Earthquake In Delhi-NCR: एक बार फिर धरती हिल उठी...भूकंप के तेज झटकों से कल रात दिल्ली..नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर दहल उठे.
भारत के कई हिस्सो में मंगलवार की रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 6.6 बताई गई। कभी भी भूकंप आए तो उसे लेकर सावधानी बरतें, भूलकर भी ऐसी गलती ना करें।
जब से तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद तबाही मची उसके बाद भूकंप के नाम से भी लोग कांप उठते हैं। मंगलवार देर रात जैसे ही दिल्ली-एनसीआर और पंजाब समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए उसके बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
दिल्ली-एनसीआर और पंजाब समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। ये झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था।
यूरोपीय आयोग ने कहा कि कुल 6.05 बिलियन यूरो तुर्की को अनुदान और ऋण के रूप में और सीरिया को 950 मिलियन यूरो अनुदान के रूप में प्रदान किए जाएंगे। अनुदान का 50 प्रतिशत से अधिक (3.6 बिलियन यूरो) यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों के साथ-साथ यूरोपीय निवेश बैंक और पुनर्निर्माण और विकास के लिए यूरोपीय बैंक से आएगा।
भूकंप सोमवार सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर आया, जिसका केंद्र कच्छ जिले के भचाऊ शहर से करीब 10 किलोमीटर उत्तर-पूर्वोत्तर (एनएनई) में था। कच्छ जिले में भूकंप का खतरा अधिक बना रहता है और नियमित रूप से यहां हल्के झटके महसूस किए जाते हैं।
कंप का केंद्र इक्वाडोर के दूसरे सबसे बड़े शहर गुआयाकिल से लगभग 50 मील (80 किलोमीटर) दक्षिण में केंद्रित था। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में लोगों को गुआयाकिल की सड़कों पर इकट्ठा होते देखा जा सकता है।
न्यूजीलैंड के केरमाडेक द्वीप समूह में जबरदस्त भूकंप आया है। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई है।
सानलिउरफा के टेलीविजन द्वारा जारी एक वीडियो में बाढ़ के पानी से लबालब सड़कें और पानी में कारें बहती हुई दिख रही हैं।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) की मानें तो आज सुबह अफगानिस्तान के फैजाबाद से 101 किमी दक्षिणी इलाके में रिक्टर स्केल पर 4.1 की तीव्रता वाले भूकंप को मापा गया है। बता दें कि अभी अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
कुल 5 बार भूकंप आने के कारण उत्तरकाशी में लोग दहशत में हैं। जानकारी के मुताबिक ये भूकंप के झटके रात के 12.39 बजे से रात के 1.15 बजे तक महसूस किए गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि उत्तरकाशी जिला भूकंप के लिहाज से जोन 5 में आता है।
अफगानिस्तान के फैजाबाद से 82 किमी दक्षिण पूर्व में मंगलवार को 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार फिलहाल भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है, फिर भी धरती डोलने की घटना से यहां के लोग सहम गए हैं।
Earthquake Again: भारत के मणिपुर में और अफगानिस्तान में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। मणिपुर के नोनी में आए भूकंप की तीव्रता जहां 3.1 थी वहीं अफगानिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता 4.1 थी।
शनिवार रात जापान के होक्काइडो में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि जापान के होक्काइडो में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद कुशीरो और नेमुरो के तटीय शहर हिल उठे।
पापुआ न्यूगिनी में रविवार देर रात तगड़ा भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.2 थी। वहीं अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप से धरती कांप उठी। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.3 आंकी गई। अफगानिस्तान में इससे पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तुर्की में आए भूकंप के बाद लगातार मध्य एशिया में धरती कांप रही है।
तुर्की के बाद अब जापान में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि जापान के होक्काइडो में अब से थोड़ी देर पहले 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि इसके बाद सुनामी की कोई चेतावनी नहीं है। जबकि आज ही तुर्की में कुछ घंटे पहले फिर से 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद जापान में आए भूकंप से हलचल मच गई।
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप आने से अब तक 50 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद से अब तक तुर्की में कई बार भूकंप आ चुका है, जिससे स्थानीय लोग डर-डरकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।
Earthquake In Indonesia: तुर्की-सीरिया में तबाही मचाने के बाद भूकंप का सिलसिला जारी है। अफगानिस्तान के बाद अब इंडोनेशिया में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं।
भूवैज्ञानिक आने वाले समय में भारत में भी तुर्की जैसे भूकंप की भविष्यवाणी कर रहे हैं। नेशनल जियो फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी NGRI के वैज्ञानिकों के अनुसार हिलालय क्षेत्र में तगड़े भूकंप आ सकते हैं।
तुर्की की तरह भारत में भी बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। यह भूकंप हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में आ सकता है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है। डॉ. राव ने कहा कि तुर्की में आए भूकंप में इतनी मौत की वजह औसत निर्माण रहा।
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