अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने में सिर्फ 3 दिन का समय और रह गया है। ऐसे में ट्रंप और हैरिस ने एक दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हैरिस की नीतियों को अमेरिका की आर्थिक बर्बादी की वजह बताया है।
पाकिस्तान की कंगाली तो आपने देख ही ली है, अब चीन की बदहाली का दौर महसूस कीजिए। चीनी वित्त मंत्री के अनुसार कोविड काल से ही बीजिंग की अर्थव्यवस्था सुस्त चल रही है। अब नए सुधारों पर फोकस किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कटोरा लेकर भीख मांगने के लिए मजबूर तो किया ही, अब उसे पूरी तरह से दरिद्र भी बना दिया है। पाकिस्तान के पास अब जीवन चलाने के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं है। लिहाजा वह आईएमएफ से फिर 7 बिलियन डॉलर का कर्ज ले रहा है।
हिमाचल प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिला है। वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी और बीजेपी में आरोप प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है।
आर्थिक तंगी से जूछ रहा पाकिस्तान अब पॉलिमर प्लास्टिक की मुद्रा लाने जा रहा है। पाकिस्तान अब इन्हीं मुद्राओं का संचालन करेगा। सुरक्षा और अन्य कारणों से पाकिस्तान ने पॉलिमर के प्लास्टिक नोट चलाने का निर्णय लिया है।
भारत के पास ‘चीन प्लस वन’ रणनीति से लाभ उठाने के लिए दो विकल्प हैं। या तो वह चीन की आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हो जाए या फिर चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दे।
आर्थिक सर्वे के मुताबिक, इक्विटी नकदी खंड कारोबार में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023-24 में 35.9 प्रतिशत थी।
भारत ने पिछले साल पर्यटन से 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा अर्जित की हैं, जो 65.7 प्रतिशत की सालाना वृद्धि है। पर्यटन क्षेत्र में रोजगार को संगठित बनाने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने अतुल्य भारत पर्यटन सुविधा प्रदाता प्रमाणपत्र कार्यक्रम शुरू किया है।
भारत में स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को 2014 से 2023 के बीच 8.5 लाख करोड़ रुपये (102.4 अरब डॉलर) का नया निवेश मिला, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को अप्रैल, 2000 से मार्च, 2024 तक 17.88 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला।
अखिल भारतीय स्तर पर, आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 के अनुसार, मोटापे की घटना ग्रामीण भारत की तुलना में शहरी भारत में काफी अधिक है।
भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन बीते वित्त वर्ष में दूसरे उभरते बाजारों में सबसे बेहतर रहा है। आज भारतीय बाजार वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने में अधिक सक्षम हैं।
सरकार ने देश की आर्थिक तरक्की में मजबूती बनी रहने का भरोसा दिया है। बीते वित्त वर्ष की जीडीपी आंकड़ों ने सबको हौरान किया था।
पाकिस्तान बदहाली के रास्ते से बाहर नहीं निकल पा रहा है। अब भी पाकिस्तान महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है। आटा, दाल, दूध, चावल और चीनी खरीदने में ही पाकिस्तानियों की नानी याद आ जा रही है। ऐसे में पीएम शहबाज शरीफ ने आइएमएफ से फिर 7 अरब डॉलर का नया कर्ज लिया है।
श्रीलंका अब अपने बुरे दौर से बाहर आ गया है। आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे ने दिल खोलकर भारत की मदद की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत ने 3.5 अरब डॉलर का ऋण दिया, तभी यह संभव हो सका।
दुनिया में सबसे नई मुद्रा का प्रचलन जिम्बाब्वे ने शुरू किया है। इसका मकसद मौजूदा आर्थिक बदहाली से देश को उबारना है। जिम्बाब्वे ने इसके लिए जिग नाम की मुद्रा का चलन शुरू किया है।
पाकिस्तान कंगाली से बाहर नहीं आ पा रहा है। लोगों को खाने-पीने के भी लाले पड़ गए हैं। महंगाई आसमान छू रही है। ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब भारत की पंचवर्षीय योजना की नकल करके देश के हालात को सुधारने का प्रण किया है।
इसके अलावा, निदेशक मंडल ने आरबीआई की गतिविधियों पर भी चर्चा की। इनमें चालू लेखा वर्ष 2023-24 के दौरान डिजिटल भुगतान, उपभोक्ता शिक्षा और जागरूकता में हुई प्रगति शामिल है।
कंगाली और पाकिस्तान अब एक सिक्के के दो पहलू हो गए हैं। खस्ताहाली से पाकिस्तान में आमजनों को भोजन नसीब होना मुश्किल हो गया है। महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है। पाकिस्तान सरकार इस स्थिति का सामना करने के लिए अभी तक सिर्फ कर्ज का सहारा लेती थी। मगर अब पीएम समेत उनका कैबिनेट बिना वेतन काम करेगा।
श्रीलंका में आए आर्थिक संकट के बीच भारत उसका प्रमुख मददगार बनकर खड़ा था। श्रीलंका के हटाए गए पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपनी एक किताब में इस घटना के पीछे विदेशी हाथ होने का संकेत दिया है। साथ ही इशारों ही इशारों में भारत का नाम लिए बगैर यह भी लिखा है कि प्रमुख लोकतांत्रिक पड़ोसी देश उनके साथ था।
केंद्र सरकार इस बार इकोनॉमिक सर्वे पेश नहीं करेगी। आम चुनाव के बाद पेश होने वाले पूर्ण बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाएगा। सरकार ‘द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू’ नाम से एक आर्थिक रिपोर्ट लेकर आई है।
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