अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने में सिर्फ 3 दिन का समय और रह गया है। ऐसे में ट्रंप और हैरिस ने एक दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हैरिस की नीतियों को अमेरिका की आर्थिक बर्बादी की वजह बताया है।
पाकिस्तान की कंगाली तो आपने देख ही ली है, अब चीन की बदहाली का दौर महसूस कीजिए। चीनी वित्त मंत्री के अनुसार कोविड काल से ही बीजिंग की अर्थव्यवस्था सुस्त चल रही है। अब नए सुधारों पर फोकस किया जा रहा है।
दुनिया में सबसे नई मुद्रा का प्रचलन जिम्बाब्वे ने शुरू किया है। इसका मकसद मौजूदा आर्थिक बदहाली से देश को उबारना है। जिम्बाब्वे ने इसके लिए जिग नाम की मुद्रा का चलन शुरू किया है।
रिपोर्ट में आर्थिक वृद्धि के लिए एक नए दृष्टिकोण का आह्वान किया गया जो दीर्घकालिक स्थिरता और समानता, गति और गुणवत्ता की जांच के साथ दक्षता को संतुलित करे।
अमेरिका भले ही यूक्रेन से लेकर इजरायल जैसे देशों को बड़े-बड़े रक्षा सहायता पैकेज दे रहा हो। वह भले ही पाकिस्तान जैसे आतंक के समर्थक देशों को रक्षा और रखरखाव के नाम पर अरबों डॉलर की मदद देता है, लेकिन उसकी खुद की हालत नाजुक हो चुकी है। अमेरिका पर राष्ट्रीय कर्ज अब रिकॉर्ड 34 हजार अरब डॉलर के पार पहुंच गया है।
’ रामास्वामी के दो बेटे कार्तिक (तीन) और अर्जुन (एक) हैं। उन्होंने उनके परिवार के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘वे (रामास्वामी के बेटे) हमारी इस यात्रा को लेकर वास्तव में उत्साहित हैं। कार्तिक कह सकता है कि उसके पिता राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हैं। मैं नहीं जानता कि क्या उसे इस बात की समझ है।
ब्रिटेन के बिगड़े आर्थिक हालात को प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पटरी पर लाना शुरू कर दिया है। ब्रिटेन की बेकाबू महंगाई अब काबू में आने लगी है। अर्थव्यवस्था भी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। ब्रिटेन में मुद्रास्फीति अब 7.9 प्रतिशत से गिरकर 6.8 प्रतिशत पर आ गई है। यह आंकड़ा सुनक की सही आर्थिक नीतियों पर मुहर लगाती है।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को International Monetary Fund (IMF) ने नसीहत दी है और बताया है कि कैसे वह अपनी गरीबी को दूर कर सकता है और अपनी आर्थिक हालत ठीक कर सकता है।
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के लिए साल 2022 काफी मुश्किलों भरा रहा है। इस साल देश ने न केवल राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना किया है, बल्कि यहां बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।
Inflation Uncontrollable in Israel: वर्ष 2022 दुनिया के कई देशों के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है। यह वर्ष पाकिस्तान से लेकर वेनेजुएला और श्रीलंका की आर्थिक हालत खराब कर चुका है। अब इस वर्ष ने जाते-जाते इजरायल में भी खतरे की घंटी बजा दी है। सरकारी आंकड़े इजरायल की भयावह तस्वीर दिखा रहे हैं।
Pakistan Default Condition: पाकिस्तान आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इस संकट पर सरकार इसलिए ध्यान नहीं दे पा रही क्योंकि देश में राजनीतिक संकट भी जारी है।
Britain Crisis & Liz Truss: ब्रिटेन में आर्थिक मंदी की आंधी ने 45 दिनों की प्रधानमंत्री लिज ट्रस को कुर्सी से नीचे उतार फेंक दिया है। इसके बाद अब कांटों का ताज पहनने की हिम्मत ब्रिटेन के नेताओं को नहीं हो रही है। चीन, रूस, जर्मनी और जापान समेत विश्व के कई शक्तिशाली देशों की आर्थिक हालत भी खस्ता हो चली है।
South Korea unemployment rate:दक्षिण कोरिया की बेरोजगारी दर पिछले महीने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। सांख्यिकीय कोरिया द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, नियोजित लोगों की संख्या अगस्त में 28.41 मिलियन थी, जो एक साल पहले की तुलना में 807,000 अधिक थी।
China's economy in danger: श्रीलंका में छाई मंदी और डवांडोल हुए आर्थिक हालात का असर धीरे-धीरे पूरी दुनिया पर हो रहा है। भारत का जानी दुश्मन चीन भी इससे अछूता नहीं है। कहा जा रहा है कि अब चीन की हालत भी अगले कुछ माह में श्रीलंका जैसी होने वाली है।
GSDP Levels: 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आधिकारिक आंकड़ों का विश्लेषण करने पर ये जानकारी सामने आई है। हालांकि गुजरात और महाराष्ट्र सहित 11 राज्यों की 2021-22 की विकास दर का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
Pakistan News: कई महीनों से सियासी उठापटक झेल रहा पाकिस्तान अब कंगाली के कगार पर आ गया है। एक तरफ वह विदेशी कर्ज के नीचे दबा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर उसका विदेश मुद्रा भंडार अपने तीन वर्षों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
यूक्रेन ने लेबनान को गेहूं निर्यात करने का वादा किया है, जो वर्तमान में गंभीर खाद्य सुरक्षा और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वह रूस के साथ जारी युद्ध की वजह से अपने गेहूं का निर्यात नहीं कर पा रहा है।
नेपाल राष्ट्र बैंक के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 11 महीने में 19.6 फीसदी घटकर 9.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया है। वहीं 2021 के जुलाई मध्य में ये 11.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
श्रीलंका में हालात खराब इसलिए हैं, क्योंकि जरूरी सामान निर्यात करने के लिए डॉलर नहीं बचे हैं, कर्जदारों को समय पर ब्याज नहीं मिल पा रहा, पुराने कर्ज वापस नहीं हो रहे और नया कर्ज नहीं मिल रहा है।
सर्वेक्षण में चुनाव बाद आर्थिक हालात बेहतर होने का अनुमान जताया गया है, जिससे सेवा क्षेत्र का परिदृश्य सकारात्मक नजर आता है और यह रोजगार को भी बढ़ावा देने में मदद करेगा।
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