाम आंकड़े शुक्रवार को जारी कर दिए हैं।
वर्तमान में हमारी स्थिति ऐसी है कि हम पुराने ऋण चुकाने के लिए नया कर्ज नहीं ले रहे हैं, बल्कि ब्याज का भुगतान करने के लिए ऋण ले रहे हैं।
एडीबी ने कहा कि जब तक वृहद आर्थिक असंतुलन को कम नहीं किया जाता है तब तक वृद्धि के लिए परिदृश्य धीमा बना रहेगा, ऊंची मुद्रास्फीति रहेगी, मुद्रा पर दबाव बना रहेगा।
रिपोर्ट में कहा गया कि नीतिगत दर में कटौती तथा किसानों को सरकार से आय समर्थन मिलने के कारण घरेलू मांग में तेजी आएगी, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 2019 में 7.20 प्रतिशत और 2020 में 7.30 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
जेनेवा में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 'गरीबी में समग्र रूप से उल्लेखनीय कमी आई है', लेकिन 'असमानता एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।'
इसके अलावा चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर भी 7 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसके इससे पहले 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
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