10 मिनट के रिटर्न से एक ओर जहां ई-कॉमर्स कंपनियों की लॉजिस्टिक लागत बढ़ेगी वहीं, स्टोरेज भी मुश्किल होगा क्योंकि डार्क स्टोर्स में सीमित जगह होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अभी के लिए, 1 घंटे से लेकर कुछ दिनों के रिटर्न को जारी रखना बेहतर है।
क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म आमतौर पर 10-30 मिनट के भीतर सामान वितरित करते हैं। हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले डीपीआईआईटी ने क्विक कॉमर्स प्लेयर्स के खिलाफ कथित अनुचित व्यापार व्यवहार की शिकायत प्रतिस्पर्धा आयोग को भेजी है।
कंपनी के बयान के अनुसार, आइकिया अब अपने इस दृष्टिकोण के साथ नए मार्केट में एंट्री करने पर भी जोर-शोर से काम कर रही है। कंपनी के नए मार्केट में देश की राजधानी दिल्ली समेत इसके आसपास के शहर जैसे- नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद भी शामिल हैं।
त्योहारों के दौरान लोग शॉपिंग को लेकर काफी एक्साइटेड रहते हैं। ये एक्साइटमेंट इतनी ज्यादा होती है कि लोग कीमतों की तुलना करना भूल जाते हैं और फिर बाद में जब उन्हें ये मालूम चलता है कि जो सामान उन्होंने 1000 रुपये में खरीदा है, वो दूसरी जगह 500-600 रुपये में ही मिल रहा था।
टीमलीज सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कारोबार प्रमुख बालासुब्रमण्यम ए ने बयान में कहा कि इस त्योहारी सत्र में ई-कॉमर्स बिक्री को और रोजगार सृजन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगा।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि वैज्ञानिक आपूर्ति, चिमनी, लैपटॉप बैग तथा टायर जैसी श्रेणियों में रेफरल शुल्क को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा 1,000 रुपये से अधिक की औसत बिक्री मूल्य के लिए समापन शुल्क में तीन रुपये की बढ़ोतरी की गई है। परिवहन लागत में महंगाई के अनुरूप वजन प्रबंधन शुल्क में दो रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
इस महीने की शुरुआत में, बिन्नी ने 'ओप्पडूर' नाम से एक नए उद्यम की घोषणा की, जो ई-कॉमर्स कंपनियों को एंड-टू-एंड सॉल्यूशन प्रदान करके वैश्विक स्तर पर परिचालन का विस्तार करने में मदद करेगा। रिपोर्टों के अनुसार, ओप्पडूर शुरुआत में अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, यूके, जर्मनी, सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया में ई-कॉमर्स कंपनियों
मीशो की बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से मझोले (टियर-2) और छोटे शहरों पर इसके ध्यान को दिया गया। इसके अलावा शून्य कमीशन मॉडल के कारण भी मीशो को मदद मिल रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि मीशो के लगभग 80 प्रतिशत विक्रेता खुदरा दुकान के मालिक हैं और मंच पर लगभग 95 प्रतिशत उत्पाद गैर-ब्रांडेड हैं।
फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉय के गलत व्यवहार से लड़की नाराज हुई। इसके बाद उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए पूरा मामला बताया। पोस्ट इतना वायरल हुआ कि इस पर फ्लिपकार्ट ने भी अपना रिएक्शन दिया है।
साल 2023 में ई-खुदरा बाजार करीब 4.75 लाख करोड़ रुपये से 5 लाख करोड़ रुपये का हो जाने की उम्मीद है। किफायती डेटा, बेहतर लॉजिस्टिक, फिनटेक बुनियादी ढांचा और मजबूत डिजिटल उपभोक्ता इको सिस्टम की इसमें बड़ी भूमिका है।
कंपनी के अनुसार, ‘प्रोजेक्ट सुरक्षा’ प्रणाली ने 12,000 से अधिक नियमों का उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं के खातों का पता लगाया है और उनकी मंच तक पहुंच प्रतिबंधित की।
मीशो ने अपने 250 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है, वहीं शॉपिफाइ अपने 20 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है।
E-Commerce Industry Growth: आने वाले वर्षों में कुछ खास इंडस्ट्री में रिकॉर्ड ग्रोथ देखने को मिल सकती है, जिस तरह से भारत में इंटरनेट की स्पीड को लेकर क्रांति आई है, वह जल्द ही विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।
देश में महंगाई बढ़ने के चलते खाने पीने के सामान से लेकर उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में कमी देखी जा रही है। ग्रामीण भारत पर भी महंगाई की मार पड़ी है।
एक फरवरी को 1.5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने के बाद हम पूरे वित्त वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य बना रहे हैं
रिपोर्ट के मुताबिक, दवा एवं औषधि क्षेत्र के 20 प्रतिशत उत्पाद, टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र के 17 प्रतिशत उत्पाद और कृषि-रसायन क्षेत्र के 16 प्रतिशत उत्पाद नकली पाए गए हैं।
अमेजन इंडिया ने देश में हवाई सर्विस की शुरुआत की है। वह ऐसा करने वाली देश की पहली E-Commerce कंपनी बन गई है। आइए इसकी खासियत के बारे में जानते हैं।
सूत्रों ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर आज दिशानिर्देश जारी करेगा, जो ई-कॉमर्स कंपनियों को फर्जी प्रोडक्ट रिव्यू पोस्ट करने से हतोत्साहित करेगा।
दुनिया में मंदी की आहट ने अब असर करना शुरु कर दिया है। फेसबुक, ट्विटर और स्नेपचैट जैसी बड़ी कंपनियों के द्वारा छंटनी करने के बाद अब दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने भी अपने यहां काम कर रहे लोगों को नौकरी से निकालने जा रही है।
भारत में ईकॉमर्स का कारोबार काफी तेजी से फलफूल रहा है। अमेरिका की दो बड़ी कंपनियां अमेजन और वॉलमार्ट इस क्षेत्र में पैर जमा चुकी हैं।
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