नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) की मानें तो आज सुबह अफगानिस्तान के फैजाबाद से 101 किमी दक्षिणी इलाके में रिक्टर स्केल पर 4.1 की तीव्रता वाले भूकंप को मापा गया है। बता दें कि अभी अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
कुल 5 बार भूकंप आने के कारण उत्तरकाशी में लोग दहशत में हैं। जानकारी के मुताबिक ये भूकंप के झटके रात के 12.39 बजे से रात के 1.15 बजे तक महसूस किए गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि उत्तरकाशी जिला भूकंप के लिहाज से जोन 5 में आता है।
अफगानिस्तान के फैजाबाद से 82 किमी दक्षिण पूर्व में मंगलवार को 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार फिलहाल भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है, फिर भी धरती डोलने की घटना से यहां के लोग सहम गए हैं।
Earthquake Again: भारत के मणिपुर में और अफगानिस्तान में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। मणिपुर के नोनी में आए भूकंप की तीव्रता जहां 3.1 थी वहीं अफगानिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता 4.1 थी।
शनिवार रात जापान के होक्काइडो में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि जापान के होक्काइडो में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद कुशीरो और नेमुरो के तटीय शहर हिल उठे।
पापुआ न्यूगिनी में रविवार देर रात तगड़ा भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.2 थी। वहीं अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप से धरती कांप उठी। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.3 आंकी गई। अफगानिस्तान में इससे पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तुर्की में आए भूकंप के बाद लगातार मध्य एशिया में धरती कांप रही है।
तुर्की के बाद अब जापान में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि जापान के होक्काइडो में अब से थोड़ी देर पहले 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि इसके बाद सुनामी की कोई चेतावनी नहीं है। जबकि आज ही तुर्की में कुछ घंटे पहले फिर से 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद जापान में आए भूकंप से हलचल मच गई।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप आने से अब तक 50 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद से अब तक तुर्की में कई बार भूकंप आ चुका है, जिससे स्थानीय लोग डर-डरकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।
Earthquake In Indonesia: तुर्की-सीरिया में तबाही मचाने के बाद भूकंप का सिलसिला जारी है। अफगानिस्तान के बाद अब इंडोनेशिया में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं।
भूवैज्ञानिक आने वाले समय में भारत में भी तुर्की जैसे भूकंप की भविष्यवाणी कर रहे हैं। नेशनल जियो फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी NGRI के वैज्ञानिकों के अनुसार हिलालय क्षेत्र में तगड़े भूकंप आ सकते हैं।
तुर्की की तरह भारत में भी बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। यह भूकंप हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में आ सकता है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है। डॉ. राव ने कहा कि तुर्की में आए भूकंप में इतनी मौत की वजह औसत निर्माण रहा।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार ताजिकिस्तान में गुरुवार सुबह बेहद शक्तिशाली भूकंप आया है। यह भूकंप बेहद शक्तिशाली था। ताजिकिस्तान और चीन के सुदूर पश्चिमी सीमा पर शिनजियांग प्रांत के करीब गुरुवार सुबह भूकंप से धरती कांप उठी। यह भूकंप का केंद्र 20 किलोमीटर गहराई में था।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस भूकंप का उद्गम केंद्र नेपाल में था। यह भूकंप दोपहर 1.30 बजे आया।
तुर्की में एक बार फिर से भूकंप के दो बड़े झटके महसूस किए गए हैं।अबतक तीन लोगों की मौत और 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। भूकंप के बाद 32 आफ्टर शॉक्स की भी जानकारी मिली है।
तुर्की और सीरिया में आए पहले भूकंप के 15 दिन बाद एक बार फिर धरती डोल उठी है। सोमवार को तुर्की में तेज भूकंप के झटके फिर महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। फिलहाल जानमाल के नुकसान का पता नहीं चल पाया है। भूकंप आने के बाद से ही तुर्की में फिर से अफरातफरी मच गई है।
यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क शहरों के विवाद के अलावा युद्ध का दूसरा बड़ा कारण कीव का उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के लिए पेश किया जाने वाला दावा भी था। रूस नहीं चाहता था कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने, लेकिन जेलेंस्की ने नाटो में शामिल होने की जिद पाल ली थी। नतीजा सामने है।
तुर्की और सीरिया में भूकंप पीड़ितों की सहायता करने गई भारतीय टीम करीब 13 दिनों तक राहत, बचाव और चिकित्सा कार्यों को अंजाम देने के बाद आज स्वदेश लौट आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट करके सेना के जवानों के साहसपूर्ण कार्य की तारीफ की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तुर्की में भूकंप के 14 दिन बाद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए 10 करोड़ डॉलर मदद देने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि गत 6 फरवरी को दक्षिणी तुर्की और उत्तरी सीरिया में आये विनाशकारी भूकंप से अब तक 44 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप के 13 दिन बाद भी चमत्कार दिखना जारी है। बचाव दलों ने तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को आये भूकंप के मलबे से और भी जीवित लोगों को बाहर निकाला है, जबकि लोगों के जीवित मिलने की संभावना घटती जा रही है। भूकंप के बाद शनिवार को हुए घटनाक्रम इस प्रकार हैं:- हेते में तीन लोगों को बचाया गया।
विनाशकारी भूकंप का दंश झेल रहे तुर्की से लौटते वक्त भारत के एनडीआरएफ कर्मियों का तुर्की के अदाना एयरपोट पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
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