तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 26 हज़ार से ज्यादा की मौत हो चुकी है. जबकि 1 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. तुर्की के कहारनमारास शहर में अब तक 2 हजार एक सौ तीन भूकंप के आफ्टरशॉक आ चुके हैं. जिससे लोगों में अभी भी भूकंप की दहशत बनी हुई है.
इस जलजले में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हजार हो गई है। तुर्की में भारतीय सेना के जवान और एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी के साथ अपने काम में जुटी हुई है। चिकित्सकों का दल भी घायलों के समुचित इलाज क लिए कमर कसे हुए है।
तुर्की और सीरिया के भूकंप से मरने वालों की संख्या 24000 के पार पहुंच गई है। वहीं इस भूकंप में एक भारतीय की भी मौत की खबर है।
तुर्की के भूकंप ने कुछ इलाकों में इन दोनों वर्गों से आने वाले लोगों की मुश्किलों में और इजाफा ही कर दिया है, ऐसे में आने वाला चुनाव एर्दोआन के राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद मुश्किल हो सकता है।
तुर्की में भूकंप के बाद हर तरफ बस तबाही ही तबाही नज़र आ रही है. अब तक 24 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. तुर्की और सीरिया दोनों देशों में भूकंप ने सब कुछ बदल दिया. 27 हज़ार से ज्यादा बिल्डिगें ध्वस्त हो गई. इतिहास की कई निशानियां मिट गई हैं.
गुजरात के सूरत में शनिवार की सुबह भूकंप से हिली धरती। रिक्टर पैमाने पर 3.8 मापी ग्ई तीव्रता। किसी के हताहत होने की खबर नहीं।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं. भूकंप से अब तक 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. एक लाख से ज्यादा लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. भूकंप के चलते तुर्की के अंटाक्या, सनलिउरफा और सीरिया का अलेप्पो शहर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है.
तुर्की के मरास इलाक़े में सात मंज़िला इमारत के अंदर 50 लोगों के होने की संभावनाएं थीं। जब यहां की रेस्क्यू टीम लगातार खोज रही थी तो उसी दौरान मलबे के अंदर उनको हलचल दिखाई दी। इस हलचल को देखने के बाद टीम ने बचाव अभियान शुरू किया।
तुर्की में राहत और बचाव में जुटे एनडीआरएफ के जवानों ने एक ढही हुई इमारत के मलबे से आठ साल की बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।
तुर्की और सीरिया में भूकंप की तबाही को देखते हुए पीड़ितों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सीरिया में तत्काल युद्ध विराम का आग्रह किया है। इसके बाद अमेरिका ने प्रतिबंधों को स्थगित कर दिया है।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अभी भी चमत्कार होने का सिलसिला जारी है। आज तबाही के 100 घंटे बीत जाने के बाद भी राहत और बचाव दलों ने 6 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला है। यह देखकर हर कोई हैरान रह गया। कुदरत के कहर के बाद उसका ऐसा करिश्मा देखना अद्भुद है।
तबाही के इस खौफनाक मंजर के बीच अब भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। संकट की इस घड़ी में तुर्की के साथ भारत मजबूती के साथ खड़ा है। इंडियन आर्मी और NDRF की टीमें ऑपरेशन दोस्त के तहते तुर्की में रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही हैं और तबाही के जख्मों पर मरहम लगा रही हैं।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में मदद करने के मामले में भारत सबसे आगे निकल चुका है। लिहाजा तुर्की और सीरिया भारत की इस मदद के मुरीद हो गए हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तेइप एर्दोगन ने तो यह तक कह दिया कि वैसे तो हमारे बहुत दोस्त बनते थे, लेकिन जो "मुसीबत के वक्त काम आए वही असली दोस्त है।"
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अब तक 21 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सीरिया में इसी त्रासदी के दौरान एक गर्भवती मां मलबे के नीचे दबकर अपनी जान गवां बैठी। मगर वह इसी वक्त एक बच्ची को जन्म दे गई। यह नवजात भी मलबे में दबी थी। इस नवजात के माता-पिता और भाई-बहन भूकंप में मारे जा चुके हैं।
इंडियन आर्मी की 60 पैरा फील्ड मेडिकल टीम तुर्की में भूकंप पीड़ितों का इलाज कर रही है, और हर क्रिटिकल कंडीशन को अपने कौशल से दूर कर रही है। इंडियन आर्मी के इस अस्पताल में कैसे इलाज किया जा रहा है। देखिए ग्राउंड रिपोर्ट
Earthquake In Turkey: तुर्की में अब तक करीब 18 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की का नुरदागी एरिया भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इस इलाके में NDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है। इंडिया टीवी के डिफेंस एडिटर मनीष प्रसाद की ग्राउंड रिपोर्ट देखिए.
तुर्की में भूकंप ने मचई तबाही से ये देश 10 फीट खिसक गया है. इस बात का proof देने वाली सैटेलाइट की तस्वीरें भी सामने आईं है अगर तुर्की वाकई 10 फीट खिसका तो पीछे वजह है. इसकी पूरी साइंटिफिक analysis आज हम आपके सामने रखने जा रहे हैं । जिसमें एक देश के 10 फीट खिसकने का सबूत दर्ज है.
तुर्की-सीरिया में भारतीय सेना के जवान रेसक्यू करने के लिए जी-जान लगाकर काम कर रहे हैं. सेना ने अस्पताल बनाकर घायलों के लिए व्यवस्था की है जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
विनाशकारी भूकंप से अब तक 21000 लोगों की मौत हो चुकी है। मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोगों के दबे हुए शव निकाले जा रहे हैं। इसी बीच भारत ने सबसे पहले तुर्की को मदद के लिए 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत मदद पहुंचाई है।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में भारत तुर्की का सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ है। सेना के कई विमान और भारी मात्रा में दवाएं, राहत सामग्री व चिकित्सक और राहत दल पहले दिन से ही तुर्की में मानवता की मदद कर रहे हैं।
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