देश में महंगाई बढ़ने के चलते खाने पीने के सामान से लेकर उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में कमी देखी जा रही है। ग्रामीण भारत पर भी महंगाई की मार पड़ी है।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर पर्सनल केयर ब्यूटी और वैलनेस सेग्मेंट में पिछले साल के मुकाबले 95 प्रतिशत और एफएमसीजी और हेल्थकेयर सेग्मेंट में 46 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। छोटे शहरों से ऑर्डर में तेज उछाल दर्ज।
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि उनका सुपर एप लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग के साथ ही साथ फाइनेंशियल और टीवी देखने का विकल्प उपलब्ध कराएगा।
कंपनियों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे लोगों को राहत मिलेगी और लाखों छोटे एवं मध्यम उपक्रमों व व्यापारियों को कारोबार फिर से शुरू करने में भी मदद मिलेगी।
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सोमवार (20 अप्रैल) से मिलने वाली छूट को लेकर कुछ नए अपडेट सामने आए हैं।
कैट की शिकयत को गंभीरता से लेते हुए उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट को अलग-अलग प्रश्नावली भेजकर सूचनाएं मांगी हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों को उनके प्लैटफार्म से बिकने वाले उत्पादों की पैकेजिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग धीरे-धीरे कम करने का सुझाव दिया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहारी सीजन की सेल के जरिए सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का चूना लगा रही हैं।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने सरकार को पत्र लिखकर ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा त्योहार के सीजन में भारी छूट देने पर रोक लगाने की मांग की है। ट्रेडर्स की यह प्रतिक्रिया फ्लिपकार्ट द्वारा 'दि बिग बिलियन डेज' सेल की तारीखों की घोषणा करने के कुछ दिनों बाद ही आई है।
ऑनलाइन उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए केंद्र ने आज से ई-कामर्स कंपनियों के लिए उनके द्वारा बेचे जाने वाले सभी प्रोडक्ट्स पर अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया है।
सरकार ने ई-कामर्स कंपनियों से ऑनलाइन उत्पादों पर MRP और अन्य ब्योरा जैसे मियाद समाप्त होने की अवधि और कस्टमर केयर का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है।
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