वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की तरह ही एक नए ग्रह की खोज की है जिसपर जीवन की संभावना जताई गई है। पृथ्वी के समान द्रव्यमान वाला यह चट्टानी ग्रह, तारामंडल में धनु राशि में एक सफेद बौने जैसा चारों ओर घूमता है।
पृथ्वी की तरफ एक बड़ा सौर तूफान तेजी से बढ़ रहा है। इसके पृथ्वी से टकराने के बाद क्या-क्या परेशानियां आ सकती हैं, भारत में इसका क्या असर हो सकता है, जानिए।
पृथ्वी में करोड़ों साल पहले क्या हुआ होगा। पृथ्वी कैसे बनी होगी? अक्सर इस तरह के सवाल जहन में आते हैं। अब एक शोध में खुलासा हुआ है कि करोड़ों साल पहले पृथ्वी के पास भी शनि ग्रह की तरह छल्ला रहा होगा।
पृथ्वी को दो महीने के लिए मिनी मून का तोहफा मिलने जा रहा है, यानी आसमान पर दो चांद दिखाई देंगे। मिनी मून इस वर्ष 29 सितंबर से 25 नवंबर तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। जानें रोचक तथ्य।
एलन मस्क ने स्पेसएक्स द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गए एक रॉकेट का वीडियो शेयर किया है। जिसमें रॉकेट स्पेस में पहुंचने के बाद खुद ही वापस धरती पर लैंड कर जता है।
अंतरिक्ष से नीचे कूदने के बारे में क्या आपने कभी सोचा है। शायद ही आपने कभी सोचा होगा, लेकिन एक शख्स ने यह कारनामा कर के दिखाया है। दरअसल, शख्स ने स्पेस से धरती पर छलांग लगाई है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
400 वर्षों तक वैज्ञानिकों ने कड़ा अध्ययन करके धरती के तापमान को लेकर बड़ा दावा किया है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि गत 400 साल के दौरान ग्रेट बैरियर रीफ का पानी सबसे अधिक गर्म हो गया है।
विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय की एक स्टडी रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। स्टडी में सामने आया है कि चंद्रमा हमारी पृथ्वी से दूर होता जा रहा है। इसकी वजह से एक दिन 25 घंटे का हो जाएगा। जानिए और क्या फर्क पड़ेगा?
हमारी धरती अपनी चाल बदल रही है। इस वजह से अब दिन लंबे होंगे और रातें छोटी हो जाएंगी। पोलर रीजन में बर्फ पिघलने की रफ्तार तेज होने से पृथ्वी की गति पर पड़ रहा है। जानिए और क्या-क्या बदलेगा?
जापान ने उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण का करारा जवाब दिया है। आज जापान ने अपना नया पृथ्वी निगरानी उपग्रह प्रक्षेपित किया है। जापान के एच3 नंबर 3 रॉकेट ने दक्षिण पश्चिमी के एक द्वीप पर तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और करीब 16 मिनट बाद तय योजना के अनुसार अपना ‘पेलोड’ (उपग्रह) छोड़ा।
धरती आग के गोले की तरह क्या फिर से दहकने की ओर आगे बढ़ रही है, क्या अब पृथ्वी पर जीवित रह पाना मुश्किल हो जाएगा?... लगातार बढ़ता धरती का तापमान तो फिलहाल यही संकेत दे रहा है। भारत से लेकर अब देशों तक हीट वेव और हीट स्ट्रोक के कहर से सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं।
भूमिगत जल गर्म हो रहा है। भले ही यह महसूस ना हो लेकिन ऐसा हो रहा है। यह बहुत ही धीमी प्रक्रिया के साथ हो रहा है। मानव जीवन के साथ-साथ यह हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
नासा के वैज्ञानिकों ने धरती और शुक्र के बीच एक नई और बेहद दिलचस्प दुनिया का पता लगाया है। यहां जीवन की मौजूदगी और संभावना को लेकर वैज्ञानिक बेहद उत्सुक हैं।इस नई दुनिया के मिलने से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। क्या यहां भी इंसान हो सकते हैं या रह सकते हैं, यह जानना भी काफी दिलचस्प होगा।
खगोलविदों ने आखिरकार एक नई पृथ्वी की खोज कर ली है। पृथ्वी के आकार का यह नया ग्रह बृहस्पति के आकार के एक अल्ट्राकूल बौने तारे की परिक्रमा करता है। इस ग्रह के बारे में जानकर आपको हैरानी होगी।
अमेरिका में दो दशकों की सबसे बड़ी सौर ज्वाला ने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया है। अमेरिकी वैज्ञानिक बता रहे हैं कि गत 20 वर्षों में उन्होंने इतनी तेज सौर ज्वाला कभी नहीं देखी। ऐसे में इसका संकेत धरती के लिए बड़ा हो सकता है।
राशिचक्र में पृथ्वी तत्व की 3 राशियां हैं। इनमें ईमानदारी का गुण देखा जाता है। क्या चीजें इन्हें बाकी लोगों से अलग बनाती हैं विस्तार से जानें, हमारे लेख में।
संयुक्त राष्ट्र के जलवायु प्रमुख साइमन स्टील ने बड़ी बात कही है। स्टील ने कहा है कि ग्लोबल वॉर्मिंग से पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है और सिर्फ दो साल ही बचे हैं।
सूर्य ग्रहण को लेकर उत्तरी अमेरिका में भारी भीड़ जुटने की उम्मीद थी जो अब सच नजर आने लगी है। टेक्सास समेत अन्य कई स्थानों पर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। सूर्य ग्रहण के दौरान अंधेरा छा जाना लोगों के आकर्षण की सबसे बड़ी वजह है।
8 अप्रैल को हेने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण का क्रेज दुनियाभर के लोगों में देखने को मिल रहा है। कनाडा के ओंटारियो प्रांत का नियाग्रा क्षेत्र सूर्य ग्रहण देखने के लिए सबसे शानदार जगहों में से एक है। यहां लाखों की संख्या में लोग पहुंचे हैं।
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने धरती पर कमाल कर दिखाया है। आज तक के मानवीय इतिहास में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने उस घटना को अंजाम दे दिया है, जिसके बारे में कल्पना करना भी मुश्किल था। सूरज और पृथ्वी के साथ किए गए अमेरिकी वैज्ञानिकों के इस गुप्त परीक्षण से दुनिया हैरान है।
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