अमेरिका में युवाओं में ई-सिगरेट की लत की बढ़ती समस्या से निपटने के प्रयासों के तहत अमेरिकी सरकार ने घोषणा की है कि वह देश में अधिकतर ई-सिगरेट पर जल्द ही प्रतिबंध लगाएगी।
अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने पाया है कि साल 2013 में प्रचलन में आने के बाद से टैंक-स्टाइल इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के एरोसोल या वाष्प में लेड, निकल, आयरन और कॉपर जैसी कार्सिनोजेन धातुओं का सांद्रण बढ़ा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को युवाओं को ई-सिगरेट के खतरे बताए और कहा कि ई-सिगरेट पर प्रतिबन्ध इसलिए लगाया गया है ताकि नशे का यह नया तरीका हमारे युवा देश को तबाह न कर सके।
सरकार ने बृहस्पतिवार को इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई- सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, प्रचार, लाने-ले जाने और आयात- निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में ई-सिगरेट पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। जानें इसे पीने के नुकसान।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दी है।
न्यूयॉर्क सुगंधित ई-सिगरेट को प्रतिबंधित करने वाला मंगलवार को दूसरा राज्य बन गया। ई-सिगरेट के कारण हुई कई मौत के बाद यह कदम उठाया गया।
पर्यवेक्षकों द्वारा मंगलवार को दूसरा और अंतिम वोट मापने के बाद सैन फ्रांसिस्को ई-सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला प्रमुख अमेरिकी शहर बन गया है।
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