पेवर्ल्ड बाजार अपने मंच पर ग्रामीण और मझोले शहरों के उपभोक्ताओं को ई-कॉमर्स से जुड़ने की सुविधा प्रदान कर रहा है।
सामूहिक मांग के आधार पर सस्ते में उत्पाद उपलब्ध कराने का दावा करने वाली स्टार्ट-अप कंपनी Shopmate ने इस साल छोटे शहरों में विस्तार का लक्ष्य रखा है।
बल्कहाउस डॉट इन नाम के इस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की अपना खुद का बैकएंड सपोर्ट सिस्टम बनने की भी योजना बनाई है। अपने खुद के लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस होंगे।
घरेलू एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनी डॉबर देश के ई-कामर्स क्षेत्र में तेजी से पैर पसारने की तैयारी में है।
ई-कॉमर्स क्षेत्र में मजबूत वृद्धि के चलते दिसंबर 2016 तक भारत में ऑनलाइन बाजार का आकार 2.1 लाख करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।
ईकॉमर्स साइट अमेजन को भारत में 3 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर पोस्टल डिपार्टमेंट ने अमेजन को एनिवर्सिरी गिफ्ट के रूप में डाक टिकट जारी किया है।
Flipkart से प्रोडक्ट खरीदने से पहले अब आपको दो बार जरूर सोचना होगा। क्योंकि कंपनी ने अपनी प्रोडक्ट रिटर्न पॉलिसी में बदलाव कर दिया है।
अखिलेश सरकार ने एक अहम फैसले के तहत ऑनलाइन शॉपिंग, कुरियर से सामान मंगाने और अन्य ई-कामर्स सेवाओं पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
सर्च इंजन गूगल की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में ई-कॉमर्स बाजार से बिकने वाली वस्तुओं का सकल वस्तु मूल्य 2020 तक 60 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है।
चीन के टाइंस समूह की योजना भारत के बढ़ते हुए ई-कामर्स क्षेत्र में प्रवेश करने की है। कपंनी का इरादा कि ई मार्केट प्लेस की स्थापना करने का है।
बड़ी संख्या में युवा आबादी, इंटरनेट की पहुंच में वृद्धि से देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र की आय 2016 में 30 अरब डॉलर से बढ़कर 2020 तक 120 अरब डॉलर होने का अनुमान।
वित्त मंत्रालय ने सरकारी ई-मार्केटप्लेस को हरी झंडी दे दी। इसके जरिये विभिन्न मंत्रालयों में खरीदे जाने वाले सामान और सेवाओं के लिए खरीदारी की जाएगी।
भारतीय लोग इंटरनेट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल ई-शॉपिंग के लिए करते हैं और हर महीने वह औसतन 9,400 रुपए ऑनलाइन खरीदारी पर खर्च करते हैं।
आईटी उद्योगों के संगठन नास्कॉम ने राज्य सरकारों द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये खरीदारी करने पर एंट्री टैक्स लगाने के विधेयक का विरोध किया है।
चीन की अलीबाबा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब जापान की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी Rakuten ने भी भारत के ई-कॉमर्स बाजार में प्रवेश करने की तैयारी शुरू कर दी है।
Digital India के लिए तेजी से प्रयास कर रही सरकार अब एक नई छलांग लगाने की तैयारी में है। सरकार खरीद में तालमेल के लिए एक पोर्टल का विकास कर रही है।
ई-कॉमर्स कारोबार के चलते कारोबारियों की बिक्री और वैट में कमी को देखते हुए राज्यों ने ऑनलाइन बिक्री पर एक अप्रैल से टैक्स लगाने का फैसला किया है।
सरकार ने ई-कॉमर्स के मार्केटप्लेस मॉडल में ऑटोमैटिक रूट के जरिये 100 फीसदी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को अपनी मंजूरी दे दी है।
भारत का ईकॉमर्स सेक्टर आक्रामक मार्केटिंग और डिस्काउंट ऑफर्स के चलते तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में पिछले साल 5.5 करोड़ लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग की थी।
सरकार ई-कॉमर्स रिटेलिंग के मार्केट प्लेस मॉडल में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी देने पर विचार कर रही है। इससे सरकार और जयादा विदेशी निवेश आकर्षित करेगी।
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