तुर्की और सीरिया के भयावह भूकंप को आए दो दिन होने को हैं। राहत और बचाव दल लगातार मलबे के नीचे दबे लोगों को जीवित निकालन के प्रयास में जुटे हैं। मंगलवार को राहत दलों ने उत्तर सीरिया में 40 घंटे तक मलबे में दबे एक पूरे परिवार को जीवित निकालने में सफलता पाई है। आखिर में परिवार के दो बच्चों तकबीर और जॉय को जिंदा निकाला।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में पीड़ितों को आपातकालीन राहत पहुंचाने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। करीब 6 टन आपातकालीन राहत सामग्री और दवाएं लेकर 99 सदस्यों की मेडिकल टीम के साथ भारत का एक अन्य विमान सीरिया के लिए रवाना हो गया है। तुर्की के लिए भी ऐसा ही विमान भारत ने भेजा है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के वीडियो और तस्वीरें बेहद डरावने हैं। एक बड़े पत्थर के मलबे में दबी 7 वर्षीय एक बच्ची की तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसने अपने नन्हें भाई को आगोश में छुपाए रखा है। ताकि मौत उसका बाल बांका न कर सके। इस पत्थर के नीचे अपने भाई के समेत यह बच्ची 17 घंटे तक दबी रही।
भारतीय मानक ब्यूरो यानी कि BIS ने भारत को 4 अलग-अलग ‘सेस्मिक’ या यूं कहें कि भूकंप के जोन में बांटा है।
हर तरफ तबाही का मंजर ही नजर आ रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर अजीबगरीब दावे किए जा रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आपको भी हैरानी होगी।
तुर्की में आए भीषण भूकंप के बाद समुद्र तट पर खतरनाक सुनामी की चेतावनी भी दी गई थी। अलअरेबिया न्यूज के अनुसार मिस्र के नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोनॉमी एंड जियोफिजिक्स (NRIAG) ने तुर्की और सीरिया में 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी की चपेट में आने की संभावना से अब इंकार किया है।
मंगलवार की सुबह संसदीय दल की बैठक में बीजेपी के सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के भुज में आए विनाशकारी भूकंप को याद किया जिसमें 20,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
तुर्की और सीरिया में भूकंप ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। ऐसी तबाही आज से पहले कभी नहीं देखी गई थी। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि गगनचुंबी इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढहने लगीं और उनमें रह रहे लोग मौत के गाल में समाते गए। भूकंप की रफ्तार इतना तेज थी कि मानो धरती लोगों को झूला झुला रही हो।
Turkey Earthquake: एविएशन इंडस्ट्री के एक सूत्र ने बताया कि इंडिगो ने इस्तांबुल के लिए बोइंग 777 विमान का इस्तेमाल करने वाली अपनी निर्धारित वाणिज्यिक उड़ानों पर मुफ्त कार्गो आवाजाही की पेशकश की है।
तुर्की और सीरिया में भूकंप से हुई तबाही की दास्तान जिसने भी सुना या देखा उसकी रूह कांप गई। मिनटों और सेकेंडों में मौत इतनी रफ्तार में आई कि संभलने का मौका ही नहीं दिया। एक ही झटके में मौत ने बहुतों को निगल लिया, लेकिन बहुत से सौभाग्यशाली ऐसे भी रहे, जिन्होंने मौत को मात देकर जिंदगी की जंग में आगे निकलने में कामयाब हुए।
तुर्की में आए भुकंप ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। इस हादसे में कुछ खिलाड़ी इमारतों के मलबे में दबे हुए हैं।
भूकंप आने से पहले कुछ प्राकृतिक परिवर्तन दिखाई देने लगते हैं। प्रकृति हमें आगाह करती है लेकिन हम इसपर ध्यान नहीं देते। भूकंप आने से पहले अचानक गर्मी बढ़ जाती है और हवा रुक जाती है। इसका पता कुत्तों को चिडियों को सांप को और चूहों को पता चल जाता है।
तुर्की में पांचवीं बार भूकंप आने की वजह से धरती हिली है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.4 मापी गई है। अब तक तुर्की में आए भूकंप की वजह से 5000 लोगों की मौत हो चुकी है और ये आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
वहीं तुर्की ने भारत की मदद की तारीफ की है और भारत को सच्चा दोस्त बताया है। भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने भारत सरकार की ओर से इस मदद के लिए धन्यवाद दिया है।
तुर्की और सीरिया में आए इस भयानक भूकंप के बाद जानकार बता रहे हैं कि अगले एक साल तक इस इलाके में नुकसान पहुंचाने वाले भूकंप के झटके आते रहेंगे। सोमवार की सुबह 7.8 की तीव्रता वाले झटके बाद भूकंप के 3 और झटके आ चुके हैं।
तुर्की और सीरिया में आई इस आपदा के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि मृतकों की संख्या 20 हजार के पार जा सकती है। वहीं अगर अभी मृतकों की संख्या की बात करें तो यह 4500 से पार जा चुकी है। मृतकों का आंकड़ा पल-पल बढ़ता ही जा रहा है।
यह वीडियो शक्तिशाली भूकंप से ठीक पहले का है। वीडियो में पक्षियों का शोर साफ सुना जा सकता है। पक्षियों में बेचैनी भी साफ नजर आ रही है।
तुर्की और सीरया में हजारों लोगों की भूकंप की वजह से मौत हुई है। इस बीच WHO का कहना है कि यहां मरने वालों की संख्या 8 गुना बढ़ सकती है। भूकंप के बाद अभी भी हजारों लोग लापता हैं और हजारों घायल हैं।
तुर्की और सीरया में सोमवार को आए भूकंप ने जो कहर बरपाया है, उसे देखकर लोग इसे इतिहास की बड़ी त्रासदी बता रहे हैं। लेकिन चीन में साल 1556 में जो भीषण भूकंप आया था, उसमें 8 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
तुर्की और सीरिया में भुकंप से अबतक 5,000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है। राहत और बचाव कार्य जारी है। आज सुबह तुर्की में फिर से झटके महसूस किए गए हैं।
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