तमाम आफत के बीच भारत समेत दुनियाभर से भूकंप प्रभावित देश तुर्की की मदद जारी है. भारत तुर्की के साथ साथ सीरिया को भी राहत सामग्री पहुंचा रहा है लेकिन भयानक त्रासदी के बाद मौत के आंकड़े डराने वाले हैं, तो वहीं सामूहिक कब्रों में मृतकों के दफनाने की तस्वीर ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दी है.
वहीं तुर्की और सीरिया में सोमवार (6 फरवरी) को आये भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या रविवार को 33,179 हो गई, जबकि 92,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचाव अभियान अभी जारी है।
तुर्की में भूकंप की विनाशलीला जारी है। एक बार फिर से तुर्की के कहारनमारस के दक्षिण-पूर्व (SSE) से 24 किमी दक्षिण में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया है। तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 34 हजार से ज्यादा हो गई है।
तुर्की और सीरिया में सोमवार को आये भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या रविवार को 33,179 हो गई, जबकि 92,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
भूकंप में तबाह हो चुके तुर्की और सीरिया से बर्बादी की नई तस्वीरें आई हैं. अस्पताल से लेकर कब्रिस्तान तक बेबसी और मातम है. आठ दिन बाद भी मलबे में डेडबॉडी दबी है और जैसे-जैसे रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे तबाही और बर्बादी का नया मंज़र सामने आ रहा है.
India Send Help To Syria: भारत ने सीरिया के लिए राहत सामग्री के साथ सातवीं उड़ान भेजी | Earthquakeसीरिया और तुर्की के लिए भूकंप राहत प्रयासों के लिए राहत सामग्री, जरूरी सामान, आपातकालीन और क्रिटिकल केयर दवाएं लेकर भारत से सातवां विमान भेजा गया है।
समाचार एजेंसी AFP ने सरकारी मीडिया के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया कि तुर्की में विनाशकारी भूकंप के बाद लूटपाट के आरोप में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 26 हज़ार से ज्यादा की मौत हो चुकी है. जबकि 1 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. तुर्की के कहारनमारास शहर में अब तक 2 हजार एक सौ तीन भूकंप के आफ्टरशॉक आ चुके हैं. जिससे लोगों में अभी भी भूकंप की दहशत बनी हुई है.
इस जलजले में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हजार हो गई है। तुर्की में भारतीय सेना के जवान और एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी के साथ अपने काम में जुटी हुई है। चिकित्सकों का दल भी घायलों के समुचित इलाज क लिए कमर कसे हुए है।
तुर्की और सीरिया के भूकंप से मरने वालों की संख्या 24000 के पार पहुंच गई है। वहीं इस भूकंप में एक भारतीय की भी मौत की खबर है।
तुर्की के भूकंप ने कुछ इलाकों में इन दोनों वर्गों से आने वाले लोगों की मुश्किलों में और इजाफा ही कर दिया है, ऐसे में आने वाला चुनाव एर्दोआन के राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद मुश्किल हो सकता है।
तुर्की में भूकंप के बाद हर तरफ बस तबाही ही तबाही नज़र आ रही है. अब तक 24 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. तुर्की और सीरिया दोनों देशों में भूकंप ने सब कुछ बदल दिया. 27 हज़ार से ज्यादा बिल्डिगें ध्वस्त हो गई. इतिहास की कई निशानियां मिट गई हैं.
गुजरात के सूरत में शनिवार की सुबह भूकंप से हिली धरती। रिक्टर पैमाने पर 3.8 मापी ग्ई तीव्रता। किसी के हताहत होने की खबर नहीं।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं. भूकंप से अब तक 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. एक लाख से ज्यादा लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. भूकंप के चलते तुर्की के अंटाक्या, सनलिउरफा और सीरिया का अलेप्पो शहर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है.
तुर्की के मरास इलाक़े में सात मंज़िला इमारत के अंदर 50 लोगों के होने की संभावनाएं थीं। जब यहां की रेस्क्यू टीम लगातार खोज रही थी तो उसी दौरान मलबे के अंदर उनको हलचल दिखाई दी। इस हलचल को देखने के बाद टीम ने बचाव अभियान शुरू किया।
तुर्की में राहत और बचाव में जुटे एनडीआरएफ के जवानों ने एक ढही हुई इमारत के मलबे से आठ साल की बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।
तुर्की और सीरिया में भूकंप की तबाही को देखते हुए पीड़ितों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सीरिया में तत्काल युद्ध विराम का आग्रह किया है। इसके बाद अमेरिका ने प्रतिबंधों को स्थगित कर दिया है।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अभी भी चमत्कार होने का सिलसिला जारी है। आज तबाही के 100 घंटे बीत जाने के बाद भी राहत और बचाव दलों ने 6 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला है। यह देखकर हर कोई हैरान रह गया। कुदरत के कहर के बाद उसका ऐसा करिश्मा देखना अद्भुद है।
तबाही के इस खौफनाक मंजर के बीच अब भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। संकट की इस घड़ी में तुर्की के साथ भारत मजबूती के साथ खड़ा है। इंडियन आर्मी और NDRF की टीमें ऑपरेशन दोस्त के तहते तुर्की में रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही हैं और तबाही के जख्मों पर मरहम लगा रही हैं।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में मदद करने के मामले में भारत सबसे आगे निकल चुका है। लिहाजा तुर्की और सीरिया भारत की इस मदद के मुरीद हो गए हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तेइप एर्दोगन ने तो यह तक कह दिया कि वैसे तो हमारे बहुत दोस्त बनते थे, लेकिन जो "मुसीबत के वक्त काम आए वही असली दोस्त है।"
संपादक की पसंद