भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इस कारण भूकंप आता है।
मंगलवार के दिन नेपाल और भारत के कई इलाकों में भूकंप महसूस किया गया। नेपाल में मंगलवार को आधे घंटे में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। पहला 2:25, दूसरा 2:51 बजे आया। नेपाल में भूकंप से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसका वीडियो भी सामने आया है।
दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। उत्तराखंड में भी भूकंप आया। नेशनल सेंटर फोर सिस्मोलॉजी के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र नेपाल में बताया गया है। इसकी तीव्रता 6.2 थी।
एक विदेशी साइंटिस्ट ने दावा किया कि पाकिस्तान में तेज गति का भूकंप आ सकता है। इसके बाद से पड़ोसी देश में लोगों के बीच डर का माहौल व्यापत हो गया है। हालांकि पाकिस्तान के सुनामी सेंटर ने इस दावे को गलत कहा है।
असम, मेघालय और त्रिपुरा में भूकंप की वजह से धरती कांपी है। ये झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.2 दर्ज की गई है। इस तीव्रता के भूकंप के दौरान भारी सामान और फर्नीचर हिलता हुआ दिखाई दे सकता है।
असम के धुबरी इलाके में भूकंप की खबर है। हालांकि भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। जानिए क्या रही भूकंप की तीव्रता।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बीते कुछ समय से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। ये किसी बड़े खतरे की ओर भी इशारा कर रहे हैं। अब सोमवार को भी जिले में भूकंप आया जिससे लोगों में दहशत फैल गई।
न्यूजीलैंड में भूकंप से धरती कांप उठी है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.6 मापी गई है। भूकंप से फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है। मगर लोगों में दहशत बैठ गई है।
वहीं इससे पहले मोरक्को के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 2000 की संख्या को पार कर चुका है। मोरक्को के गृह मंत्रालय के अनुसार अब तक 2012 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। इस दुखद प्राकृतिक हादसे में हजारों लोग घायल हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ये दावा किया जा रहा कि ये मोरक्को में आए भूकंप का है। दावा है कि भूकंप के तेज झटकों के बावजूद भी ये लोग मस्जिद में नमाज पढ़ते रहे। हमने जब इसका फैक्ट चेक किया तो वीडियो सीरिया का निकला।
मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप में करीब 3 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि मोरक्को में भूकंप से पहले जोरदार बिजली गिरी थी। इसका जब हमने फैक्ट चेक किया तो सच कुछ और ही निकला।
मोरक्को में आए भीषण भूकंप में 2900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और संसाधनों की कमी की वजह से मलबे में फंसे लोगों को निकालने में दिक्कत हो रही है।
बीते कुछ समय से दुनिया ही नहीं बल्कि भारत के भी कई हिस्सों में भूकंप के मामले लगातार देखने को मिल रहे हैं। भूकंप का मामला फिर से सामने आया है।
मोरक्को के बाद अब इंडोनेशिया में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता 6.2 बताई जा रही है।
अफ्रीकी देश मोरक्को में इस वक्त भूकंप से लगातार नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं, अब दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में भी भूकंप की खबर है।
मोरक्को के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 2000 की संख्या को पार कर गया है। मोरक्को के गृहमंत्रालय के अनुसार अब तक 2012 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। इस दुखद प्राकृतिक हादसे में 2000 से ज्यादा लोग घायल हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मलबे में अभी और लोगों के दबे होने की आशंका है।
वहीं उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में भीषण भूकंप ने तबाही मचाई है। यहां अब तक 800 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा लाखों लोग जख्मी भी हुए हैं।
मोरक्को में आए भीषण भूकंप ने खूब तबाही मचाई है। इस दौरान करीब 632 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हैं जिनका अस्पताल में इलाज जारी है। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बाबत एक् ट्वीट किया है।
उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में भीषण भूकंप ने तबाही मचाई है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई है। इस भूकंप में 820 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है और सरकार द्वारा अब भी नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
चिली में आए 6.2 तीव्रता के भयानक भूकंप से लोग दहशत में आ गए। उत्तरी चिली में लोग रोजाना की तरह अपने दैनिक कार्यों में जुटे थे। सुबह करीब आठ बजकर 48 मिनट पर अचानक धरती कांपने लगी। इससे सभी डर कर अपनी जान बचाने को घरों से बाहर निकल कर भागे। हालांकि कुछ ही मिनट में झटके थम गए। इसके बाद भी लोगों में दहशत कायम रही।
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