तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप आने से अब तक 50 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद से अब तक तुर्की में कई बार भूकंप आ चुका है, जिससे स्थानीय लोग डर-डरकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।
Earthquake In Indonesia: तुर्की-सीरिया में तबाही मचाने के बाद भूकंप का सिलसिला जारी है। अफगानिस्तान के बाद अब इंडोनेशिया में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं।
भूवैज्ञानिक आने वाले समय में भारत में भी तुर्की जैसे भूकंप की भविष्यवाणी कर रहे हैं। नेशनल जियो फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी NGRI के वैज्ञानिकों के अनुसार हिलालय क्षेत्र में तगड़े भूकंप आ सकते हैं।
तुर्की की तरह भारत में भी बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। यह भूकंप हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में आ सकता है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है। डॉ. राव ने कहा कि तुर्की में आए भूकंप में इतनी मौत की वजह औसत निर्माण रहा।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार ताजिकिस्तान में गुरुवार सुबह बेहद शक्तिशाली भूकंप आया है। यह भूकंप बेहद शक्तिशाली था। ताजिकिस्तान और चीन के सुदूर पश्चिमी सीमा पर शिनजियांग प्रांत के करीब गुरुवार सुबह भूकंप से धरती कांप उठी। यह भूकंप का केंद्र 20 किलोमीटर गहराई में था।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस भूकंप का उद्गम केंद्र नेपाल में था। यह भूकंप दोपहर 1.30 बजे आया।
तुर्की में एक बार फिर से भूकंप के दो बड़े झटके महसूस किए गए हैं।अबतक तीन लोगों की मौत और 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। भूकंप के बाद 32 आफ्टर शॉक्स की भी जानकारी मिली है।
तुर्की और सीरिया में आए पहले भूकंप के 15 दिन बाद एक बार फिर धरती डोल उठी है। सोमवार को तुर्की में तेज भूकंप के झटके फिर महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। फिलहाल जानमाल के नुकसान का पता नहीं चल पाया है। भूकंप आने के बाद से ही तुर्की में फिर से अफरातफरी मच गई है।
यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क शहरों के विवाद के अलावा युद्ध का दूसरा बड़ा कारण कीव का उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के लिए पेश किया जाने वाला दावा भी था। रूस नहीं चाहता था कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने, लेकिन जेलेंस्की ने नाटो में शामिल होने की जिद पाल ली थी। नतीजा सामने है।
तुर्की और सीरिया में भूकंप पीड़ितों की सहायता करने गई भारतीय टीम करीब 13 दिनों तक राहत, बचाव और चिकित्सा कार्यों को अंजाम देने के बाद आज स्वदेश लौट आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट करके सेना के जवानों के साहसपूर्ण कार्य की तारीफ की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तुर्की में भूकंप के 14 दिन बाद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए 10 करोड़ डॉलर मदद देने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि गत 6 फरवरी को दक्षिणी तुर्की और उत्तरी सीरिया में आये विनाशकारी भूकंप से अब तक 44 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप के 13 दिन बाद भी चमत्कार दिखना जारी है। बचाव दलों ने तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को आये भूकंप के मलबे से और भी जीवित लोगों को बाहर निकाला है, जबकि लोगों के जीवित मिलने की संभावना घटती जा रही है। भूकंप के बाद शनिवार को हुए घटनाक्रम इस प्रकार हैं:- हेते में तीन लोगों को बचाया गया।
विनाशकारी भूकंप का दंश झेल रहे तुर्की से लौटते वक्त भारत के एनडीआरएफ कर्मियों का तुर्की के अदाना एयरपोट पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
तुर्की में आए भूकंप में अब तक 41 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.जबकि एक लाख से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
शुक्रवार की सुबह- सुबह 5 बजे जम्मू-कश्मीर के कटरा में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.6 मापी गई है।
फिलिपींस के मस्बेट प्रांत में भूकंप आया है। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.1 आंकी गई है, लेकिन फिलहाल, नुकसान या हताहतों की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
इस बीच, तुर्की और सीरिया में विनाशकारी 7.8 तीव्रता के भूकंप के एक हफ्ते बाद, राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाया जा रहा है। रविवार को मलबे के नीचे 147 घंटों के बाद एक 10 वर्षीय लड़की को बचाया गया था।
28 साल की इसवान रूकेन, एक संगीत शिक्षिका, इस्केंडरन में अरसुज से हैं। इसवान ने एएनआई को बताया है कि अपने प्रेमी की मौत के बाद वह कैसा महसूस कर रही हैं। इसवान के प्रेमी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे।
"नौ दिन चले अढ़ाई कोस"...यह मुहावरा तो आपने बहुत बार सुना होगा। मगर आज जो घटना हम आपको बताने जा रहे हैं, उसके बारे में सुनकर होश उड़ जाएंगे। तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को अब 9 दिन हो चुके हैं। एक पल में प्रकृति के प्रकोप ने बहुत सारी जिंदगियां छीन लीं और देखते ही देखते सबकुछ तबाह हो गया।
पौड़ी जिले के कोटद्वार के पदमपुर क्षेत्र निवासी विजय कुमार गौड़ बेंगलुरु की एक कंपनी के लिए काम करते थे और एक आधिकारिक काम के सिलसिले में तुर्किये में थे। 6 फरवरी को तुर्किये में आए भीषण भूकंप के बाद से वह लापता थे।
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