भयानक सूखे की मार से ब्राजील की धरती कराह रही है। अमेजन वर्षावन वाले रिवर पोर्ट में 122 वर्षों का सबसे बड़ा सूखा रिकॉर्ड किए जाने से वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
जिम्बाब्वे में भयंकर सूखा पड़ने से फसलें सूख गई हैं। नदियों और तालाबों में धूल उड़ रही है। आधे से अधिक आबादी के सामने पेयजल और खाद्य पदार्थों का भारी संकट है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने दुनिया से जिम्बाब्वे की मानवीय मदद करने की अपील की है।
जम्मू-कश्मीर में इस साल सर्दी का मौसम स्थानीय लोगों के लिए चिंता लेकर आया है। हालात ऐसे हैं कि यहां दिल्ली से भी कम ठंड पड़ रही है और लगभग सूखे जैसी स्थिति है।
Drought in China:अभी तक पाकिस्तान बाढ़ से बर्बाद होता रहा। पाकिस्तान में सैकड़ों लोग बाढ़ की विभीषिका में बह गए। वहीं दर्जनों लोग भूख और बीमारी से मर गए। बाढ़ के दंश से पाकिस्तान अभी तक उबर नहीं पाया है। सैकड़ों घर और जानवर भी पानी में बह गए। पाकिस्तान के बाद अब उसका दोस्त चीन सूखे की मार झेलने को मजबूर है।
Jharkhand News: भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने राज्य को ‘सूखाग्रस्त’ का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया। इसके कारण विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
कटोरा लेकर दुनियाभर में कर्ज मांग रहे पाकिस्तान के लिए एक खबर और उसके देश के बुरे हालात को बयां कर रही है।
बैव गांव में पीने के पानी के लिए ग्रामीणों को रोजाना इस तरह दुर्गम पहाड़ी से सफर करके जमीन खोदकर पानी एकत्र करना पड़ता है। प्रतापगढ़ में हाल ही में जल जीवन मिशन में करीब 1650 करोड़ रुपए की योजना स्वीकृत हुई, लेकिन दूरस्थ गांव में राहत नहीं।
एक जमाना था जब ऑस्ट्रेलिया में भारत से ऊंट ले जाए गए थे और एक आज का समय है जब यहां 5000 ऊंटों को गोली से मार दिया गया।
उत्तर प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्र बुंदेलखंड के नदी और तालाब एक बार फिर साल भर पानी से भरे नज़र आ सकते हैं।
जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने साल 2024 तक सभी लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है।
तापमान आसमान छू रहा है और पानी पाताल के भी नीचे जा रहा है। देश में ऐसा सूखा पड़ा है जैसा पहले शायद ही कभी देखा गया होगा। आधे हिंदुस्तान में पानी की कमी से हाहाकार मचा हुआ है। गांव से शहर तक लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
बिहार में मई तक सामान्य तौर पर 51.0 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी परंतु अब तक मात्र 32.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। ऐसे में राज्य में सूखे की आशंका को लेकर उससे निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है।
अफ्रीका के कई देशों में हालात इतने खराब हैं कि वहां लोगों को एक वक्त का खाना जुटाने में भी भारी मशक्कत करनी पड़ती है।
कर्नाटक इस समय सूखे के संकट से जूझ रहा है। राज्य के सभी छोटे-बड़े जलाशयों में सिर्फ पेयजल उपयोग के लिए पानी शेष बचा है।
भारत का लगभग 42 फीसदी हिस्सा 'असामान्य रूप से सूखाग्रस्त' है, जो बीते साल की तुलना में 6 फीसदी अधिक है।
महाराष्ट्र के 26 जिलों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, इनमें औरंगाबाद, परभणी, अहमदनगर, धुले, जलगांव, नाशिक, नंदूरबार, अकोला, अमरावती, बुलढाणा, बीड, हिंगोली, जालना, नांदेड़, लातूर, उस्मानाबाद, यवतमाल, वाशिम, वर्धा, चंद्रपुर, नागपुर, पुणे, सांगली, सातारा, सोलापुर और पालघर शामिल हैं।
महाराष्ट्र के पालघर जिले में 51 हजार से ज्यादा किसानों को सूखा राहत के तौर पर 21.09 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गई है।
सियोल। उत्तर कोरिया ने देश में खाद्यान्न की कमी की खबरों के बीच कहा है कि वह करीब चार दशकों में सबसे भीषण सूखे से जूझ रहा है।
महाराष्ट्र के जल संकट झेल रहे नासिक जिले में एक व्यक्ति ने अपने घर से पानी चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई है।
यूनीसेफ की प्रवक्ता एलिसन पार्कर ने जिनेवा में बताया, ‘अफगानिस्तान में बच्चों की स्थित बेहद खराब है।'
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